1,000 मगरमच्छों को चेन्नई से गुजरात किया जा सकेगा स्थानांतरित

० संवाददाता द्वारा ० 

नई दिल्ली : मद्रास उच्च न्यायालय ने मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट (MCBT) से लगभग 1,000 मगरमच्छों को गुजरात में ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (GZRRC) में स्थानांतरित करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका (PIL) याचिका को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति एन माला ने जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि जब विशेषज्ञ रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा समर्थित ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (GZRRC) में उपलब्ध सुविधाओं से संतुष्ट हैं, तो अदालत इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करना चाहेगी। याचिकाकर्ता ने विशेषज्ञों की राय के विरोध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए।

मामले में अपना का पक्ष रखते हुए एमसीबीटी ने अदालत के समक्ष स्वीकार किया कि चेन्नई के पास स्थित सुविधा में मगरमच्छों की बढ़ती संख्या की देखभाल करने को उसके पास वित्तीय साधन नहीं हैं। जबकि व्यक्तिगत निरीक्षण के बाद गुजरात स्थित जीजेडआरआरसी में उपलब्ध अत्याधुनिक सुविधाओं को प्रमाणित किया गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा समर्थित ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (GZRRC) ने कहा कि उनके पास 1,000 मगरमच्छों को रखने के लिए पर्याप्त जगह है। उसने चिड़ियाघर की तस्वीरें प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि 1,000 मगरमच्छों को उनके परिसर में आसानी से रखा जा सकता है।

न्यायाधीशों ने बिना किसी जानकारी के सीबीआई जांच की मांग करने पर याचिकाकर्त्ता को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जानवरों के कल्याण की चिंता के कारण ही हमने याचिका स्वीकार की थी। परंतु मामले को अब खारिज किया जाता है। चेन्नई के ए विश्वनाथन ने इस साल जून में जनहित याचिका दायर की थी।

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