सत्य अहिंसा का हमें सिखलाया था पाठ


राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के 150 वें जन्मोत्सव के उपलक्ष में दोहे 



लेखिका >सुषमा भंडारी


सत्य-स्वच्छता से हुआ
बापू तेरा नेह।
चली अहिंसा राह पर
तेरी हल्की देह ।।


बापू के व्यक्तित्व- सा
मिला न कोई और ।
तेरे कारण ही मिली 
स्वदेशी ये ठौर।।


हाथों से  धोती बुनी
किया देश का मान ।
खादी के सम्मान से
विश्व हुआ हैरान ।।


पग- पग सिखलाया हमें
राघव राजा राम।
शतकों तक यूँ ही रहे
बापू तेरा नाम।।


राष्ट्रपिता बापू तेरा
जन्मोत्सव है आज।
स्वच्छता ही सेवा सही
किया सदा आगाज।।


जब तक जीवित तुम रहे
रहे सदा अनमोल।
भर स्वदेशी चेतना
दी आजादी घोल।।


सत्य अहिंसा का हमें
सिखलाया था पाठ।
वर्ष हुये हैं डेड़ सौ
स्वच्छ भारत के ठाठ।


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