"रैबिट-टोरटॉइस मॉडल फ़ॉर कैंसर क्योर" पुस्तक का विमोचन

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली, वैकल्पिक चिकित्सा और प्राकृतिक चिकित्सा के समर्थक डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने "Rabbit-Tortoise Model for Cancer Cure" नामक पुस्तक का विमोचन किया  यह पुस्तक कैंसर से छुटकारा पाने और कैंसर उद्योग के जाल से बचने के लिए साक्ष्य-आधारित रणनीति पर आधारित है। साथ ही यह कैंसर उद्योग की उन कमियों को भी उजागर करती है जिनके ज़रिये भले-चंगे स्वस्थ लोगों को भी कैंसर रोगियों में परिवर्तित किया जा रहा है।  दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित कार्यक्रम में पुस्तक का विमोचन पिलानी की श्रीधर यूनिवर्सिटी के उपकुलपति डॉ. ओ.पी. गुप्ता द्वारा किया गया।

डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी के अनुसार, "इन दिनों एलोपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े उद्योग द्वारा शरीर में निष्क्रिय या सुप्त अवस्था में पड़े कैंसर का भी इलाज कर लोगों को मूर्ख बनाने का व्यवसाय जोरों पर है। आम लोग चूंकि मेडिकली एक्सपर्ट नहीं होते बस, इसी बात का फायदा उठाकर बहुत-से एलोपैथी चिकित्सक इलाज के नाम पर नौटंकी करके न सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य को जानलेवा हानि पहुंचा रहे हैं बल्कि उनसे उनका पैसा भी अटेर रहे हैं। इससे लोगों के जान और माल दोनों की हानि हो रही है।

अपनी नई किताब के विमोचन के अवसर पर डॉ.बीआरसी ने कहा  कि कभी चिकित्सक को स्वास्थ्य की रक्षा कर जान बचाने वाले ईश्वर का रूप माना जाता था। लेकिन आज के उपभोक्तावादी दौर में चिकित्सक-समुदाय भी व्यावसायिक मानसिकता से अछूता नहीं रह गया। बहुत-से डॉक्टर आज जानबूझकर किसी के शरीर में निष्क्रिय अवस्था में पड़े हानिरहित कैंसर का भी इलाज करना शुरू कर देते हैं जिससे निष्क्रिय पड़ा वह ग़ैरहानिकारक कैंसर भी सक्रिय या एक्टिव हो जाता है। परिणामस्वरूप, दिन-ब-दिन कैंसर के नये मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

डॉ. बीआरसी द्वारा लिखी यह पुस्तक प्राकृतिक-चिकित्सा की प्रभावशीलता और आसानी से पालन हो सकने वाली आहार सम्बन्धी सलाहों पर प्रकाश डालती है। पुस्तक में वह बताते हैं कि कैसे फल-शाक-सब्ज़ियों आदि प्राकृतिक आहारों और सही जीवनशैली को अपनाकर कैंसर जैसी घातक, जानलेवा और अब तक की लाइलाज बीमारी से भी मुक्ति पाकर जीवन के मायने बदले जा सकते हैं।  कैंसर के लिए प्राकृतिक उपचार का महत्व तो बता ही रहे हैं साथ ही, कैंसर के उपचार के लिये सिर्फ परम्परागत एलोपैथिक चिकित्सा उपचार पर निर्भर रहने के खतरों के बारे में आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य भी कर रहे हैं।

डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी अब तक मधुमेह सहित विभिन्न रोगों के लिए अपनी प्राकृतिक चिकित्सा उपचार विधियों के लिए लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध हैं। उनका दावा है कि कोविड-19 की पिछली लहरों के दौरान उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा और आहार उपचार विधियों द्वारा अनेक लोगों को स्वस्थ कर उनका जीवन बचाया। उनके दावों की पुष्टि आयुष मंत्रालय के एनआईएन (NIN) विभाग द्वारा भी की गयी। उनके द्वारा बताई गई डीआईपी डाइट (अर्थात् अनुशासित और संतुलित आहार) की क्लिनिकली जांच व पुष्टि आयुष मंत्रालय द्वारा भी की जा चुकी है।

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