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बॉक्सिंग चैंपियनशिप राष्ट्रीय प्रतियोगिता मे जीते गोल्ड

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० इरफ़ान राही ०  देहरादून (उत्तराखंड ) यहां नेशनल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें कोच आफताब सैफी ने बताया देहरादून में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीत कुने डो किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में,जिसमे मुख्य अतिथि मुंबई से ए.सी.पी राज ख़ातिब रहे, जिसमे महासचिव मोहम्मद रहीस सलमानी,  कोषाध्यक्ष   मिस रानी, आयोजक फरीद खान, विशेष अतिथि नेगी रहे ,इस प्रतियोगिता में जम्मू कश्मीर ,उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, पंजाब और दिल्ली से तकरीबन 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमे पहला स्थान उत्तराखण्ड दूसरा स्थान उत्तरप्रदेश तीसरा स्थान दिल्ली का रहा ,गाजियाबाद की इंटरनेशनल मार्शल अकादमी से 4 बच्चों ने भाग लिया, जिसमें दिल्ली शिव विहार से सोनी प्रजापति ने -45 किलो-भार फाइनल मे उत्तराखण्ड की पूर्णिमा चौधरी को हराकर गोल्ड मैडल पर कब्ज़ा किया , लोनी बंथला से सपना ने -50 किलो-भार फाइनल मे कश्मीर की आरफ़ा को हराकर गोल्ड मैडल पर कब्ज़ा किया, लोनी खन्नानगर से तानिया ने -30 किलो-भार फाइनल मे पंजाब की पुनीमा को हराकर गोल्ड पर कब्ज़ा किया, लोनी अंजलि विहार से अनुज ने -50 किलो -भार मे कश्मीर के सोराभ को हराकर सिल्वर मैडल प्राप

संवेदना के स्वर’ का लोकार्पण-समारोह

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० संवाददाता द्वारा ०  गुरुग्राम -  हरियाणा प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्त्वावधान में राजकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, सेक्टर-14, गुरुग्राम के सभागार में सम्मेलन की प्रान्तीय उपाध्यक्ष व हरियाणा की वरिष्ठ महिला साहित्यकार सुरेखा शर्मा की काव्य-पुस्तक ‘संवेदना के स्वर’ का लोकार्पण-समारोह आयोजित किया गया। इससे पूर्व उनकी छह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रस्तुत पुस्तक की भूमिका जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के हिन्दी विभाग के पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डाॅ॰ रामबक्ष द्वारा लिखी गई है तथा पुस्तक के फ्लैप पर मुद्रित ‘अभिमत’ द्रोणाचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गुरुग्राम के हिन्दी विभाग की सेवानिवृत्त एसोसिएट प्रोफेसर प्रेमलता चैधरी द्वारा लिखा गया है। समारोह में के॰एल॰पी॰ स्नातकोत्तर काॅलेज, रेवाड़ी के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं एसोसिएट प्रोफेसर तथा लेखिका सुरेखा शर्मा के आदर्श काॅलेज, सफीदों के शिक्षाकाल 1977-1979 के गुरुवर डाॅ॰ दयाकिशन शर्मा ने मुख्य अतिथि व अध्यक्ष की भूमिका का निर्वाह किया। काॅलेज के प्रिंसिपल डाॅ॰ रमेश कुमार गर्ग विशिष्ट अतिथि के

आईआईएमसी में प्रवेश के लिए अब 4 जुलाई तक कर सकते हैं आवेदन

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली । भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में पांच पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 18 जून से बढ़ाकर 4 जुलाई कर दी गई है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट https://cuet.nta.nic.in/ पर उपलब्ध हैं। आईआईएमसी में इस वर्ष कॉमन यूनिवर्सिटीज एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी पीजी) 2022 के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा। अंग्रेजी पत्रकारिता, हिंदी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, रेडियो एवं टेलीविजन पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में पीजी डिप्लोमा में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को 'सीयूईटी पीजी' परीक्षा देनी होगी। प्रश्न पत्र हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में होगा। परीक्षा में सामान्य ज्ञान और मीडिया एवं संचार के क्षेत्र से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे। आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) एवं प्रवेश प्रभारी प्रो. गोविंद सिंह ने बताया कि जिन विद्यार्थियों ने cuet का पहले फॉर्म भर दिया था और आईआईएमसी का चुनाव नहीं किया था, ऐसे विद्यार्थी 6 से 8 जुलाई के बीच करेक्शन विंडो खुलने पर भारतीय जन संचार संस्थान का विकल

नेक्स्ट एजुकेशन - भारत का अग्रणी के-12 शैक्षणिक समाधान प्रदाता

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : महामारी के बीच, एडटेक (एजुकेशन टेक्‍नोलॉजी) ने छात्रों के स्कूल नहीं जाने की स्थिति में उन्हें बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित कर डांवाडोल हो रहे शिक्षा क्षेत्र को एक नया जीवन प्रदान किया। सीखने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि छात्रों पर अधिक बोझ न पड़े, माता-पिता और स्कूल प्रशासन को एक साथ आने की जरूरत थी ताकि आवश्यक कदम उठाते हुए यह तय करने की कोशिश की जाए कि अन्य लॉजिस्टिक्स और तकनीकी चुनौतियों के बावजूद सीखने की प्रक्रिया बंद न होने पाएं। और यहीं पर नेक्स्ट एजुकेशन का प्रवेश होता है। नेक्स्ट एजुकेशन की स्थापना साल 2007 में ब्यास देव रल्हन और रवींद्रनाथ कामथ द्वारा तकनीकी आधारित समाधानों के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाने के नजरिए से की गई थी। कंपनी के पास भारत में अन्य एडटेक समाधान प्रदाताओं की तुलना में मौजूदा परिवेश से ऊपर के स्तर पर बने रहने के लिए व्यापक समाधान हैं। कंपनी के पास 1800 से अधिक लोगों की इन-हाउस प्रतिभा है, जो 18,000 से अधिक स्कूलों में 12,000,000 से ज्‍यादा छात्रों की जरूरतों को पू

संयुक्त किसान मोर्चा की अपील: सभी युवा, जनसंगठन और राजनीतिक दल विरोध दिवस में शामिल हों

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० संवाददाता द्वारा ०  नयी दिल्ली - संयुक्त किसान मोर्चा ने सेना में भर्ती की नई अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं के राष्ट्रव्यापी विरोध को अपना समर्थन घोषित किया है। विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने इस योजना को जवान-विरोधी, किसान-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी बताया है। जब केंद्र सरकार “जय जवान जय किसान” के नारे की भावना को तहस-नहस करने पर तुली है, ऐसे में किसान आंदोलन का कर्तव्य है कि वह जवानों के साथ इस संघर्ष में कंधे से कंधा जोड़कर खड़ा हो। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा इस शुक्रवार, 24 जून को देशभर में विरोध दिवस मनाएगा। यह फैसला संयुक्त किसान मोर्चा की 7 सदस्य कोऑर्डिनेशन कमिटी ने आज करनाल (हरियाणा) हुई अपनी बैठक में लिया। इस योजना को देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ है, बल्कि देश के किसान परिवारों के साथ भी धोखा है। इस देश का जवान वर्दीधारी किसान है। अधिकांश सैनिक किसान परिवार से हैं। सेना की नौकरी लाखों किसान परिवारों के मान और आर्थिक संब

भारतीय संस्कृति में घणी छांव है पिता, जिसके तले पूरा परिवार पुष्पित और पल्लवित होता है

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० संवाददाता द्वारा ०  जयपुर - राजस्थान के शिक्षा व संस्कृति मंत्री बी डी कल्ला ने अंतरराष्ट्रीय फादर्स डे पर जवाहर कला केंद्र में सुरेख ऑर्ट गैलरी में युवाओं द्वारा बच्चों की परवरिश में "खाना- खेल- प्यार" के मूलमंत्रो को दर्शाते हुए चयनित छाया चित्रों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। बी डी कल्ला ने कहा कि "भारतीय संस्कृति में घणी छांव है पिता, जिसके तले पूरा परिवार बहुत आराम से पुष्पित और पल्लवित होता है।"- बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए जन्म पूर्व व जीवन पर्यन्त पिता संघर्षरत रहता है। जिसके पुनर्स्थापना के लिए किए गए इस प्रयास की सराहना की। राजस्थान यूनिसेफ की राज्य प्रमुख ईजाबेल बर्डन ने कहा कि 'फादर्स डे पिताओं को समर्पित होता है। पिता के प्रति सम्मान, प्यार, भावनाओं को व्यक्त करने के लिए दुनिया भर के लोग इस दिन को मनाते है। उन्होंने ने अपने निजी अनुभवों के आधार पर बताया कि जन्म से तथा छः वर्ष तक बच्चों की परवरिश में पिता की अहम भूमिका रहती है। राजस्थान यूनिसेफ एवं लोक संवाद संस्थान ने 14 से 24 आयु वर्ग के युवाओं से पिता को प्रथम गुरु बताते हुए भावनात्मक बॉन

और खामोश हो गई जनता की 'आवाज'

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० योगेश भट्ट ०  बरेलीः एसआरएमएस रिद्धिमा में धर्मवीर भारती की प्रसिद्ध कृति 'आवाज' का मंचन हुआ. अल्ताफ हुसैन निर्देशित इस नाटक की कहानी जनता के दुखसुख की आवाज बने अखबार आवाज और उसके संपादक की है. जो भूखी नंगी जनता की आवाज बनते बनते अपने अखबार की नीलामी पर मजबूर हो जाता है. विपरीत परिस्थितियों में अखबार आवाज की नीलामी हो जाती है और संपादक मानसिक संतुलन खो देता है. समाचार पत्र आवाज न केवल एक प्रकाशन है, बल्कि एक ऐसा चरित्र भी है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रतीक है. इसमें मुख्य पात्र नाटक का संपादक दिवाकर है, जो अपने अखबार आवाज के लिए सब कुछ कुर्बान कर देता है. अखबार को समय देने के चलते उसका परिवार बिखर जाता है, उसकी पत्नी शीला आत्महत्या की कोशिश करती है और अस्पताल में गंभीर स्थिति में जीवन से संघर्ष कर रही है. इस परिस्थिति में भी दिवाकर अखबार को तवज्जो देता है. लेकिन परिस्थितियां तेजी से बदलती हैं. अस्पताल में जिंदगी से जूझती पत्नी को बचाने के लिए उसे रुपयों की जरूरत होती है और वह अखबार की नीलामी करता है. पांच अखबारों का मालिक सेठ बाजोरिया आवाज को खरीद लेता है.  इस दौरान अस्