अब रोटी जितना महत्वपूर्ण हो गया है डाटा- प्रो के जी सुरेश

० आशा पटेल ० 
जयपुर । रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा अब व्यक्ति की मौलिक आवश्यकताओं में डाटा भी आ गया है इसलिए हमें मीडिया की समझ को विस्तार देना होगा। यह बात माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति डॉ के जी सुरेश ने हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान के दौरान कही।

प्रो सुरेश ने कहा कि आजकल हर व्यक्ति मोबाइल फोन के माध्यम से मीडिया का ग्राहक है और इस तरह वह डाटा का ग्राहक है। हर व्यक्ति अब कंटेंट का निर्माता बन गया है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी हो जाती है कि आम नागरिक तक मीडिया साक्षरता पहुंचे, क्योंकि मीडिया संस्थान सिर्फ हमें मीडिया के तकनीकी पक्ष की ही जानकारी नहीं देते बल्कि मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता में विस्तार करते हैं। जब तक आम लोगों में मीडिया साक्षरता का प्रसार नहीं होगा हम व्हाट्सएप फॉरवर्डिंग के माध्यम से इस्तेमाल हो सकते हैं क्योंकि पुराने एडिट किए गए फोटो और वीडियो हमारे सामने सामाजिक समस्याएं और कानून व्यवस्था की चुनौती पेश कर सकती

हैं। एक आम व्यक्ति की भी आज आवश्यकता हो गई है कि वह शोध के आधार पर समाचार या सूचना का निर्माण करें क्योंकि यह आवश्यक नहीं की जो दिखता हो वह सत्य हो। प्रोफेसर सुरेश ने कहा कि नेशनल मीडिया लिटरेसी के लिए सभी मीडिया संस्थानों को कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने मीडिया संस्थानों और मीडिया विश्वविद्यालय को सुझाव दिया कि वह मीडिया लिटरेसी के प्रसार के लिए इलाकों का चयन कर उन्हें गोद लें और लोगों में मीडिया की जानकारी की

जागरूकता का प्रसार करें। हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो डॉ सुधि राजीव ने कहा कि हम माखनलाल चतुर्वेदी विवि के साथ फैकेल्टी विद्यार्थी एक्सचेंज कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं ताकि शैक्षणिक परिसर दोनों विश्वविद्यालय एक दूसरे के पाठ्यक्रम और नवाचारों से सीख सकें । उन्होंने कहा कि हाल ही में हमने संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के साथ मिलकर जेंडर संवेदनशीलता पर वर्कशॉप का आयोजन किया है और जन स्वास्थ्य पर एक पाठ्यक्रम चलाने का प्रयास जारी है, इससे विद्यार्थियों को लाभ हुआ है।

कार्यक्रम का संचालन एडजंक्ट प्रो डॉ ताबीना अंजुम ने किया जबकि मेहमानों का धन्यवाद डॉ अनिल मिश्र ने किया। इस अवसर पर शिक्षकगण और विवि के विद्यार्थियों के साथ साथ शहर के बुद्धिजीवी भी मौजूद थे।

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