विदेशी उद्यमियों को खूब लुभा रहा है इंडिया स्टोनमार्ट

० आशा पटेल ० 
जयपुर। खनिज पत्थर एवं इस पर आधारित उद्योग किसी भी देश-प्रदेश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राजस्थान को खनिज पत्थर की विविधता एवं विपुलता का गौरव हासिल है। यह राज्य खनिज पत्थर के निर्यात में भी अग्रणी है। अपनी ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विविधता के लिए विश्व स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाला राजस्थान अब पर्यटन के साथ-साथ व्यापारिक महत्व के लिए भी विदेशियों को लुभा रहा है। अब विदेशी उद्यमी भी ‘पधारो म्हारे देश‘ के आतिथ्य को स्वीकार कर रहे हैं।
जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हो रहे इंडिया स्टोनमार्ट के 12वें संस्करण में इसकी बानगी देखने को मिल रही है, जहां विश्व के कई प्रमुख देशों के पत्थर उद्योग की नामी कम्पनियां, कंपनी समूह, स्टोन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन्स के प्रतिनिधि एवं खरीददार अपने उत्पादों की मार्केटिंग, प्रदर्शित करने अथवा व्यापारिक पूछताछ के लिए सात समंदर पार स्टोनमार्ट पहुंचे हैं।
देश की इस प्रमुख प्रदर्शनी में अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए इटली से आए जीडीए मार्बल एंड ग्रेनाइट के प्रतिनिधि एंटोनिया डिमारिया बताते हैं कि उनका व्यापारिक संगठन पत्थर उद्योग के पुराने संगठन में से एक है और वे अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए जयपुर आना पसंद करते हैं। क्योंकि विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थल होने से यहां व्यावसायिक दृश्टि से अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि हमारे उत्पाद निर्माण कार्यों के लिए उपयुक्त हैं।

वहीं ईरान से आयी पोर्फिमन मार्बल की निदेशक महनाज़ हाजी अली ने बताया कि वे विगत 18 वर्षों से लगातार इसका हिस्सा बन रही हैं। वह स्टोनमार्ट में अपनी भागीदारी के लिए हमेशा उत्सुक रहती हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और यहां निर्माण एवं वाणिज्यिक गतिविधियों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। उत्तर भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र होने के नाते जयपुर के बाजार में काफी संभावनाएं हैं।

महनाज ने बताया कि यहां ईरान के ओनिक्स मार्बल को बहुत पसंद किया जाता है। कम्पनी पोर्फिमन ने वर्श 2000 में मिनरल स्टोन के बाजार में प्रवेश किया और लगभग 30 अलग-अलग खदानों में बेहतरीन ईरानी मार्बल, ट्रैवर्टीन, ओनिक्स और लाइमस्टोन ब्लॉक्स निकाले जाते हैं। उन्हें आशा है कि जिस प्रकार की पूछपरख देखने में आ रही है उसे देखते हुए लगता है कि बिक्री निश्चित रूप से बढ़ेगी।

उज्बेकिस्तान के फॉरेन इकॉनोमिक रिलेशन्स डिपार्टमेंट के प्रतिनिधि बेकजोड़ फैज़ुल्लोेव ने बताया कि लम्बे समय से उज्बेकिस्तान की माइनिंग मशीनरी का उपयोग राजस्थान में खनन कार्यों में हो रहा है। स्टोनमार्ट में अपनी मशीनरी प्रदर्शित करने का यह उनका पहला अवसर है, इससे निश्चित रूप से दोनों देशों के बीच व्यावसायिक गतिविधियों में इजाफा होगा।

इस प्रदर्शनी में पत्थर उद्योग से संबधित विभिन्न हितधारक जैसे उत्पादक, निर्यातक-आयातक, उपभोक्ता एवं खरीददार, विशेषज्ञ, प्रौद्योगिकी प्रदाता, वास्तुकार, बिल्डर, डेवलपर, कॉरपोरेट आदि कुल 411 एग्जीबिटर्स भाग ले रहे हैं। जिनमें विभिन्न 9 देशों के 85 प्रतिभागी भी हैं। इनमें तुर्किए (तुर्की) से 68, ईरान एवं इटली से 5-5, अमेरिका से 2, वियतनाम, स्पेन, रूस, इथोपिया एवं चीन से एक-एक प्रतिनिधि हैं। इस आयोजन में 198 पत्थर उद्यमी, 195 टूल्स-मशीनरी उद्यमी, 18 संस्थागत व सेवा संबंधी एग्जीबिटर्स भाग ले रहे हैं। स्टोनमार्ट में गुजरात, ओडिशा, कर्नाटक एवं झारखंड राज्यों के मंडप के साथ ही ईरान, इटली और तुर्किए के पैवेलियन आकर्षण का केंद्र हैं।

 प्रत्येक दो वर्ष में होने वाली पत्थर उद्योग की देश की सबसे बड़ी प्रदर्शनियों में से एक इंडिया स्टोनमार्ट का 12वां संस्करण जयपुर में आयोजित किया जा रहा है। इस एग्जीबिशन का आयोजन राजस्थान औद्योगिक विकास एवं विनियोजन निगम लि. (रीको), सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ स्टोन (सी-डॉस) द्वारा फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा ने गुरूवार को इसका उद्घाटन किया था। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा किसी सेक्टर के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इतने वृहद् स्तर पर आयोजित यह पहली अन्तरराष्ट्रीय प्रदर्शनी है।

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