सद्बुद्धि हमें देना स्वामी


रचनाकार- आचार्य केवल भारती गोस्वामी



सद्बुद्धि हमे देना स्वामी, एक सूत्र बंध जाते।
अपने जब संघ साथ निभाते,मिलकर खुशियां मनाते।
सद्बुद्धि हमे देना स्वामी, एक सूत्र बंध जाते।।


जन्मो जन्म का रिश्ता है,
इतिहास गवाही हमारा है।
भले दूर है अपनो से,
पर हमें वो सबसे प्यारा है।
बरसो से मन मे पीड़ा है,क्यो एक नही हो पाते।
सद्बुद्धि हमे देना स्वामी, एक सूत्र बंध जाते।।


संघ शक्ति को जब समझोगे,
संगठित स्वयं हो जावोगे।
समय मे यदि जागे नही तो,
फिर पीछे पसतावोगे।
चारो दिशा हो महिमा मंडन,जब     दिल से रिश्ता निभाते।
सद्बुद्धि हमे देना स्वामी,एक सूत्र बंध जाते।।


एक कभी मत होते कहकर,
दुश्मन नजर लगाए है।
बीच हमारे फुट डालकर,
 हमे कमजोर बनाए है।
सोच बदलकर आगे बढ़े, दूर होंगे अंधेरी राते।
सद्बुद्धि हमे देना स्वामी, एक सूत्र बंध जाते।।


सम्पर्क-- जगद्गुरु भवन- कुरमा  बलौदा
जिला - जांजगीर चाम्पा छत्तीसगढ़


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

ग्रासरूट लीडरशिप फेस्टिवल में भेदभाव, छुआछूत, महिला अत्याचार पर 37 जिलों ने उठाये मुद्दे

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

COWE इंडिया जयपुर चेप्टर ने आयोजित किया महिला उद्यमियों का JAYPORE बाजार

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "