लोग जो मुझमें रह गए’ का इंडिया हैबिटैट सेंटर में हुआ लोकार्पण
० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली। पाठकप्रिय युवा लेखक और यायावर अनुराधा बेनीवाल ने कहा कि यात्राएं आपको आज़ाद करती हैं। वे आदमी को उसकी बंधी-बंधाई जिंदगी के दायरों से बाहर नई अनदेखी अनजानी दुनिया से परिचित कराती है, जिससे आपकी दुनिया बड़ी होती है और आपका हौसला भी बढ़ता है, खुद पर भरोसा भी बढ़ता है।अनुराधा शुक्रवार शाम अपनी नई किताब ‘लोग जो मुझमें रह गए’ के लोकार्पण के मौके पर ये बातें कहीं। इस मौके पर उनसे सुपरिचित लेखक आलोचक सुजाता और मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार ने खासतौर पर बातचीत की। एक सवाल के जवाब में अनुराधा ने कहा , आजादी आदमी का जन्मसिद्ध अधिकार है। यह अपने आप और आसानी से मिलनी चाहिए। आजादी हासिल करने के लिए अगर जद्जोहद करनी पड़े तो यह अच्छी स्थिति नही कही जा सकती। लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के लिए लोगों को काफी मेहनत करनी पड़ती है,जदोजहद करनी पड़ती है यह वास्तविकता है। उन्होंने आगे कहा यात्राएं आपको आज़ाद करती हैं, वे आपको हदों को पार कर नई हदों तक पहुंचाती हैं ,आपके दायरे का विस्तार करती हैं,यात्रा का मतलब केवल एक जगह से दूसरी जगह जाना नही है। इसका मलतब उन लोगों, संस्कृतियों,रवायतों,मसलों...