संस्कृत उपन्यास 'मानवी' बाल साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली - साहित्य अकादमी द्वारा संस्कृत बाल साहित्य पुरस्कार उपन्यासकार आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी को उनके संस्कृत बाल उपन्यास 'मानवी 'के लिए दिया है । इसमें नवोन्मेषी बिम्बों से बाल मन के लिए पक्षियों आदि के द्वारा पर्यावरण के महत्त्व का बड़ा ही मनभावन ढंग से खाका़ खींचा गया है जो आम तौर पर आज के बाल साहित्य पर प्रौढ मानसिकता के दवाब के आरोपों को सर्वथा अपाकृत करता मालूम पड़ता है । यद्यपि यह रचना पक्षी विशेषज्ञ पद्मश्री सलीम अली को समर्पित है । लेकिन इस उपन्यास में जो सलीम नाम का चरित्र है ,उसे पद्मश्री अली से कुछ भी लेना देना नहीं है । 

 जाने माने समीक्षक तथा इस उपन्यास के लेखक प्रो त्रिपाठी ने इसमें न ही कोई अपनी भूमिका लिखी है और न ही किसी से इस पुस्तक के बारे में कोई अनुशंसा लिखवाई है । इससे साफ़ है कि कथानक की सफलता या असफलता का निर्णय पूरा का पूरा पाठक पर ही छोड़ दिया है जो अमूमन आज के पुस्तकों में ऐसा नहीं देखा जा रहा है ।इसका कारण यह भी लगता है कि लेखक अब मान बैठे हैं कि दिग्गजों की पुस्तक अनुशंसा से ही उनकी किताबों की तूती अधिक बोली जाती है ,जबकि ऐसा कुछ नहीं होता क्योंकि सजग पाठक सब कुछ समझता है और पाठकों यही सूझबूझ उस पुस्तक की मूल मौलिक बौद्धिकता की पहचान होती है ।

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