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Delhi राष्ट्र टाइम्स का 43वां स्थापना दिवस : संपादक विजय शंकर चतुर्वेदी ...

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राष्ट्र टाइम्स का 43वां स्थापना दिवस : संपादक विजय शंकर चतुर्वेदी हुए सम्मानित

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। पत्रकारिता के 50 वर्ष पूरे करने पर राष्ट्र टाइम्स के संपादक विजय शंकर चतुर्वेदी को सम्मानित किया गया। वहीं राष्ट्र टाइम्स का 43वां स्थापना दिवस भी मनाया गया। इस कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व सांसद, प्रभारी मध्य प्रदेश जयप्रकाश अग्रवाल, पूर्व मंत्री दिल्ली सरकार रमाकांत गोस्वामी, चेयरमैन कम्युनिकेशन दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अनिल भारद्वाज, पूर्व सांसद राज्यसभा जे.के. जैन, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा और पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार मौजूद रहे। इस मौके पर पूर्व सांसद जय प्रकाश अग्रवाल ने कहा " विजय शंकर चतुर्वेदी के कार्य की जितनी सराहना की जाए वह कम है। वह अपने जीवन में और ऊंचाईयों को प्राप्त करें इसके लिए मैं उन्हें प्रोत्साहित करना चाहूंगा।" प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा ने चतुर्वेदी का सम्मान करते हुए कहा " विजय शंकर ने समाजिक सरोकार की पत्रकारिता की है, यह पत्रकारिता हर किसी के बस की बात नहीं है। मैं उन्हें 50 वर्ष पत्रकारिता के क्षेत्र में पूरे करने पर शुभकामनाएं देता हूं।" जबकि अनिल

पुस्तक-अनुबंध : उपन्यास गुजरात के एक परिवार पर केंद्रित

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० पुस्तक-अनुबंध  ० लेखक कर्नल सीएम नौटियाल ० प्रकाशक श्री नटराज प्रकाशन, गामड़ी एक्सटेंशन दिल्ली ० मूल्य ₹ 650 ० पेज 312  ०  समीक्षक योगेश भट्ट ०  कर्नल सीएम नौटियाल 14 नवंबर 1943 को उत्तराखंड में जन्मे बीए ऑनर्स एलएलबी एमबीए की शिक्षा में पारंगत होने के साथ-साथ सेना से सेवानिवृत्त तत्पश्चात मल्टीनेशनल कंपनी के महाप्रबंधक व भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश संयोजक के पद को सुशोभित करने के बाद वर्तमान में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रहकर साहित्य साधना में पूर्णरूपेण रत हैं साहित्य साधना के प्रति स्वरूप अभी तक उनकी रचनाओं में वतन उपन्यास वही बाकी निशा होगा पर्वत रोते हैं कहानी संग्रह हिमशिखर काव्य संग्रह पुष्पांजलि डांडी कांठी गीतों की रचनाओं सहित 15 से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं  कर्नल सीएम नौटियाल का अनुबंध उपन्यास जो कि 13 अध्यायों में विभक्त है विशेषकर देव भूमि उत्तराखंड के चार धामों के प्रति लोगों की आस्था विश्वास प्रेरणा एवं लगाव के सरोकारों को छूते हुए समय के अनुरूप उत्तराखंड के दर्शन करवाते हैं इसी कड़ी में सन 2013 में केदार की आपदा पर केंद्रित होकर यह उपन्यास उ

आपातकाल में प्रेस पर पाबंदी के खिलाफ एनयूजे ने निभाई थी बड़ी भूमिका - रास बिहारी

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० योगेश भट्ट ०  आपातलकाल के पहले पांच महीने में इंदिरा सरकार के अत्याचारों के कारण देश हिल गया था। इसके बाद भय को मिटाने के लिए संघ के स्वयंसेवकों ने भूमिगत होकर आपातकाल के विरोध में कार्य किया। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि क्रांतिकारी माओवादी नेता और कार्यकर्ताओं ने भी आपातकाल में सरकार और पुलिस के मुखबिरों की भूमिका निभाई थी। जेल में बंद माओवादी नेता गिरफ्तार नेताओं की जासूसी करते थे। नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार, लेखक तथा हिन्दुस्थान समाचार के प्रधान संपादक रामबहादुर राय ने एनयूजेआई स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन तथा दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा आपातकाल और प्रेस विषय पर आयोजित संगोष्ठी में खुलासा किया कि कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता आपातकाल के दौरान पुलिस के मुखबिर बन गए थे। आपातकाल के दौरान 16 महीने जेल में बंद रहे राय ने बताया कि कांग्रेस के नेताओं के दबाव में तमाम लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया था।  उन्होंने यह भी खुलासा किया कि आचार्य विनोवा भावे ने कभी नहीं कहा था कि आपातकाल अनुशासन पर्व है। कांग्रेसी नेता निर्मला देशपांडे द्वारा फैलाए गए झूठ का विनोबा भावे आपात

IIMC बना देश का सर्वश्रेष्ठ मीडिया शिक्षण संस्थान 'बेस्ट कॉलेज सर्वे' में पहला स्थान

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। देश की प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे के 'बेस्ट कॉलेज सर्वे' में भारतीय जन संचार संस्थान , नई दिल्ली को पत्रकारिता एवं जनसंचार के क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ मीडिया शिक्षण संस्थान घोषित किया गया है। इससे पहले ‘द वीक-हंसा रिसर्च’ के सर्वे में भी आईआईएमसी को मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ कॉलेज घोषित किया गया था।  संस्थान के महानिदेशक प्रो संजय द्विवेदी ने कहा कि यह आईआईएमसी परिवार के लिए बड़े ही गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि आईआईएमसी के सभी पूर्व महानिदेशकों, श्रेष्ठ प्राध्यापकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के अथक प्रयास से ही हम लगातार कई वर्षों से पहले स्थान पर हैं।  डिजिटल मीडिया और मीडिया कन्वर्जेंस आज की जरुरत है। आईआईएमसी ने मीडिया शिक्षण, प्रशिक्षण और शोध के क्षेत्र में एक अलग जगह बनाई है। हमने मीडिया क्षेत्र की जरुरतों के हिसाब से पाठ्यक्रमों को निरंतर अपडेट किया है। यही कारण है कि आईआईएमसी के पूर्व छात्र आज देश के ही नहीं, विदेशों के भी मीडिया, सूचना और संचार संगठनों में नेतृत्वकारी भूमिका में हैं।  विद्यार्थियों की सफलता

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में हिन्दी कार्यशाला संपन्न

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० लाल बिहारी लाल ०  नई दिल्ली । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के हिन्दी अनुभाग द्वारा उद्योग भवन के सभागार में हिन्दी कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला के मार्ग दर्शक के रुप में सहायक निदेशक विवेक सक्सेना, राष्ट्रीय फैशन प्राद्योगिक संस्थान,नई दिल्ली थे। जो सरकारी दफ्तरों में हिन्दी के संवर्धन हेतु जानकारी दिया । इस कार्यशाला में दो दर्जन से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।  जिसमें नरेश कुमार मित्तल, सौरभ, विवेक, सुशील भल्लाक, लाल बिहारी गुप्ता् , गोपाल कुमार वर्मा, दिनेश कुमार , ललित कुमार बंसीवाल. रॉ विनायक, आर.एस. मीना, सोमवीर, धरमवीर. सुश्री पूजा कुमारी, राजीव कुमार, अनिल कुमार महतो. प्रवेश गुप्तार, गीता वर्मा, चन्द्रवभूषण मौर्य, सीमा, दुर्वेश कुमार सिंह, पंकज धीमान, कमल कान्तम शर्मा, पूजा सिंह, अंशु गुप्ताज बी.एल. मीना, राजीव रंजन रॉय., मो. फरमान, शकील अहमद आदि ने भाग लिया।

आपातकाल का काला अघ्याय के 48 वर्ष

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०  विनोद तकियावाला ०  नयी दिल्ली = देश में आपातकाल लगे 48 साल पूरे हो चुके हैं।आज हम आपात काल लगाने के पीछे पूरी कहानी जानने की कोशिस करेगें कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आपातकाल क्यूं लगानी पड़ी । देश को आपातकाल जैसे कोठर र्निणय लेने की क्या मजबुरी थी। क्या इंदिरा जैसे नेत्री के पास इसके अलावे कोई रास्ता नही बचा था।या इसत्रे पीछे कोई वाह्य शक्ति का दबाब था या कोई उनकी पार्टी के बाह्य या आन्तरिक व्यक्तित्व का गलत सलाह या दबाब था।इस बार में किसी निर्णय पर पहुँचे इसके लिए आपातकाल के घटनाक्रम पर सरसरी निगाह डालते हुए यह समझने की कोशिस करते है।भारत के राजनीति के इतिहास का 26 जून 1975 की काली सुबह थी। आसमान में सूर्य की किरणे चमक रही थी लेकिन भारतीय राजनीति के इतिहास का सूर्य को आज ग्रहण लग गया है। भारतीय राजनीति के पंडितयो के चेहरे पर चिन्ता की लकीरें है। सूचना व संचार के माध्यम इतने विकसित नही थे।उस समय सुचना के श्रोत के रूप में दैनिक समाचार पत्र व आकाशवाणी के कुछ सीमित संख्या में रेडियो स्टेशन थे।आज प्रातःकाल मेंऑल इंडिया रेडियो पर जो सबसे पहली आवाज आई थी वो देश की प्रधानमंत्र

पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया PRSI की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन

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० अशोक चतुर्वेदी ०  नयी दिल्ली - Indian Institute of Mass Communication IIMC, दिल्ली में हुई पीआरएसआई की नेशनल काउंसिल की वार्षिक आम सभा और चुनाव में राष्ट्रीय कार्यकारिणी का निर्वाचन किया गया। सर्वसम्मति से डा अजीत पाठक (दिल्ली) राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र मेहता (वाराणसी) उपाध्यक्ष (उत्तर),श्रीमती अनु मजुमदार (गुवाहाटी) उपाध्यक्ष (पूर्व), सत्येन्द्र प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष (पश्चिम) (नागपुर), यू एस सरमा (वाईजैग), उपाध्यक्ष (दक्षिण) और दिलीप चौहान कोषाध्यक्ष चुने गए हैं।