सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बोर्ड में कर्मकार व अधिकारी निदेशकों के पदों की रिक्तियां भरें
० आशा पटेल ० जयपुर। बैंकिंग उद्योग के बदलते परिदृश्य में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बोर्डों में कर्मकार और अधिकारी निदेशक का प्रतिनिधित्व केवल एक कानूनी आवश्यकता नहीं है बल्कि संतुलित बैंक प्रशासन और समावेशी निर्णय लेने के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है। वर्तमान सरकार व बैंक प्रशासन द्वारा इन पदों को भरने में मनमानी की जा रही है, जिससे कर्मचारियों के हितों का उच्चतम स्तर पर प्रतिनिधित्व नहीं हो पा रहा है। यह स्थिति न केवल कर्मचारियों के अधिकारों की निगरानी के लिए जरूरी है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी जरूरी है ताकि बैंक आम जनता के व्यापक हित में कार्य करें। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन की राजस्थान राज्य इकाई के अध्यक्ष लोकेश मिश्रा ने बताया कि हमने मांग की है कि नई एनडीए सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मकार और अधिकारी निदेशकों की नियुक्तियों को तत्काल बहाल करे। 2014 से मोदी सरकार शासन के दौरान कानूनी बाध्यता के बावजूद इन नियुक्तियों को रोक दिया गया था। यह भी बताया गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई फाइलें आवश्यक स्वीकृतियों के बिना रोक दी गईं और आगे न...