"मिर्गी लाइलाज रोग नहीं है; झाड़-फूंक और टोना टोटका-संबंधित इलाज में व्यर्थ समय न गंवाएं।"
" मिर्गी लाइलाज रोग नहीं है; यह ऊपरी हवा का चक्कर नहीं है। लोगों को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। इसका इलाज संभव है , " यह कहना है डॉ आत्माराम बंसल का जोकि मेदांता इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूरोसाइंसेज़ विभाग में सीनियर कंसल्टेंट, न्यूरोलॉजी ऐंड ऐपिलेप्सी के पद पर कार्यरत हैं। प्रस्तुत हैं उनके साथ किये गये साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश : प्रश्न : आपका मानना है कि मिर्गी लाइलाज बीमारी नहीं है। लेकिन यह रोग क्यों होता है? इसके पीछे मूलभूत कारण क्या हैं? उत्तर : मैं आपको इस तथ्य से अवगत कराना चाहता हूं कि मिर्गी कोई मानसिक रोग नहीं है। वस्तुतः हमारे ब्रेन के अंदर विद्युतीय परिपथ (इलेक्ट्रिक सर्किट) होता है। अगर रक्त में विद्युतीय धारा (करंट) ज़्यादा है, तो ऐसी स्थिति में लोगों को दौरा आता है। प्रश्न : प्रश्न यह उठता है कि यह रोग कब लोगों को अपनी गिरफ़्त में लेता है ? उत्तर : यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है। यह जन्मजात रोग भी हो सकता है। छोटे छोटे बच्चों में भी यह रोग अवलोकित किया जा सकता है। और यह रोग बुढ़ापे में भी हो सकता है। लेकिन गौरतलब है कि हर उम्र में रोग होने के...