जिसके रक्षक देवकी नंदन, दुनिया करती उसको वंदन'- लोक गायिका सुमित्रा देवी ने दी हरिजस की प्रस्तुति
० अशोक चतुर्वेदी ० जयपुर : जवाहर कला केंद्र में बरसते मेघ भी लोक संगीत की जाजम बैठने से नहीं रोक पाए। शहरवासियों ने बड़ी संख्या में पहुॅंचकर लोक गायिका सुमित्रा देवी व साथियों की प्रस्तुति का आनंद लिया। मौका था जेकेके व जाजम फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हरिजस कार्यक्रम का। भजनों से बॉंधा समां अलसुबह ही लोग कार्यक्रम के लिए जुटने लगे थे। आलम यह रहा कि बाहर बादल बरसते रहे और कृष्णायन सभागार में सुमित्रा देवी के श्रीमुख से भजनों की गंगा। सुमित्रा देवी ने कालूराम जी रचित विघ्न हरो महाराजा गजानन्द गौरी के नंदा भजन से शुरुआत की। इसके बाद कबीर दास जी का गाड़ी धीरे—धीरे हांको, नारायण दास जी का वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे, मीरा बाई का सारा जग में नाम कमायो मीरा मेड़तणी, दल जी सेठ का भजन हेलो म्हारो सांभलो रूणीचा रा राजा समेत 9 भजन पेश किए। तंबूरे पर रूपदास, मंजीरे पर सुमेर दास व ढोलक पर इकबाल ने संगत की। संघर्ष से हासिल किया मुकाम कामड़ जाति से आने वाली सुमित्रा देवी मूलत: पाली जिले के जैतारण की रहने वाली हैं। काफी संघर्ष के बाद उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। सुमित्रा बचपन स...