iLEAD फिल्म फेस्टिवल में भारत के इतिहास और जीवन पर आधारित फिल्मों की होगी स्क्रीनिंग

० संवाददाता द्वारा ० 
कोलकाता : इंस्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप, एंटरप्रेन्योरशिप एंड डेवलपमेंट (iLEAD) की प्रोडक्शन यूनिट आईलीड फिल्म्स की ओर से 30 मई तक आईलीड फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया है। इस आयोजन के तहत कोलकाता के तोपसिया में स्थित आईलीड ऑडिटोरियम में रोजाना जानकारियों के साथ बनी विभिन्न फिल्मों की रोजाना स्क्रीनिंग की जायेगी। फिल्म के प्रति उत्साही लोगों को आईलीड फिल्म्स द्वारा अब तक निर्मित बेहतरीन फिल्मों को देखने का एक अनूठा अवसर प्राप्त होगा। यहां प्रदर्शित की जानेवाली सभी फिल्में मानवीय भावनाओं को प्रदर्शित करने से लेकर हमारे देश के गौरवशाली इतिहास से जुड़ी होगी।
आईलीड फिल्म्स मूलत: शिक्षाप्रद, अर्थपूर्ण और महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ बनी सामाजिक मानवीय भावनाओं से जुड़ी फिल्मों की स्क्रीनिंग की जायेगी। इस आयोजन में स्क्रीनिंग की जानेवाली फिल्में इस प्रकार है:  "1971-इंडियाज फाइनेस्ट ऑवर" – वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारत की शानदार सैन्य जीत पर बनी फिल्म, जिसके कारण बांग्लादेश को मुक्ति मिली थी। 'हर भारतीय को यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए'। इस फिल्म में भारत सरकार के सभी विभागों द्वारा निभाई गई शानदार भूमिकाओं को सबसे समन्वित तरीके से प्रदर्शित किया गया है।

• 27 मई: "बिफोर यू डाई" – इस फिल्म में काव्या नाम की राजस्थान की एक युवा लड़की है, जो अपने पिता के साथ उत्तर बंगाल की खूबसूरत पहाड़ियों में आती है। उसकी मुलाकात दार्जिलिंग के चाय बागान में काम करने वाले लड़के कुलदीप से होती है। वह धीरे-धीरे उससे प्यार कर बैठती है। हालाँकि, जब उसे कुलदीप प्रपोज करता है, तो वह उसी अवस्था में छोड़कर वहां से चली जाती है, लेकिन कुलदीप ने हार नहीं मानने का फैसला किया था। वह इसका पता लगाना चाहता था कि वह क्यों चली गई। यह प्यार और जीवन से जुड़ी है जो मन को भावुक कर देनेवाली कहानी है।

• 28 मई: "कुसुम का बियाह" – यह फिल्म अब तक रिलीज नहीं हुई है। यह फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है, यह ऐसी कहानी है जो सभी बाधाओं को पार करने और दूर करने के लिए मानवीय भावना के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। इस कहानी में दिखाया गया है कि कैसे गरीब से गरीब व्यक्ति ने कोविड महामारी के दौरान लॉकडाउन का सामना किया था। इस फिल्म में बिहार और झारखंड दो राज्यों के बीच शाश्वत प्रतिद्वंद्विता की कहानी को दर्शाया गया है।

• 29 मई: "सत्ता का हस्तांतरण" - 200 वर्षों के ब्रिटिश प्रभुत्व से भारत को कैसे आजादी मिली, यह फिल्म इसी की कहानी है। इस फिल्म में प्रामाणिक फ़ुटेज और सामग्री के साथ दर्शकों को इतिहास की सबसे उल्लेखनीय घटना से रूबरू कराती है। • 30 मई: "इंदिरा" - यह एक वृत्तचित्र फीचर फिल्म है, जो उस महिला की कहानी बताती है, जिसने अत्यंत दुर्लभ संग्रहित फुटेज के माध्यम से भारत के भविष्य को बताने की कोशिश करती है। बीबीसी ने उन्हें 'मिलेनियम की महिला' के रूप में संदर्भित किया और टाइम मैगज़ीन ने उन्हें दुनिया की उन 100 शक्तिशाली महिलाओं में से एक बताया, जिन्होंने अपने सामाजिक क्रियाकलापों से अपनी काबिलियत को साबित किया है।

आईलीड फिल्म्स ने देश के विभिन्न राज्यों में अपनी फिल्मों में उत्कृष्टता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है। फिल्म महोत्सव असाधारण कहानी कहने और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण विविध आख्यानों को प्रदर्शित करने में हमारे समर्पण का एक वसीयतनामा है।  26 से 30 मई तक प्रतिदिन शाम 5 बजे iLEAD फिल्म महोत्सव में शामिल होने के लिए फिल्म प्रेमियों, फिल्म समीक्षकों और छात्रों के साथ उनके अभिभावक सभी को सौहार्दपूर्वक तरीके से आमंत्रित किया जाता है।

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