अपने ही देश में रेफ्यूजी होने का दर्द दर्शाती कहानी=रावी पार

० आशा पटेल ० 
जयपुर। जवाहर कला केंद्र, जयपुर में दो नाटकों के मंचन के साथ ही कलंदर सोसायटी, जयपुर और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली के सयुंक्त तत्वावधान में 40 दिवसीय नाट्य कार्यशाला के समापन पर मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष रमेश बोराणा , राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष बिनाका मालू व वरिष्ठ रंगकर्मी देवेंद्रराज अंकुर जो कि NSD के निदेशक रहेऔर कहानी के रंगमंच प्रणेता है , उपस्थित रहे।

निदेशक रुचि भार्गव नरूला ने बताया कि पहले सत्र में नाटक उद्धव की गाथा का व दूसरे सत्र में नाटक रावी के पार* दोनों नाटक 'विकसित से विभाजित' शीर्षक के अंतर्गत प्रस्तुत । गुलजार लिखित नाटक रावी पार में भारत विभाजन की त्रासदी को बहुत ही संवेदनशील ढंग से दर्शाया गया। दोनो नाटकों के बीच में गुलजार की कहानी दादी और दस पैसे की एकल प्रस्तुति भी हुई। 

 वर्ल्ड माइम आर्गेनाइजेशन के सदस्य कुणाल मोटलिंग और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से प्रशिक्षित एवं मेटा बेस्ट थिएटर एक्टर अवार्ड विजेता अजीत सिंह पालावत, राजस्थान के वरिष्ठ रंगकर्मी गोपाल आचार्य, ईश्वर दत्त माथुर एवं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली से सौति चक्रवर्ती तथा मध्यप्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक टीकम जोशी ने कार्यशाला के प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया। 

कार्यशाला का आयोजन मालवीय नगर स्थित कलंदर स्टूडियो में किया गया। कलाकारकृतिका दिवाकर, कनिष्क शेखर शर्मा, गौरव राठौड़, सरगम, दशरथ दान, विश्वजीत, अनिमेष आचार्य, तितिक्षु राज, विशाल, दशरथ एवं अन्य कलाकारों का अभिनय तालियां बटोरने में अव्वल रहा।

रुचि भार्गव द्वारा निर्देशित यह नाटक विभाजन की त्रासदी को बड़ी शिद्दत से दर्शाया गया। इस बेहतरिन्नातक में मोईन अयान ने कार्यशाला सहायक की भूमिका निभाई। प्रकाश परिकलपना राजीव मिश्रा एवं संगीत भानु बेनीवाल एवं मोईन अयान ने उल्लेखनीय किया। वस्त्र विन्यास अनिमेष आचार्य और मंच सज्जा रिचा शर्मा ने बहुत अच्छा किया।

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