दिल्ली सरना समाज द्वारा प्रकृति पर्व करम धूमधाम से मनाई

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली : भादो एकादशी शुक्ल पक्ष को सरना आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला महान प्रकृति पर्व करम, दिल्ली सरना समाज के तत्वाधान में दिल्ली हाट अखरा में बड़े धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ पाहन की अगुवाई में पूरे विधि- विधान से मनाया गया। करम पूजा महोत्सव की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार भगत ने किया। पूजा महोत्सव में दिल्ली के कोने कोने से हजारों श्रद्धालु आदिवासी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा था।
देश की राजधानी दिल्ली के करम महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय सारण धर्मगुरु बंधन तिग्गा (केन्द्रीय अध्यक्ष, राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा), विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय प्रवक्ता संजय पाहन, वरिष्ठ पत्रकार एवं अध्यक्ष आधुनिक इंडिया फाउंडेशन डी के चौहान, राष्ट्रीय प्रचारिका कमले उरांव, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रवि तिग्गा, छतीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष मिटकू भगत, तेलंगाना जयस प्रभारी नरसिम्हा कटराम आदि मुख्य रूप से शामिल हुए, जिनका समिति के सदस्यों ने भव्य स्वागत किया।
पूजा के लिए करम देव को अखरा में नाचते गाते स्वागत कर मध्य में स्थापित किया गया। इसके पश्चात सामूहिक अनादि प्रार्थना किया गया। पाहन राजा द्वारा पवित्र जावा फूल करमदेव के चरणों में अर्पित कर पूजा अर्चना की गई। इसके पश्चात पाहन राजा ने अखरा में उपस्थित करमईत सहित तमाम श्रद्धालुओं को करम कहानी (खीरी) सुनाकर जीवन जीने का रहस्य बतलाया और उनके द्वारा तमाम अतिथियों को जावा फूल खोंसा गया।

मुख्य अतिथि सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने लोगों को संदेश दिया कि विश्व के समस्त जीव -जन्तु, कुशल मंगल रहे। विश्व में परस्पर प्रेम, सौहार्द बढ़े। लोग प्रकृति से प्रेम करें ताकि प्रकृति में संतुलन बना रहे तथा प्रकृतिक आपदा से दुनिया बचा रहे। झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रवि तिग्गा ने करम संदेश में कहा कि जीवन में कर्म करना अति आवश्यक है, लेकिन कर्म के साथ धर्म करना भी उतना ही आवश्यक है। क्योंकि कर्म कर हम धन, दौलत, शोहरत आदि कमा सकते हैं, 

लेकिन धर्म के बिना इन चीजों से अहंकार, घमंड, पाप आदि जन्म लेते हैं। लेकिन कर्म के साथ, धर्म करने से हमारे और हमारे बच्चों के अंदर अच्छे संस्कार, तरक्की, बरकत आदि आते हैं। इसके बाद सभी ढोल - नगाड़े की थाप पर पारंपरिक करम गीत पर अखरा में नृत्य कर शमा बांध दिया। कार्यक्रम का संचालन राम किशोर केरकेट्टा द्वारा किया गया। इस मौके पर दिल्ली सरना समाज के सभी पदाधिकारी मौजूद थे।

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