गांधी संस्थानों एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ प्रतिरोध सम्मेलन

० आशा पटेल ० 
वाराणसी । संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर राजघाट परिसर में आयोजित प्रतिरोध सम्मेलन सम्पन्न हो गया। सम्मेलन में विभिन्न प्रस्तावों को पारित करते हुए यह घोषणा की गयी कि जब तक सर्व सेवा संघ की जमीन एवं गांधी विद्या संस्थान के भवनों को कब्जा मुक्त नहीं करा लिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। सम्मेलन ने तय किया है कि संपूर्ण क्रांति दिवस से अगस्त क्रांति दिवस तक जेपी प्रतिमा के सामने लगातार धरना दिया जायेगा। इस धरने में पूर्वांचल के जिलों एवं सामाजिक संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।
इसी के साथ आगामी 9-10 अगस्त को पुन: एक बार जन प्रतिवाद सम्मेलन राजघाट परिसर में किया जायेगा। सम्मेलन में यह भी तय हुआ कि इसी बीच जेपी निवास, पटना से एक यात्रा निकलेगी, जो जेपी जन्म स्थान सिताबदियारा होते हुए 8 अगस्त को राजघाट, वाराणसी पहुंचेगी। इसी 17 जून को दिल्ली में तथा जुलाई में लखनऊ में प्रतिवाद सम्मेलन आयोजित होगा। इस आंदोलन के मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बनारस की गलियों में टोलियां घूमेंगी और शासन-प्रशासन के कारनामों को उजागर करेगी।

सम्मेलन की ओर से वरिष्ठ गांधीजनों का एक प्रतिनिधि मंडल तीन मांगों - सर्व सेवा संघ की क्रयशुदा भूमि पर काशी कॉरिडोर के वर्कशॉप के लिए 02 दिसंबर 2020 से जिला प्रशासन द्वारा कब्जा कर लिया गया है, जो अभी तक कायम है। इस जमीन को अविलंब कब्जे से मुक्त किया जाय। 15 मई 2023 को गांधी विद्या संस्थान के भवनों पर बलपूर्वक कब्जा कर एक असंबद्ध संस्था ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र’ को सौंप देना अनुचित व क्षेत्राधिकार का उल्लंघन है। इस आदेश को वापस लिया जाय।  रेलवे द्वारा सर्व सेवा संघ की खरीदी हुई जमीन के संबंध में ‘कूटरचित आपराधिक कृत्य’ का आरोप लगाया गया है, जो लज्जाजनक है।

 इस प्रकरण के द्वारा आचार्य विनोबा भावे, पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री, तत्कालीन रेलमंत्री जगजीवन राम तथा देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जैसे व्यक्तित्वों को लांक्षित किया गया है। रेलवे की इस शिकायत पर संज्ञान लिया जाना और मुकदमा दर्ज करना दु:खद एवं हास्यास्पद है। कृपया इस शिकायत/वाद को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाय। - को लेकर बनारस के आयुक्त कौशल राज शर्मा से मिलने गया था, पर वे नहीं मिले। जबकि इस बात की सूचना रात में ही ई-मेल द्वारा दी गयी थी। प्रतिनिधि मंडल में सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन पाल, वरिष्ठ नेता अलख भाई, समाजवादी नेता रघु ठाकुर, पूर्व विधायक व किसान नेता डॉ. सुनीलम, लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण के संयोजक प्रो. आनंद कुमार, गांधी विद्या संस्थान के प्रो. डी. एम. दिवाकर, उ. प्र. गांधी स्मारक निधि के सचिव लालबहादुर राय शामिल थे।

सम्मेलन में महेश विक्रम, वरिष्ठ समाजवादी विजय नारायण, प. बंगाल से विश्वजीत घोरई, सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुगन बरंठ, समाजवादी नेता रघु ठाकुर, पूर्व विधायक व किसान नेता डॉ. सुनीलम, पूर्व विधायक सुरेन्द्र पटेल, रामकिशोर, अरविंद कुशवाहा, लालबहादुर राय, कुमकुम भारद्वाज, डॉ. उज्ज्वल, सुशील कुमार, डॉ. सुखचंद्र झा, सौरभ कुमार सिंह, प्रो. डी.एम. दिवाकर, पंकज, विनोद रंजन, रूपेश, कारूभाई, उ. प्र. सर्वोदय मंडल अध्यक्ष एवं लोकतंत्र सेनानी रामधीरज, सर्व सेवा संघ प्रकाशन एवं परिसर के संयोजक अरविन्द अंजुम, संजीव सिंह, रामजनम, सोनभद्र से अजय शेखर, शुभा प्रेम, दिल्ली से संजय सिंह, 

जयपुर राजस्थान से सवाई सिंह, उमरिया मध्य प्रदेश से संतोष द्विवेदी सहित सम्मेलन में लगभग 150 लोगों से अधिक की भागीदारी रही और लोगों ने अपने विचार रखे।  गांधीजनों ने प्रभातफेरी निकाली। सम्मेलन शुरू करने से पहले सभी गांधीजनों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ गांधीवादी अजय शेखर और संचालन अरविन्द अंजुम ने किया।

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