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बिजनेस पत्रकारिता के लिए योगेश भट्ट सम्मानित
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नयी दिल्ली - G.N.N .की ओर से बिजनेस पत्रकारिता मे उल्लेखनीय योगदान के लिए योगेश भट्ट इँडियन पँच ब्यूरो चीफ दिल्ली को 2019 का एवार्ड दिल्ली के एन डी एम सी कनवेन्शन सैन्टर मे प्रदान किया गया ।
सुरेखा शर्मा,लेखिका / समीक्षक [ 31 जुलाई 1880,140वीं जयंती पर प्रस्तुत विशेष आलेख ] स्त्री -विमर्श में प्रेमचंद का योगदान नींव की ईंट की तरह है।जो समाज निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाता है जिसके बिना समाज अधूरा है।वह पुरुष को आधार देती है,स्पर्धा नहीं करती। यह वह स्त्री है जो परिवार, समाज तथा राष्ट्र का निर्माण करती है। प्रेमचंद जी के नारी पात्रों ने शारीरिक सौंदर्य को महत्व न देकर हमेशा संघर्ष, परिश्रम, नैतिक मूल्य, मानवीय मूल्य और सच्चाई को महत्व दिया गया है।२१वीं सदी में जहां एक ओर नारी आदर्शों में भौतिकता के प्रति आकर्षित हो रही ऊं, वहां ऐसे समय में प्रेमचंद के नारी पात्र एक सुखद एहसास दिलाते हैं।ये नारी पात्र पाश्चात्य सभ्यता की ओर आकर्षित भारतीय नारी के समक्ष एक चुनौती बनकर खड़ी हो जाती हैं। अतः नारी में अधिकार सजगता एवं स्वयं निर्णय लेने की क्षमता की पहल मुंशी प्रेमचंद ने ही की. एक स्वस्थ समाज के निर्माण हेतु जितने भी मुक्ति संघर्ष हुए हैं उनमें से एक है 'नारी चिंतन'।समाज निर्माण में स्त्री की भूमिका मुख्य होती है।धर्म ग्रंथों में स्त्री को संसार की जननी कहा गया है। आज
सुरेखा शर्मा (लेखिका/समीक्षक) जब भी गांधी जी का नाम लिया जाता है तो सोहन लाल द्विवेदी जी की ये पंक्तियाँ स्वतः ही स्मरण हो आती हैं----- आँसू बिखराते बीतेंगी जलती जीवन की घड़ियां बिना चढ़ाए शीश, नहीं टूटेंगी माँ की कड़ियाँ। आइंस्टाइन ने गांधी जी के लिए कहा था---- आने वाली पीढ़ियाँ शायद ही विश्वास करेंगी कि इस तरह का हाड-माँस का कोई व्यक्ति इस धरती पर चला था।वास्तव में ही साबरमती के संत ने वो कर दिखाया जिसे आज सम्पूर्ण विश्व नमन करता है। "एकाएक चल पड़ा आत्मा का पिंजर,मूर्ति की ठठरी। नाक पर चश्मा, हाथ में डंडा, कंधे पर बोरा ,हाथ में बच्चा ।''आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए । आजादी कोई वस्तु नहीं है जो उपहार में मिल जाए।उसे हासिल करना पड़ता है ,और हासिल करने के लिए लड़ना पड़ता है। ब्रिटिश शासन से भारत को आजादी भी एक लंबी लड़ाई के बाद मिली थी ।इसकी शुरुआत हुई थी गाँधी जी के चंपारण आन्दोलन से,जिसके अब सौ वर्ष पूरे हो चुके हैं।आज यह कल्पना करना मुश्किल है कि चंपारण की लड़ाई कैसी थी।यह अहिंसक आन्दोलन था। अब तक का एक ऐसा आन्दोलन जिनमें न जलूस निकले,न लाठी चार्ज न गोली बारी हुई, न
० आशा पटेल ० जयपुर। राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जयपुर में 5 से 7 मई को आयोजित होने वाले तीन दिवसीय “द ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार 2024“ की तैयारियों के सम्बन्ध में मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने इस आयोजन में राजस्थान की पर्यटन विशेषताओं को मुख्य रूप से प्रस्तुत किए जाने पर जोर दिया। आयोजन में स्टेक होल्डर्स, जिसमें विदेशी डेलिगेट्स प्रमुख है को राजस्थान की परंपरा के अनुसार आमंत्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्थानी व्यंजनों को बढ़ावा दिए जाने के लिए आयोजन के दौरान कम से कम एक बार के भोजन में राजस्थान के व्यंजनों को प्रमुखता से शामिल करने के निर्देश दिए। पंत ने कहा कि इस अवसर पर राजस्थान की कला,पर्यटन और इतिहास आधारित सांस्कृतिक आयोजन को आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया जाए। पर्यटन निदेशक डॉ. रश्मि शर्मा ने बैठक में जीआईटीबी के शेड्यूल की जानकारी देते हुए बताया कि 5 मई को वेड इन इंडिया एक्सपो महारानी महल रामबाग पैलेस में किया जाएगा। वेड इन इंडिया एक्सपो का उद्देश्य है देश और विदेश के पर्यटकों द्वारा ज्यादा से ज्यादा राजस्थान में
० आशा पटेल ० जयपुर | इशरे ने बिल्डिंग सेक्टर में स्थिरता को बनाये रखने हेतु एक सम्मेलन का आयोजन किया | डॉ. प्रेम चंद बैरवा उप मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया और इशरे सदस्यों के 250 से अधिक बिजनेस हस्तियों की गरिमामयी सभा को संबोधित किया। आयोजित सम्मेलन होटल हिल्टन जयपुर में आयोजित किया गया था | प्रारंभ में प्रमुख आर्किटेक्ट, इंजीनियर, पेशेवरों ने उप मुख्यमंत्री डॉ बेरवा का स्वागत किया | जिसमे प्रमुख थे अनूप बल्लानी, राष्ट्रीय सोसायटी अध्यक्ष, आईएसएचआरएई, एन राम, अध्यक्ष, आईएसएचआरएई जयपुर चैप्टर , जैमनी उबेरॉय,संभाग अध्यक्ष, भारतीय उद्योग परिसंघ,इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल , आर्किटेक्ट शालिनी गहलोत, अध्यक्ष, WICCI और अर्किटेक्ट तुषार सोगानी, अध्यक्ष, IIA• मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉ बैरवा ने जलवायु परिवर्तन में हम सभी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात की और उल्लेख किया कि हमारी सरकार जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए मिलकर काम करेगी। कार्यक्रम में भूपेश, एसई, पीडब्लूडी; अमित कक्कड़, सीई, पीडब्ल्यूडी और निदेशक, डीओआईटी; मेघवाल, सीई, पीडब्ल्
० आशा पटेल ० जयपुर। कला, संस्कृति और रचनात्मकता का उत्सव मनाने के लिए फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन (फ्लो) जयपुर चैप्टर द्वारा 'जयपुर आर्ट फेयर' का आयोजन किया जा रहा है। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में शनिवार से शुरू हुए दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन महाराज कुमार डॉ. लक्ष्यराज सिंह ऑफ मेवाड़ ने किया। इस अवसर पर फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन जयपुर चैप्टर की चेयरपर्सन रघुश्री पोद्दार ने डॉ. लक्ष्यराज सिंह ऑफ मेवाड़ के साथ 'प्रिजर्वेशन ऑफ हेरिटेज आर्ट एंड कल्चर इन उदयपुर' विषय पर 'द लिगेसी एंड डायनेस्टी ऑफ द ग्रेट किंग - महाराणा प्रताप' पर एक इंटरैक्टिव टॉक का संचालन किया। अपने संबोधन में 8 बार के प्रतिष्ठित गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक मेवाड़ के डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने विरासत, कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए अपने परिवार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। अपनी महान वंशावली और महाराणा सांगा, महाराणा प्रताप और बप्पा रावल जैसे दिग्गजों के वंशज होने के बावजूद उन्होंने विनम्रतापूर्वक 'रॉयल्टी' के लेबल को अस्वीकार कर दिया। मुख्य अतिथि ने बाद में जयपुर आर्ट फेयर का अवलोकन किया
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