नागरिकों एवं जन संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में हिरोशिमा दिवस पर रैली

० आशा पटेल ० 
उदयपुर । 6 अगस्त को हिरोशिमा और 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर पहला परमाणु बम गिराए जाने के 78 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में उदयपुर के नागरिकों और जन संगठनों के साझा मंच द्वारा नगर में रैली निकालकर अम्बेडकर चौराहे पर सभा की और संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटरस के नाम ज्ञापन प्रेषित किया।
ज्ञापन में सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों की वीटो शक्तियों का उन्मूलन करने,पर्यावरण और जैव विविधता के विनाश को रोकने तथा जलवायु परिवर्तन से प्रकृति और मानवजाति पर मंडराते खतरे से संबंधित चिंताओं से अवगत कराते हुए वैश्विक नागरिक की आवश्यकताओं के अनुसार वैश्विक शासन प्रणाली में व्यापक बदलाव लाने की मांग की गई तथा दुनिया भर में बढ़ती हिंसा पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई।
नागरिकों एवं जन संगठनों के साझा मंच के संयुक्त तत्वावधान में हिरोशिमा दिवस पर रैली टाउन हॉल से प्रारंभ होकर बापू बाजार डेलीगेट होते हुए अंबेडकर सर्कल पर पहुंची और यहां सभा में परिवर्तित हो गई। अंबेडकर सर्कल पर आयोजित सभा सभा के प्रारंभ में हिरोशिमा और नागासाकी में हुई त्रासदी में जो लोग मारे गए उन्हें दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सबसे पहले सभा में साझा मंच के संयोजक एवं प्रकृति मानव केंद्र जन आंदोलन के प्रतिनिधि मन्नाराम डांगी ने की रैली के बारे में बताते हुए कहां की मुख्य रूप से रैली और सभा का आयोजन विश्व पर्यावरण, विश्व शांति और सामाजिक सुरक्षा के मुद्दों पर किया गया है। 
उन्होंने कहा कि इस समय विश्व में कॉरपोरेट एजेंडा लगा हुआ है और दुनिया की सरकारें कॉरपोरेट्स की कठपुतलियों के रूप में काम कर रही है इसलिए पर्यावरण एवं विश्वशांति को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
सभा में बोलते हुए रमेश नंदवाना ने कहा कि अमेरिका सहित सभी साम्राज्यवादी देश प्रकृति और मानवता के दुश्मन है तथा विश्व की जनता को जमीनी स्तर पर इनसे मुकाबला करना होगा सभा के मुख्य अतिथि रामेश्वर चौधरी ने कहा कि जन संगठन और बुद्धिजीवियों को साझा रूप से आना शुभ संकेत है और उन्होंने कहा कि वर्तमान संयुक्त राष्ट्र संघ पूर्णरूपेण एकतरफा और निष्क्रिय है तथा उसे सशक्त और अधिक लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है।

सभा में वीरेंद्र लोगों एवं अश्विनी पालीवाल ने यूएन महासचिव को प्रेषित किए जाने वाले ज्ञापन के बारे में विस्तार से बताया। सभा को जमुना देवी राजसमंद , सविता देवी व सोहन लाल रेगर, हिम्मत सेठ, खेताराम डांगी ,मोहम्मद शरीफ ,छिपा गोविंद रोड ,जीएस बुंदेल, चंद्रदेव ओला सहित वक्ताओं ने संबोधित कर विश्व शांति सामाजिक सुरक्षा एवं पर्यावरण के बारे में विचार व्यक्त किए। 

सभा के अंत में वैश्विक खतरो की चुनौतियों के बारे में बोलते हुए डी.एस. पालीवाल ने धन्यवाद की रस्म अदा की तथा सभा का संचालन नंदकिशोर शर्मा ने किया। सभा में नगर के नागरिकों के साथ ही प्रकृति मानव केंद्रित जन आंदोलन, पीयूसीएल, किसान सभा तथा ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

हस्तशिल्प आर्टीजंस के प्रमोशन हेतु हुआ फ्लो जयपुर चैप्टर का ' जयपुर आर्ट फेयर

“द ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार 2024“ का आयोजन 5 से 7 मई जयपुर में

वाणी का डिक्टेटर – कबीर