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जून 29, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मैरियट इंटरनेशनल ने फेयरफील्‍ड बाय मैरियट जयपुर को लॉन्‍च किया

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० आशा पटेल ०  जयपुर। फेयरफील्‍ड बाय मैरियट, जो कि 31 शानदार ब्राण्‍ड्स के मैरियट बोन्‍वोय के पोर्टफोलियो का हिस्‍सा है, ने फेयरफील्‍ड बाय मैरियट का जयपुर में शुभारंभ किया है। यह एक ऐसे शहर में ब्राण्‍ड के प्रवेश को दर्शाता है, जो भारत के सबसे रोमांचक और ऐतिहासिक शहरों में से एक में है। यह जल्‍द ही स्‍मार्ट एवं सुविधाजनक स्‍टे की तलाश कर रहे उन यात्रियों की पसंद बनेगा, जोकि अपने मध्‍यकालीन किलों, महलों और करिश्‍माई त्‍यौहारों के लिये मशहूर इस जादुई शहर को एक्‍स्‍प्‍लोर करना चाहते हैं। यह जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 30 मिनट की ड्राइव पर है और यहाँ से मेट्रो तथा बस स्‍टेशनों तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। सिटी-सेंटर में स्थित यह होटल राजसी महलों, हलचल से भरे बाजारों, वन्‍यजीवन उद्यानों और आकर्षक वास्‍तुकला तक आसान पहुँच की पेशकश करता है और यह सभी इस शहर की राजसी धरोहर का दिलचस्‍प नजारा दिखाते हैं। आगंतुक यूनेस्‍को वर्ल्‍ड हेरिटेज साइट आंबेर फोर्ट या इंडो-सेरेसेनिक वास्‍तुकला के एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण, एल्‍बर्ट हॉल म्‍यूजियम से शहर की शाही खूबसूरती की झलक देख सकते हैं।  हलचल से भरे जौहरी

एक्‍ट‍िव‍िस्‍ट पत्रकार नहीं हो सकता और पत्रकार एक्‍ट‍िव‍िस्‍ट नहीं हो सकता

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान के रेडियो एवं टीवी पत्रकारिता विभाग द्वारा 'महफ़िल-ए-मीडिया' नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इफ्को द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से आईआईएमसी के विद्यार्थियों ने अपना हुनर दिखाया। कार्यक्रम में आईआईएमसी के अपर महानिदेशक डॉ. निमिष रुस्तगी, 'आज तक' के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद, टाइम्स इंटरनेट के बिजनेस हेड प्रसाद सान्याल, रेडियो एवं टीवी पत्रकारिता विभाग के पाठ्यक्रम निदेशक एवं डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह तथा डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रमोद कुमार सहित सभी संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए 'आज तक' के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद ने कहा कि एक्‍ट‍िव‍िस्‍ट पत्रकार नहीं हो सकता और पत्रकार एक्‍ट‍िव‍िस्‍ट नहीं हो सकता। दोनों अलग काम हैं। दोनों अपनी-अपनी जगह बहुत अच्‍छे हैं। परंतु, दोनों एक-दूसरे का काम करने लगेंगे, तो बहुत गड़बड़ होगी। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार के लिए बेहद जरूरी है कि उसे स्टोरी टेलिंग की कला आती हो। अहम विषयों पर कई स्टोरी इसलिए नहीं पढ़

15 देशों से 18 से 65 वर्ष की उम्र के कुल 15,158 व्यक्तियों ने सर्वे में भाग लिया

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली - अग्रणी वेब4 सॉफ्टवेयर टेक्‍नोलॉजी कंपनी, कंसेंसिस ने क्रिप्टो और वेब3 पर अपनी तरह के पहले ग्‍लोबल ओपिनियन सर्वे का अनावरण किया, जो अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन रिसर्च डेटा और एनालिटिक्स टेक्‍नोलॉजी ग्रुप, YouGov द्वारा ऑनलाइन आयोजित किया गया है। इस सर्वे में अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप और एशिया के 15 देशों में 18-65 आयु वर्ग के 15,158 लोगों का प्रतिनिधि नमूना लिया गया, जिसमें भारत के 1013 लोग शामिल थे। यह नतीजे वेब3 और क्रिप्टो पारितंत्र के बारे में जनता की संपूर्ण समझ और विचारों में आकर्षक और अनूठी जानकारी प्रदान करते हैं। भारत के प्रतिभागियों के साथ किया गया  यह सर्वे डेटा प्राइवेसी, वर्तमान वित्तीय प्रणाली, हालिया समाचार चक्र और डिजिटल स्वामित्व जैसे विषयों की पड़ताल करता है। परिणाम बताते हैं कि 37% भारतीय उत्तरदाता क्रिप्टोकरेंसी को "पैसे का भविष्य" (फ्‍यूचर ऑफ मनी) और 31% "डिजिटल स्वामित्व का भविष्य" और "वैश्विक वित्तीय पारितंत्र में भाग लेने का एक तरीका" के रूप में देखते हैं। यह विकास यूजर के व्यवहार में सक्रिय भागीदारी, सशक्तिकरण और

भंडार आठ महीने के उच्चतम 87,500 टन पर पहुंच गया

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - मेटल सेगमेंट में हाल ही में हुई महत्वपूर्ण बिकवाली के मद्देनजर, जिसके परिणामस्वरूप धातु की कीमतों में कई महीनों के निचले स्तर पर काफी गिरावट आई है, जिंक उन धातुओं में से एक के रूप में उभरा है जिसमें सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इस गिरावट की वजह कमजोर मांग और विनिमय भंडार में अप्रत्याशित वृद्धि है, जिससे जिंक की कीमतें, जो स्टील गैल्वनीकरण के लिए आवश्यक हैं, 28 महीनों के निचले स्तर पर चली गई।  हाल के सप्ताहों में जिंक के प्रदर्शन की जांच करने पर, यह स्पष्ट है कि यह अपने नुकसान के एक महत्वपूर्ण हिस्से की भरपाई करने में कामयाब रही है। कई कारकों ने इसमें योगदान दिया है, जिससे कीमतें 28 महीने के निचले स्तर से ऊपर चली गई हैं। इन कारकों में उल्लेखनीय हैं : चीन के केंद्रीय बैंक, पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) ने उधार बेंचमार्क दरों और अल्पकालिक उधार लागत में कटौती लागू की। इस रणनीतिक कदम का उद्देश्य आर्थिक सुधार को प्रोत्साहित करना और बाजार में विश्वास बहाल करना है। सात दिनों की रिवर्स रेपो दर में कटौती सहित दर में कटौती, लंबी अवधि की दरों में ढील की संभावना का संकेत द

एचसीएल फ़ाउंडेशन ने एचसीएल-टेक ग्रांट के नौवें संस्करण के लिए संगोष्ठी

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - एचसीएल फ़ाउंडेशन ने एचसीएल-टेक ग्रांट के नौवें संस्करण के लिए नई दिल्ली में संगोष्ठी का आयोजन किया, जो फ़ाउंडेशन की ओर से गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज संगठनों तथा समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाले क्षेत्रों में काम कर रहे स्टार्ट-अप के बीच जागरूकता फैलाने के लिए किए जा रहे संगठित प्रयासों का हिस्सा है। भारत ने इस साल G20 की अध्यक्षता की है, और इसी बात को ध्यान में रखते हुए "G20 में भारत की अध्यक्षता - ग्रामीण विकास के लिए इसके क्या मायने हैं" के विषय पर इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन में दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के कई गैर-सरकारी संगठन और नागरिक समाज संगठन शामिल हुए, साथ ही उन सभी ने राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में सीएसआर की भूमिका से संबंधित विभिन्न मुद्दों और विषयों पर चर्चा और संवाद में भी सक्रिय रूप से भाग लिया। डॉ. सुधीर महाजन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ, ने स्वागत भाषण दिया, और उनके बाद एचसीएल-टेक के कार्यकारी उपाध्यक्ष, राज वालिया ने मुख्य भाषण प्रस्तुत किया।  इस संगोष्ठी में प्रोफेसर डॉ. सुरेश कुम

आधुनिक शिक्षा ही जलवायु परिवर्तन की आपदा लेकर आई है : राजेंद्र सिंह

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० आशा पटेल ०  जयपुर - आर्च फाउंडेशन एवं लायंस क्लब जयपुर डायमंड के संयुक्त तत्वावधान में फोर्टी,रोटरी क्लब जयपुर सिटीजन,अंतर राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन जयपुर, जे एस जी सेंट्रल संस्था,श्याम नगर विकास समिति,सर्व ब्राह्मण महा सभा,नेमीनाथ सांवलिया ट्रस्ट के सहयोग से जल संरक्षण पर तोतुका भवन मे सेमिनार आयोजित की गई। मुख्य समन्वयक अजय अग्रवाल ने अपने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए गोष्ठी के आयोजन पर प्रकाश डाला। मुख्य सलाहकार सुधीर जैन गोधा ने जल संरक्षण पर अपने व्यक्तिगत अनुभव शेयर किए। सेमिनार को संबोधित करते हुए पर्यावरणविद सुनील पचार ने बताया कि जयपुर शहर के योजनाकारों ने आज से 500 वर्ष पूर्व ही जल संरक्षण के ढांचे बना दिए गए थे एवं जल के रीसाइक्लिंग के महत्व को समझ लिया था। आर ए एस रणवीर सिंह परिहार ने अपने उद्बोधन में बताया कि राजस्थान में ज्यादा सुखा पड़ता है,यहां जल संरक्षण की ज्यादा आवश्यकता है।की नोट स्पीकर वाटरमैन राजेंद्र सिंह ने अपने उद्बोधन में पहाड़ों,नदियों व प्रकृति को बचाने के लिए प्रयास करने की जरूरत बताई। भारत के राजाओं ने जल संरक्षण के महत्व को समझा।