नई संसद में करें नई शुरूआत,बुलाईये विशेष सत्र, विपक्ष की मांगों पर हो बहस - आनन्द शर्मा

० संवाददाता द्वारा ० 
जहाँ तक देश की मजबूती की बात है उसमें कुछ विषय चिंता के हैं, आज पूर्वोत्तर में क्या हो रहा है, भाजपा की सरकारे हैं, तोड़-जोड़ के बनाई जैसे भी बनाई, नागालैण्ड व मणिपुर के बीच में तनाव है, मणिपुर के अन्दर आंतरिक तनाव और टकराव पैदा हो गया है, हिंसा हो रही है, फौज को बुलाना पड़ रहा है, गोली चलती है, कर्फ्यू लगते हैं, इलाका चीन, तिब्बत, म्यमार के साथ लगता है,
जयपुर | पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनन्द शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर कहा कि केन्द्र सरकार का प्रचण्ड प्रचार चल रहा है और अपने 9 वर्ष के कार्यकाल का हिसाब देने की बजाए ईवेन्ट मैनेजमेंट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते हमारा दायित्व है कि देश की वस्तु स्थिति से आम लोगों को अवगत करायें। उन्होंने कहा कि पिछले 9 साल में जो नहीं हुआ है उसकी जवाबदेही से केन्द्र सरकार बच नहीं सकती है ।

शर्मा ने कहा कि भाजपा ने दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा किया था, इस प्रकार 9 साल में 18 करोड़ रोजगार होने चाहिये, लेकिन 20 से 25 वर्ष आयु में बेरोजगारी आजादी के बाद सबसे अधिक 42 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान वैक्सीन बनी, लोगों को वैक्सीन लगी, लेकिन क्या वैक्सीन का निर्माण 2014 के बाद में शुरू हुआ, 60 के दशक में भारत वैक्सीन बनाने के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ चुका था, पुरानी उपलब्धियों की भी चर्चा करें विनम्रता के साथ, उसमें बड़प्पन भारत की सरकार का होगा ।

उन्होंने कहा कि जहाँ तक देश की मजबूती की बात है उसमें कुछ विषय चिंता के हैं, आज पूर्वोत्तर में क्या हो रहा है, भाजपा की सरकारे हैं, तोड़-जोड़ के बनाई जैसे भी बनाई, नागालैण्ड व मणिपुर के बीच में तनाव है, मणिपुर के अन्दर आंतरिक तनाव और टकराव पैदा हो गया है, हिंसा हो रही है, फौज को बुलाना पड़ रहा है, गोली चलती है, कर्फ्यू लगते हैं, इलाका चीन, तिब्बत, म्यमार के साथ लगता है, इस पर भी चर्चा होनी चाहिये । चीन हमारी सीमा के अन्दर आया है, सेना की बहादुरी पर पूरे देश को विश्वास है, लेकिन क्या प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार जवाब देगी कि तीन साल में क्या हालात हैं, सदन में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चर्चा क्यों नहीं होती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को उठाना देश के हित में है या नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने नई संसद बना ली, संसद पहले भी था, 

उस संसद से भी देश का इतिहास जुड़ा है जिसमें आजाद भारत ने जम्न लिया, उस संसद परिसर में दो साल, ग्यारह महिने, सात दिन बैठकर संविधान की रचना तैयार की गई, संसदीय प्रजातंत्र देश में कायम किया गया, वहाँ पहली बार मई, 1952 में सेन्ट्रल हॉल में दोनों सदन राज्यसभा व लोकसभा मिले थे, उसी हॉल में 1947 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का ऐतिहासिक भाषण हुआ था । उन्होंने कहा कि हम आजादी के बाद की पीढ़ी के लोग हैं, हमने इस देश को बनते हुये, हर दशक में बढ़ते हुये और बदलते हुये देखा है, भारत को तरक्की की, प्रगति की, स्थिरता की, शक्ति की, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुये देखा है ।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार कह रही है नई संसद में नई शुरूआत करें तो कर दें नई शुरूआत, देश के मुद्दों पर चर्चा के लिये विशेष सत्र लेकर आये सरकार, जो विपक्ष की प्रमुख मांगे हैं, जिन विषयों पर बात करना चाहते हैं उसे स्वीकार कीजिये, बहस शुरू कीजिये ताकि पूरा देश सुने कि संसद गूंज रहा है। संसद में सम्मान से बात रखी जा रही है, सरकार भी गंभीरता से बात सुन रही है, अपना पक्ष रख रही है ताकि जनता तय करे केवल भव्य इमारत नहीं उसके बाद हो रहा क्या है, देश वो देखना चाहता है । उन्होंने कहा कि उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री व केन्द्र सरकार अपने वचन पर रहेगी, सही मायनों में पिछले सत्रों में हमने देखा कि कोई भी विषय स्वीकार नहीं किया जा रहा है, दोष विपक्ष को दे दिया जाता है, बेरोजगारी, मंहगाई, किसान की समस्याओं, राष्ट्रीय सुरक्षा व आर्थिक असमानताओं पर चर्चा कर नई शुरूआत करें ।

शर्मा ने कहा कि नोटबंदी देश की अर्थव्यवस्था के लिये एक घातक कदम था जिसके प्रचारित उद्देश्यों में से कोई भी उद्देश्य पूरा नहीं हुआ । उन्होंने कहा कि कालाधन समाप्त करने के लिये 2000 रूपये का नोट प्रचलित किया गया और अब उसको वापस बंद करना स्पष्ट करता है कि भ्रष्टाचार पर रोक इस सरकार के बस में नहीं है । उन्होंने कहा कि देश में नोटबंदी से असंगठित उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा जिससे बेरोजगारी चरम पर पहुँच गई तथा जीडीपी दो प्रतिशत कम हो गई। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण आज देश में मुद्रास्फति बेकाबु है, 

रूपये का अवलमूल्यन चरम पर है। उन्होंने कहा कि अमृत काल सिर्फ दो शब्द नहीं है, देश की जनता का मंहगाई, बेरोजगारी एवं आर्थिक असमानताओं की वजह से जो हाल है उसकी सुध केन्द्र सरकार को लेनी होगी । उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को नये संसद भवन में एक विशेष सत्र बुलाना चाहिये जिसमें मंहगाई, बेरोजगारी, चीन घुसपैठ और राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक असमानता पर चर्चा होनी चाहिये । उन्होंने कहा कि प्रमुख विपक्षी पार्टी होने के नाते जनता के ये सवाल यदि हम नहीं उठायेंगे तो कौन उठायेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा महिला सशक्तीकरण की बात करती है,

 बेटियों के सम्मान की बात करती हैं, लेकिन कल संसद भवन का उद्घाटन समारोह हो रहा था, वहीं दूसरी ओर देश की सम्मानित महिला खिलाड़ियों को सड़कों पर घसीटने का विभत्स दृश्य देखने को मिला, वो बेहद दुःखद है। प्रेसवार्ता के दौरान जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी, चेयरमेन राजीव अरोड़ा, मुख्यालय सचिव ललित तूनवाल, सचिव जसवंत गुर्जर, प्रवक्ता आर. सी. चौधरी, अरूण शर्मा, पंकज शर्मा, नितिन सारस्वत, शुभदेव सिंह चौहान भी उपस्थित रहे ।

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