कोई भाषा थोपी नहीं जानी चाहिए और न ही किसी भाषा का विरोध होना चाहिए : उपराष्ट्रपति
नयी दिल्ली - छात्रों की शारीरिक दक्षता बढ़ाने के लिए उन्हें स्कूल के समय का 50 प्रतिशत हिस्सा कक्षाओं के बाहर बिताने की अनुमति देने पर जोर देते हुए नायडू ने छात्रों को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक जीवनशैली और भोजन की आदतों के कारण गैर-संचारी रोगों की बढ़ती घटनाओं के बारे में आगाह किया। उन्होंने छात्रों को जंक फूड से परहेज करने तथा खानपान की बेहतर आदतें अपनाने का सुझाव दिया और कहा कि इस मामले में भारतीय भोजन समय की कसौटी पर खरा उतरा है। इसमें हर मौसम और क्षेत्र के हिसाब से खाने पीने की चीजें शामिल हैं। उन्होंने स्कूल प्रशासन से छात्रों को एनएसएस,एनसीसी,स्काउट और गाईड जैसी स्वैच्छिक सेवाओं में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव देते हुए कहा कि इससे उनमें दूसरों की सेवा करने की भावना पैदा होगी। उपराष्ट्रपति, एम वेंकैया नायडू ने लोगों से अधिक से अधिक भाषाएं सीखने का आह्वान करते हुए कहा है कि कोई भी भाषा थोपी नहीं जानी चाहिए और न ही किसी भाषा विशेष का विरोध होना चाहिए । अमेरिका में नासा और अन्य स्थानों का दौरा करने के बाद हाल ही में ल...