1 से 11-दिसम्बर तक विधायकों और सांसदों के घरों तक मार्च निकाल कर किसानों की मांगों को विधानसभा और संसद में उठाने की अपील

० आशा पटेल ० 
जयपुर - संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर राज्य के किसानों द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा, राजस्थान के नेतृत्व में “राजभवन मार्च” आयोजित किया और राज्यपाल कलराज मिश्र के माध्यम से "राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन” दिया।जयपुर के शहीद स्मारक,गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे पर आम सभा हुई। सभा में हजारों की संख्या में किसान शामिल हुये। आम सभा के पश्चात "राजभवन मार्च" के ऐलान के तहत किसान शहीद स्मारक से राजभवन के लिए रवाना हुये परंतु शहीद स्मारक के चारों ओर पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग करके किसानों के मार्च को रोकने का प्रयास किया परन्तु किसानों की संख्या और रोष के सामने पुलिस का जोर नहीं चला और किसान बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए सिविल लाइंस फाटक तक पहुंचने के बाद सिविल लाइंस फाटक पर आम सभा की। तत्पश्चात छः सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के राज्यपाल से मुलाकात कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया।

किसानों के"राजभवन मार्च" की प्रमुख मांगें थी कि सभी फसलों के लिए *कानूनी रूप से गारंटीकृत सी-2 +50% न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का कानून बनाओ।एक व्यापक ऋण माफी योजना के माध्यम से सभी किसानों की सम्पूर्ण "कर्ज मुक्ति" करो। बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लो। लखीमपुर-खीरी में किसानों व पत्रकारों के नरसंहार के आरोपी *केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी एवं उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करो।प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसल बर्बाद होने पर शीघ्र क्षतिपूर्ति के लिए "व्यापक एवं प्रभावी फसल बीमा योजना"। सभी मध्यम, छोटे और सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों को प्रति माह 5,000/रुपये की "किसान पेंशन"।किसान आंदोलन के दौरान *किसानों के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों को वापस लेने।

 किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवारों को "मुआवजे का भुगतान" शामिल हैं।
इन मांगो के अलावा राज्य के किसानों की अन्य प्रमुख मांगों जैसे (a)न्यूनतम समर्थन मूल्य (msp) पर बाजरा, मूंग,मूंगफली ,सोयाबीन आदि फसलों की खरीद तुरंत शुरू की जावे।, प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना में सही क्रॉप कटिंग करवाई जावे,क्रॉप कटिंग के बाद बरसात से फसलों को हुए नुकसान के लिए दुबारा रिपोर्ट करवाकर मुआवजा और कृषि बीमा का बीमा क्लेम दिया जावे।,किसान का बकाया कृषि बीमा क्लेम तुरंत दिया जावे।, राज्य के किसानों को डीएपी , बीज और यूरिया की आपूर्ति बिना बाधा के तुरंत की जावे।, बिजली के डिमांड जमा कृषि कुओं को तुरंत बिजली कनेक्शन दिए जावे,किसानों को अच्छी बिजली दी जावे।

)नहरों और बांधो से किसानों को खेती के लिए आवश्यक पर्याप्त पानी दिया जाए।, राजस्थान में किसानों पर किसान आंदोलनों में बने सभी मुकदम्मे वापिस लिए जायें आदि।इस राज्य स्तरीय मांगपत्र पर राज्य सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को ज्ञापन दिया। प्रतिनिधि मंडल में राजाराम मील,तारा सिंह सिद्धू, पेमाराम, फूल चंद ढेवा, कैलाश यादव शामिल रहे।शहीद स्मारक पर आमसभा को सम्बोधित करते हुये वक्ताओं ने कहा कि आज़ ही के दिन 26 नवंबर 2020 को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा "दिल्ली चलो"आंदोलन शुरू किया गया था और आज ही के दिन देश के दस केन्द्रीय श्रमिक संगठनों ने ऐतिहासिक राष्ट्रीय हड़ताल की थी। 

वक्ताओं ने कहा कि ऐतिहासिक “दिल्ली चलो” आंदोलन, दुनिया का सबसे लंबा और सबसे बड़ा किसान आंदोलन साबित हुआ। इस आंदोलन ने किसानों को उनकी जमीन और रोज़ी-रोटी से बेदखल करने के कॉर्पोरेट-राजनीतिक गठजोड़ के षडयंत्र के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिलाई। वहीं दूसरी ओर इस आंदोलन ने देश में किसानों,मजदूरों और आम मेहनतकश जनता की अभूतपूर्व एकता स्थापित करने का काम भी किया जो कि देश की भाजपा-आरएसएस सरकार की साम्प्रदायिक और नवउदारवादी जनविरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ संघर्षों में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। आमसभा को सम्बोधित करते हुये किसान नेताओं ने कहा कि केन्द्र की भाजपा-आरएसएस की मोदी सरकार द्वारा 9 दिसंबर 2021 को, लगभग एक बर्ष पहले, कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी, बिजली बिल की वापसी आदि के लिखित आश्वासनों को लागू नहीं करने और किसानों को धोखा देने के कारण देश के किसानों में भारी गुस्सा और आक्रोश है।

 राजभवन मार्च से किसानों के आक्रोश को अभिव्यक्त करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में पुनः किसानों के संघर्ष को धार देने और ज्यादा तेज करने का संकल्प व्यक्त किया है।  “राजभवन मार्च” किसानों के आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत है। “कर्ज मुक्ति - पूरा दाम” सहित सभी मांगें पूरी होने तक और सरकारों द्वारा किसानों से किए गए सभी वादे पूरे करने तक एक निरंतर चलने वाले और प्रतिबद्ध देशव्यापी संघर्ष के लिए राज्य के किसानों ने तैयारी कर ली है।

आज की आमसभा को का.अमराराम, रणजीत सिंह राजू, राजाराम मील, पेमाराम, मनिंदर सिंह मान,का.तारा सिंह सिद्धू, सागर खाचरिया,दुली चंद,कालू थोरी, हरविंदर सिंह गिल, गगनदीप सिंह, रेशम सिंह, कुलदीप सिंह चहल,राम कुमार सहारण, सूरजभान सिंह, कैलाश यादव, रामचन्द्र कुल्हरि, विक्रम सिंह मीणा,निशा सिद्धू, चरणप्रीत सिंह बराड़, उमराव सिंह,मदन यादव, भागीरथ नेताओं आदि किसान मोर्चा के नेताओं ने संबोधित किया। मार्च में अखिल भारतीय किसान सभा,(एआईकेएस) ,ग्रामीण किसान संगठन (जीकेएस) ,भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), राजस्थान किसान सभा,जय किसान आंदोलन, अखिल भारतीय किसान महा सभा, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन आदि संगठनों से किसानों ने भाग लिया।

संयुक्त किसान मोर्चा ने आगामी कार्यक्रम के रूप में 1-दिसम्बर से 11-दिसम्बर तक स्थानीय विधायकों और सांसदों के घरों तक मार्च निकाल कर किसानों की मांगों के ज्ञापन देने का ऐलान किया है। सांसदों और विधायकों से किसानों की मांगों को विधानसभा और संसद में उठाने की अपील की जायेगी। 8-दिसम्बर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगे के आंदोलन के कार्यक्रम तय किये जायेंगे।  केन्द्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से का.मुकेश माथुर,का.कुणाल रावत,का.रामपाल सैनी,का.रविन्द्र शुक्ला और जगदीश श्रीमाली ने उपस्थित रहकर समर्थन दिया। जगदीश श्रीमाली ने केन्द्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से आमसभा को संबोधित किया। आमसभा की अध्यक्षता राजाराम मील, रणजीत सिंह राजू, ईश्वर विश्नोई ,फूल चंद ढेवा, कैलाश यादव हरफूल सिंह के अध्यक्ष मंडल ने की। आमसभा का संचालन डॉ.संजय"माधव" ने किया।

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