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सितंबर 11, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अभिनय के क्षेत्र में छोटे पर्दे से बड़ी पहचान बनाई शंभु राणा ने

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ये रिश्ता क्या कहलाता है star plus, रोशनी zee tv, क्राइम पेट्रोल सोनी tv ,cid sony tv ,ips डायरी dd national, सावधान इंडिया ,स्टार tv इश्क का रंग सफेद कलश tv, मोहल्ला मोहब्बत वाला सब टीवी हाल ही में मेरी बीवी हानिकारक सीरियल में काम कर चुके शंभु राणा की हिंदी फिल्म "सात दिन की ससुराल" की शूटिंग में व्यस्त है खास बात यह कि वह भोजपुरी फिल्म "कानून हमारा मुट्ठी में" भी काम कर चुके हैं साथ ही शंभु राणा की आने वाली भोजपुरी फिल्म "विजेता" तथा "बुधना की सुहागरात " है , वह ऐड फिल्म शैंपू park Aveanue में भी  काम कर चुके है शंभु राणा अपने अभिनय के दम पर आज जिस मुक़ाम पर हैं यह लोकप्रियता इन्हें आसानी से नहीं मिली , इसके पीछे कड़ी मेहनत और संघर्ष है आज टीवी के अनेक सीरियल और फिल्म में दर्शकों ने उनके अभिनय को सराहा और पसंद किया है।  नौकरी की तलाश में शंभू राणा मुंबई गए थिएटर में काम किया तथा हिंदी सीरियल नुक्कड़ नाटक आदि में काम कर अपने अभिनय से सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा।   इन्होंने अपने जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा जिंदगी भले सबक सिखाती रही पर वह अ

हमारी तीसरी पीढ़ी किसी रिश्ते को नहीं जानती

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मानव जीवन में जिस प्रकार मौसम का प्रभाव पड़ता है उसी प्रकार लगातार रिश्तों में भी पीढ़ी दर पीढ़ी बदलाव होता चला आ रहा है। इस का प्रमुख कारण विघटित परिवार और पलायन ही कहा जा सकता है। गांव छोड़ कर लोग रोजी-रोटी की तलाश में शहरों की ओर चले जा रहे हैं। एक जमाना ऐसा भी था लोग घर और जन्म भूमि छोड़ना ही नहीं चाहते थे। कृषि  और पशुपालन मुख्य व्यवसाय था, पहाड़ी क्षेत्र में बने सीढ़ी नुमा खेत सामूहिक साझेदारी और रिश्तेदारों के बल पर ही बने होंगे। इन भू भागों का नाम सीमा और रिश्तेदारों के सहयोग के नाम पड़े होंगे ,गुडियल खील गुड़ियाल जाति के लोगों द्वारा बनी जमीन,रिखीखेत,रिखी नाम के आदमी ने बनवाई होगी।कैलाड की खोली, सीमा और रिश्तेदारों के सहयोग से बनी जमीन।  किसी भी समारोह अच्छे या बुरे में नाना नानी,मा मा मामी जीजा फूफा  सास ससुर का समलित होना रिश्तों की पहचान थी। मेलों में सारे मित्र आपस में मिला करते थे। आज  न मेले हैं नहीं गांवों में रिश्तेदार। यहां तक पीढ़ी दर पीढ़ी पहिचान भी गायब है पता ढिकाना भी खोज कर नहीं मिलता।  वह जमाना जब संयुक्त परिवार होते थे, विशाल परिवार, दादी की गोद में पांच दस बच

नव प्रभात जन सेवा संस्थान की अनूठी पहल

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नयी दिल्ली - जल प्रकृति की अनमोल धरोहर है। धरती के दो तिहाई हिस्से पर पानी भरा हुआ है, फिर भी पीने योग्य शुद्ध जल पृथ्वी पर उपलब्ध जल का मात्र एक प्रतिशत ही है। आज समय है कि हम पानी की कीमत समझें। यदि जल व्यर्थ बहेगा तो आने वाले समय में पानी की कमी एक महा संकट के रूप में हमारे सामने होगी, जिसका परिणाम भी हमें ही भुगतना पड़ेगा। नव प्रभात जन सेवा संस्थान ने इस संकट को संज्ञान में लेते हुए और एक अनूठी पहल करते हुए अपने अगले कार्यक्रम का विषय भी यही चुना है।  हमारे इस कार्यक्रम के अंतर्गत जल संचयन/वृक्षारोपण/पर्यावरण आदि सम्बद्ध अभियानों में सतत संलग्न और उत्कृष्ट उप्लब्धिधारक व्यक्ति/संस्थाएं भागीदारी हेतु सादर आमंत्रित हैं। कार्यक्रम में शामिल होने की इच्छुक संस्थाओं/व्यक्तियों का विवरण, प्रमाणों/विशिष्ट कार्यों के अधिकतम 2-3 मिनट के वीडियो सहित नीचे दिए गए ईमेल पर 25 सितंबर,19 तक आमन्त्रित हैं। नोट: एक जूरी द्वारा चयनित सभी संस्थाओं/व्यक्तियों को उपस्थित गणमान्य अतिथियों के साथ अपने अनुभवों और कार्यों को साझा करने का सुअवसर प्राप्त होगा तथा उन्हें मुख्य अतिथि की गरिमामय उपस्थिति में आकर

बिजनेस पत्रकारिता के लिए योगेश भट्ट सम्मानित

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नयी दिल्ली - G.N.N .की ओर से बिजनेस पत्रकारिता मे उल्लेखनीय योगदान के लिए योगेश भट्ट इँडियन पँच ब्यूरो चीफ दिल्ली को 2019 का एवार्ड दिल्ली के एन डी एम सी कनवेन्शन सैन्टर मे प्रदान किया गया ।