राजस्थान में सिनेमा के लिए 14 करोड़ रुपए आने वाले वक्त में लगाए जायेंगे

० आशा पटेल ० 
जयपुर- 
राजस्थान में सिनेमा की वजह से पर्यटन बखूबी तौर पर बढ़ा है। अगर राजस्थान में कोई राजस्थानी फिल्म शूट करता है उन्हे 50 लाख से 1 करोड़ रुपए मिलते है उनके इस कार्य के लिए। कार्यक्रम में यश कालरा ने ये बताया की वित्तीय स्तर पर भी पर्यटकों के लिए राजस्थान काफी किफायती प्रदेश है। क्रिस्टल पाम स्थित आईनॉक्स सिनेमा में चल रहे राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में कई बेहतरीन फिल्मों को परदे पर उतारा गया। इसी के साथ टॉक शो सिनेमा और समाज में सिनेमा का सामाजिक स्तर पर कितना महत्वपूर्ण स्थान रहा है इसके बारे में भी महानुभूतियो ने अपने विचार स्पष्ट करके बताए एवं प्रमोशन ऑफ टूरिज्म टॉक शो में निवेश और संस्कृति को सिनेमा के नजरिए से कैसे दिखाया है उस बात की भी पुख्ता जानकारी मुख्य अतिथियों ने बताई।
कार्यक्रम में फाइंडिंग वेगा, फ्यूम्स, द फॉलेन आर कनेक्टेड, डेविल उल्लू-द गेम ऑफ डेविल, हैप्पी न्यू ईयर, गिल्टी, लव मि, स्टूपिड, अनबिरकुम अनडू (लव नोज नो बाउंड्रीज), द रिप्रिजल और नानू कुसुमा (आईएम कुसुमा) जैसी कई भड़िया फिल्मों को आज सुनहरे परदे पर दिखाया गया।प्रमोशन ऑफ टूरिज्म टॉक शो में देवेंद्र मीना, एन चंद्रा, मुकेश पारिख,रयान ग्राहम, मासीम्लियानो मजोटा, यश कालरा और कार्तिक बाजोरिया मुख्य अतिथि रहे।सिनेमा और समाज में सुनील एसीपी कुमार शर्मा, चार्ल्स थॉमसन,बुवाना राम, अजीत राय,सिराज सइद।
अजीत ने अमेरिका में सावले रंग के लोगो का आक्रोश, भारतीय सिनेमा के 100 साल एवं हिंदी और विश्व सिनेमा सिनेमा की कई विचित्र और अनोखी बाते बताई। उन्होंने ये भी बतलाया की संतोषी मां फिल्म के बाद घरों में स्त्रियों ने व्रत रखना शुरू कर दिया। एसीपी कुमार शर्मा ने ये बताया की सिनेमा ने लोगो पर गलत और सही दोनो तरह से प्रभाव डाला है। महाभारत काल का उधारण देते हुए उन्होंने ये बताया की संजय ने भी धृतराष्ट्र को दिव्य दृष्टि से कुरुक्षेत्र की फिल्म ही बताई थी।

चार्ल्स थॉमस ने अपने मुंबई में हुए एक असल अनुभव के बारे में बताया की कैसे यूट्यूब,और डिजिटल ज़माने में फिल्मे कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और कैसे यूट्यूब,फेसबुक और इंस्टाग्राम से और फिल्मों के माध्यम से हम विश्व में एक नया बदलाव ला पा रहे है।सिराज ने इस मुद्दे पर जोर डाला की समाज और सिनेमा अलग नही है ये एक ही है तो सवाल ये उठता है की बहस किस बात पर हो रही है? समाज की, राजनीतिज्ञ विशेषज्ञों की,या फिर करप्शन की। उन्होंने भारतीय सिनेमा की विशेष बातो से भी जनता को सिनेमा के ज्ञान के सागर से परिचित कराया। श्रीमती बुवाना राम ने जनता को संबोधित करते हुए इस बात की स्पष्टता करी की अगर हम सिनेमा का इतिहास देखे तो कई अलग-अलग तरीको से सिनेमा ने समाज पर अपनी एक अनूठी छाप छोड़ी है।

प्रमोशन ऑफ टूरिज्म टॉक शो में देवेंद्र मीना ने बताया की राजस्थान में सिनेमा की वजह से पर्यटन बखूबी तौर पर बढ़ा है। अगर राजस्थान में कोई राजस्थानी फिल्म शूट करता है उन्हे 50 लाख से 1 करोड़ रुपए मिलते है उनके इस कार्य के लिए। कार्यक्रम में यश कालरा ने ये बताया की वित्तीय स्तर पर भी पर्यटकों के लिए राजस्थान काफी किफायती प्रदेश है। एन चंद्रा ने उनकी एक फिल्म युगंदर के बारे में बताते हुए ये कहा की राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है जो युगांदर जैसी खूबसूरत फिल्मों के लिए पर्याप्त और सजग है और उन्होंने ये भी कहा की फिल्मों को शूट करने में क्या क्या मुश्किल उठानी पड़ती है।

मुकेश ने राजस्थानी संगीत की खासियत बताई जो विदेश में कितना प्रसिद्ध है और राजस्थान में सिनेमा के लिए 14 करोड़ रुपए आने वाले वक्त में लगाए जायेंगे। माजोटा ने सरदिनिया आइलैंड के बारे में बताया और ये कहा की राजस्थानी फिल्में पहली बार इटली के एक खूबसूरत आइलैंड पर शूट की जाएगी। रयान ग्राहम जो भारत में पहली बार आए है। पहली बार जयपुर घूमने के मजेदार किस्से बताए साथ ही राजस्थान और जयपुर की शाही मेहमान नवाजी की भी बात करी।

कार्तिक बाजोरिया ने राजस्थान की खासियत और देश की विरासतों के बारे में खूबसूरत तरीके अपने विचार रखे। रिफ के फाउंडर सोमेंद्र हर्ष ने एक खास बात बताई की वे और मुकेश एक अमेरिकन फिल्म में सह-निर्माता है। इस खास पड़ाव से राजस्थानी सिनेमा का विश्व में एक अलग रूप निखर कर आएगा। रिफ में मशहूर निर्देशक अनंत महादेवन और वरिष्ठ अभिनेता अनूप सोनी ने शिरकत की और कल अनूप सोनी की मास्टर क्लास में अनूप एंकरिंग से जुड़ी कई महत्वपूर्ण चीज़े बताएंगे।

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