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कोटा से दिल्ली के 480 छात्रों को वापस लाई दिल्ली सरकार

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नई दिल्ली : लॉकडाउन के कारण कोटा राजस्थान में विभिन्न संस्थानों में पढ़ने वाले दिल्ली के सैकडों छात्र फंस गए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर इन छात्रों को दिल्ली में उनके माता-पिता के पास वापस लाने की परिवहन मंत्रालय ने योजना बनाई। दिल्ली सरकार की ओर से 813 छात्रों को लाने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन 480 छात्र ही दिल्ली से थे, उन्हें वापस लाया गया।   ISBT कश्मीरी गेट पर दिल्ली के जिलों के लिए 11 काउंटर बनाए गए थे, जहां प्रत्येक छात्र को COVID-19 के लिए 11 अलग-अलग मेडिकल टीमों द्वारा एक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाँफ ने उचित जांच की। इसके अलावा, हर जिलेवार काउंटर के सामने, 6 फीट की दूरी पर 100 सर्कल बनाए गए थे ताकि स्क्रीनिंग के दौरान सामाजिक दूरियों के मानदंडों का ठीक से पालन किया जा सके। मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद, प्रत्येक छात्र को अपने विशिष्ट मार्ग के लिए समर्पित डीटीसी बस नंबर को इंगित करते हुए एक कूपन दिया गया था। माता-पिता को आईएसबीटी में नहीं आने के लिए कहा गया था क्योंकि सरकार ने डीटीसी बसों के माध्यम से उचित व्यवस्था की ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्ये...

दिल्ली में मिलेगी छूट, दो सप्ताह और जारी रहेगा लाँकडाउन -अरविंद केजरीवाल

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नई दिल्ली , दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार की गाइड लाइंस का पालन करते हुए दिल्ली में कुछ गतिविधियों को शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दे दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केंद्र सरकार ने पूरे दिल्ली को रेड जोन घोषित किया है। केद्र सरकार की गाइड लाइंस का अध्ययन करने के बाद दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि मार्केट, माॅल और मार्केट काम्प्लेक्स बंद रहेंगे। जबकि स्टैंड अलोन शाॅप, नेवरहूड शाॅप और रेजिडेंशियल काम्प्लेक्स मे जो दुकानें हैं, वह खुलेंगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब हमें कोरोना के बीच जीने की आदत डालने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। ऐसा कभी नहीं हो सकता है कि कोरोना पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। लिहाजा दिल्ली सरकार ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। लाॅक डाउन से पूरी अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है। लिहाजा, अब दिल्ली को खोलने का वक्त आ गया है। इसके लिए हम केंद्र सरकार से भी बात कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही दिल्ली के सभी मार्केट खुलेंगे। अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि दो सप्ताह के लिए लाॅक डाउन को और बढ़ाया जा रहा ...

संकट के समय हमनें देश को कभी विखंडित होते नहीं देखा

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विजय सिंह बिष्ट  किसी भी संकट के समय हमने देश की अखंडता को कभी विखंडित होते नहीं देखा है। भारत की स्वतंत्रता की प्राप्ति में देश के वीर जवानों ने अपना सर्वस्व  वलिदान कर दिया था। भारत की वीर नारियों ने भी बढ़ चढ़ भाग लिया। इतिहास इसकी पुष्टि करता है। भारत पाकिस्तान ,चीन बंगला देश के युद्ध में सारा देश एक जुट होकर ही जीत पाया था। देश पर जब भी संकट के बादल छाए हैं हर भारतीय ने तन मन और धन से अपना सहयोग दिया है और बढ़-चढ़ कर दिया है। उस समय न राजनीति की उठा पटक होती थी नहीं आलोचना। आज की तरह तर्क और कुतर्क भी नहीं सुनने में नहीं आते थे। सब भारतीय थे न हिन्दू थे नहीं मुसलमान,देश धर्मो पर भी नहीं बंटा था। आज कल की तरह  इतने पढ़ें लिखे नहीं थे। फिर प्रसारण के लिए मात्र अखबार थे जो सप्ताहिक हुआ करते थे, और बहुत कम लोग ग्रामीण क्षेत्रों में मंगाते थे। उसके बाद रेडियो का जमाना आया , लेकिन वह भी सीमित लोगों के पास होता था।सेलौ और बैटरी से चलने के कारण उनमें भी व्यवधान आता रहता था।लोग चौपाल में बैठकर चर्चा करते थे। विज्ञान के चमत्कार का दौर आया तो ब्लैक एंड ह्वाइट टीवी का चलन आरंभ ह...

संवेदनाओं व रिश्तों की भाव -भूमि पर लिखा उपन्यास "खट्टे मीठे से रिश्ते"

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सुरेखा शर्मा ,समीक्षक  उपन्यास  -- खट्टे मीठे से रिश्ते   लेखिका - गरिमा संजय   प्रकाशन - ज्ञान विज्ञान एजूकेयर संस्करण - 2019, मूल्य 350/- पृष्ठ -184                ''रिश्ते तो सचमुच धागे की तरह ही होते हैं,एक बार टूटे तो दोबारा कितना भी भूलाकर निभाने की कोशिश की जाए,मन में गाँठ तो पड़ ही जाती है।एक बार आई दरार कितनी भी क्यों न भरी जाए,उसके निशान हमेशा के लिए बने रहते हैं।"  ये कुछ अंश हैं उपन्यास खट्टे मीठे से रिश्ते ' से।            वस्तुतः ''खट्टे मीठे से रिश्ते" उपन्यास    मानव जीवन के सम्पूर्ण रिश्तों में ही ही नहीं बल्कि समस्त समाज में व्याप्त बुराई जाति- पाति की समस्या का एक शब्द चित्र है।जिसमें मानव जीवन के यथार्थ का चित्रण है जो मानव मन को अनेक प्रकार से प्रभावित करता है ।जैसा कि शीर्षक से ही स्पष्ट हो जाता है कि इस उपन्यास की कथा का मूल बिंदु कुछ खट्टे, कुछ मीठे रिश्तों का संसार है।उपन्यास के नायक -नायिका की लंबी कहानी है ।उपन्यास की घटनाएँ और पात्रों की यात्रा प्रारंभ स...