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ब्लॉसम कोचर अरोमा मैजिक सीरम के साथ अपनी त्वचा को निखारें

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० संवाददाता द्वारा ०  Kolkata : ब्लॉसम कोचर अरोमा मैजिक अपने 35 वर्षों से अधिक की समृद्ध विरासत के साथ त्वचा देखभाल उद्योग में अग्रणी चार असाधारण त्वचा सीरम के बहुप्रतीक्षित लॉन्च की घोषणा करते हुए गर्व महसूस कर रहा है। इसके संस्थापक और अध्यक्ष, डॉ. ब्लॉसम कोचर की अटूट दृष्टि से निर्देशित, ये क्रांतिकारी सीरम त्वचा देखभाल के मानकों को रीसेट करने और ग्राहकों को चमकदार और पुनर्जीवित त्वचा के भविष्य की ओर ले जाने के लिए तैयार हैं।  प्रकृति द्वारा उत्पन्न व क्रूरता-मुक्त फॉर्मूलेशन के प्रति ब्रांड की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, ये सीरम सावधानी से अरोमाथेरेपी-आधारित सामग्री के साथ तैयार किए गए हैं और पैराबेंस और कृत्रिम सुगंध जैसी हानिकारक चीजों से पूरी तरह मुक्त हैं। “डॉ. कोचर ने कहा मैं हमेशा से ही हमारी पेशेवर रेंज में सीरम का उपयोग करती रही हूं और मैं उसके द्वारा प्रस्तुत परिणामों से प्रभावित हूँ। सीरम के नियमित उपयोग से आप अत्यधिक बेहतर त्वचा पा सकते हैं।, ये वास्तव में "आपकी त्वचा को रीसेट करने" में मदद करते हैं और आपको आने वाले दिनों में अच्छी त्वचा देते हैं। विटामिन सी फेस

12 सितंबर को होगी 'हिंदी को फ़र्क़ पड़ता है' विषय पर चर्चा

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली.  विचार-बैठकी की मासिक शृंखला 'सभा' के तहत हर महीने साहित्य, संस्कृति, कला, पर्यावरण आदि क्षेत्रों के मौज़ू मसलों पर गम्भीर और सार्थक चर्चा आयोजित की जाएगी। 'सभा' की पहली परिचर्चा का विषय हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में हिन्दी भाषा के सामने मौजूद चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर केन्द्रित रखा गया है। इस परिचर्चा में हिन्दी भाषा से जुड़ीं उन चिन्ताओं पर बात होगी जो अपने आप में बहुत गंभीर होने के बावजूद अब तक मुख्य विमर्श से नदारद रहीं हैं।  प्रश्न हिन्दी की मानिकीकरण का हो या व्हाट्सएप वाली हिंदी/हिंग्लिश के चलन का मसला, बोलचाल में क्षेत्रीयता का प्रभाव हो या लेखन में लेखकीय छूट का प्रश्न―आदि ऐसे कई बिंदु हैं जो समय-समय पर हिन्दी की जातीय पट्टी में रहने वाले लोगों के बीच उठते रहते हैं। मसलन चाँद या चांद लिखें ? आख़िर वह कौन-सी चीज़ें हैं जिनसे हिंदी को फ़र्क़ पड़ता हैं? सवाल यह भी है कि फ़र्क़ पड़ता भी है या नहीं? 'सभा' की इस बैठकी में इसी तरह के सवालों के जवाब जानने की कोशिश होगी।  राजकमल प्रकाशन समूह और इंडिया हैबिटेट सेंटर साझा पहल के त

पावर टू द पीपल; स्ट्रेंथनिंग पब्लिक सर्विस गारंटी लॉ इन इंडिया पुस्तिका का विमोचन

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। इंडिया अनबाउंड किताब के लेखक और विचारक गुरचरन दास ने कहा है कि निजी प्रयासों और न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप के साथ होने वाला विकास ही असली और दीर्घकाल तक परिणाम देने वाला विकास होता है। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दो शहरों गुरुग्राम और फरीदाबाद का उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार निजी प्रयासों के कारण एक पथरीला और मूलभूत सुविधाओं से रहित गांव गुरुग्राम आज विश्वस्तरीय शहर में परिवर्तित हो गया है।  यहां दुनिया की सभी कंपनियां अपना ऑफिस और आउटलेट स्थापित करना चाहती हैं। वहीं दूसरी तरफ तमाम सरकारी प्रयासों के द्वारा स्थापित फरीदाबाद शहर अब भी अपेक्षित मुकाम हासिल नहीं कर सका है। वह अग्रणी थिंक टैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस) की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान विचार व्यक्त कर रहे थे। सीसीएस द्वारा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित ‘इंडियन लिबरल्स एन्युअल लेक्चर 2023’ के दौरान ‘द डिलेमा ऑफ एन इंडियन लिबरल’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए गुरचरन दास ने कहा कि सरकार के द्वारा इक्विटी और लिबर्टी दोनों पर साथ साथ ध्यान दे

विजन दस्तावेज-2030 :पर्यटन क्षेत्र से जुडें लोगों ने दिए सुझाव

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० आशा पटेल ०  जयपुर। राज्य सरकार ने प्रदेश के चहूंमुखी विकास, प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर राजस्थान को वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इस उद्देश्य के लिए राज्य सरकार विजन दस्तावेज-2030 कर रही है। इस क्रम में उप निदेशक, पर्यटन विभाग उपेन्द्र सिंह शेखावत ने पर्यटन भवन पर वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र से जुडें हितधारकों से संवाद किया। कान्फ्रेंस में प्रबुद्धजनों, विषय विशेषज्ञ, गाइड्स एवं होमस्टे ओनर्स ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।  शेखावत ने बताया कि संवाद में पर्यटन को बढ़ावा देने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। स्टेकहोल्डर्स को विभागीय योजनाओं की जानकारी भी दी गई। उन्होंने बताया कि प्राप्त सुझावों का विभाग के विजन डॉक्यूमेंट में समावेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में ”राजस्थान - मिशन 2030 अभियान” 30 सितम्बर तक चलाया जा रहा है। मिशन 2030 के तहत एक करोड़ से भी अधिक प्रदेशवासियों से सुझाव लिए जा रहे हैं। राज्य सरकार इन सभी सुझावों को समाहित कर राज्य का विज़न दस्तावेज 2030 जारी करेगी।

राजस्थान में भी NDTV ने दी दस्तक

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० आशा पटेल ०  जयपुर । एनडीटीवी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में लॉन्च के बाद यहां रीजनल चैनल एनडीटीवी राजस्थान की शुरूआत कर दी है। टीवी न्यूज़ की दुनिया में सबसे भरोसेमंद नाम, एनडीटीवी से अब सबसे बड़े प्रदेश के दर्शक भी ताजातरीन खबरों और मुद्दों की गहन समझ के लिए एनडीटीवी राजस्थान से सीधे दर्शक रुबरु हो सकेंगे। एनडीटीवी राजस्थान प्रदेशवासियों के समक्ष महज राजनीति तक सीमित न रहने के वादे के साथ समूह की 35 वर्षों की पत्रकारिता के बेमिसाल अनुभव पर आधारित खबरें लेकर हर पल हाज़िर रहेगा। वीर भूमि के दर्शकों के लिए एनडीटीवी राजस्थान की ये प्रतिबद्धता रहेगी कि उन्हें ख़बरें सिर्फ जयपुर से न मिलें बल्कि पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक प्रदेश के हरेक कोने से जनता की आवाज़ उठाई जाए। राजस्थान में एनडीटीवी के बैनर तले शुरू इन ख़बरों का सिलसिला युवा, बच्चे-महिला, बुजुर्ग, जलवायु और गांव-शहरों से सीधे जुड़े स्थानीय मुद्दों को लेकर अनवरत जारी रहेगा। जल्द होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान दर्शक एनडीटीवी की ग्राउंड रिपोर्ट, चुनावी समझ और विश्लेषण की लंबी विरासत से भरपूर कवरेज प्राप्त कर सकेंगे।इसके अ

रिलायंस जियो के 7 साल और 7 इंपेक्ट देश में बहुत कुछ बदल दिया

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० संवाददाता द्वारा ०  नई दिल्ली : सात साल पहले जब रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी ने जियो के लॉन्च की घोषणा की थी तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि एक दिन रिलायंस जियो देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्टर की रीढ़ बन जाएगा। पिछले 7 सालों में जियो ने देश में बहुत कुछ बदल दिया है। इसका सीधा असर आम आदमी की जिंदगी पर पड़ा है। आईये देखते हैं जियो के 7 इंपेक्ट-• फ्री आउटगोइंग कॉल – 5 सितंबर 2016 को अपने लॉन्च के पहले ही दिन रिलायंस जियो ने देश में मंहगी आउटगोइंग कॉलिंग का युग समाप्त कर दिया। भारत में रिलायंस जियो पहली कंपनी बनी, जिसने आउटगोइंग कॉल को फ्री कर दिया। जो आज तक जारी है। कम हुआ डेटा और मोबाइल का बिल- दूसरा जबर्दस्त असर पड़ा मोबाइल डेटा की कीमतों पर, जियो के आने से पहले डेटा करीब 255 रू प्रति जीबी की दर से उपलब्ध था। जियो ने बेहद आक्रमक तरीके से डेटा की कीमतें घटा दीं और डेटा 10 रू प्रति जीबी से कम कीमत पर मिलने लगा। फ्री कॉलिंग और डेटा कीमतें कम होने से मोबाइल का बिल काफी कम हो गया। डेटा खपत में देश हुआ अव्वल-डेटा की कीमतें कम होने का सीधा असर डेटा की खपत पर पड़ा। जियो के आने से पहले भारत डेटा

महिन्द्रा स्वराज ने नई श्रेणी के ट्रैक्टर्स बाजार में उतारे,धोनी बने ब्रांड एंबेसडर

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० आनंद चौधरी ०  नई दिल्ली, देश में तेजी से बढ़ता ब्रांड और महिंद्रा ग्रुप का हिस्सा, स्वराज ट्रैक्टर्स ने 40 से 50 हॉर्स पावर की श्रेणी में ट्रैक्टरों की नई रेंज पेश की। साथ ही स्वराज के ग्राहक और ब्रांड एंबेसडर एम एस धोनी के साथ नए विज्ञापन का अनावरण किया गया। हरित क्रांति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और भारत के पहले स्वदेशी ट्रैक्टर के लिए प्रसिद्ध, नई स्वराज रेंज भारत के कृषि मशीनीकरण को आगे बढ़ाने और भारतीय किसानों की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वराज ट्रैक्टर्स, दृढ़ समर्पण का प्रतीक है। किसानों को सशक्त बनाने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के प्रति समर्पण के साथ,  यह रेंज इस सेगमेंट में प्रदर्शन के नए मानक स्थापित करती है। ये ट्रैक्टर नवीनतम सुविधाओं और प्रौद्योगिकी के साथ सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों पर विजय पाने के लिए बेजोड़ शक्ति, विश्वसनीयता और स्टाइल की पेशकश करते हैं। भारी और नवीनतम उपकरणों को आसानी से संभालने के लिए डिज़ाइन की गई, नई रेंज कृषि कार्यों को नए सिरे से परिभाषित करती है, जिससे सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य भी आसान हो जाते हैं। ये ट्रैक्टर आधुनिक कृषि की मां