शिक्षक दिवस पर सरस कवि सम्मेलन का आयोजन

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नवीन झा ० 
नई दिल्ली| शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन एवं टेक्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज़ के संयुक्त तत्त्वावधान में टेक्निया इंस्टिट्यूट के रोहिणी में एक सरस कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया| टेक्निया इंस्टिट्यूट के रजत जयंती समारोह के अंतर्गत आयोजित इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षा, वरिष्ठ कवयित्री इंदिरा मोहन ने की एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मेलन के महामंत्री प्रोफेसर रवि शर्मा ‘मधुप' उपस्थित रहे| इस अवसर पर आमंत्रित कवयित्री एवं रोहिणी जोन की निगम पार्षद ऋतु गोयल, वीररस के कवि विनय विनम्र, हास्य रस के ख्याति प्राप्त कवि
 रसिक गुप्ता एवं छंदबद्ध कविता के सशक्त हस्ताक्षर आचार्य अनमोल कवि सम्मेलन के मुख्य आकर्षण थे| कार्यक्रम के प्रारंभ में टेक्निया इंस्टिट्यूट के संस्थापक एवं चेयरमैन डॉ. राम कैलाश गुप्ता द्वारा अतिथियों एवं कवियों का अंग वस्त्र एवं पौधा भेंट कर स्वागत किया गया| सम्मेलन की अध्यक्षा इंदिरा मोहन ने कार्यक्रम के प्रारंभ में टेक्निया इंस्टिट्यूट के रजत जयंती समारोह के अवसर पर सुरुचिपूर्ण कवि सम्मेलन आयोजित करने के लिए संस्था के चेयरमैन का आभार व्यक्त किया| अंतरराष्ट्रीय ख्याति के कवि  विनय विनम्र ने वीणापाणि माँ सरस्वती का गुणगान करके कवि सम्मेलन का प्रभावी प्रारंभ किया| 
रसिक गुप्ता ने अपनी अनूठी शैली में हास्य कविताएँ प्रस्तुत करके उपस्थित श्रोता समुदाय का भरपूर मनोरंजन किया और अपनी कविता द्वारा पर्यावरण संरक्षण का सार्थक संदेश भी दिया| ऋतु गोयल ने भारतीय गृहिणी की स्थिति का वर्णन करते हुए परिवार एवं समाज में उनके महती योगदान को रेखांकित किया| अपनी भावपूर्ण कविताओं के लिए विख्यात ऋतु गोयल द्वारा सुनाई गई मर्मस्पर्शी कविताओं का श्रोताओं ने तालियाँ बजाकर समर्थन किया| वीर रस के ओजस्वी कवि विनय विनम्र ने अपनी जोशीली वाणी से राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत कविताएँ सुनाकर श्रोताओं के मन-मस्तिष्क में हलचल मचा दी
 उनके गीत - ‘हम सच्चे हिंदुस्तानी हैं, हम अच्छे हिंदुस्तानी हैं, हम बच्चे हिंदुस्तानी हैं’ की स्वर लहरी पर पूरा सभागार झूम उठा| व्यंग्य कविता के माध्यम से काव्य जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले कवि प्रोफेसर रवि शर्मा 'मधुप' ने व्यंग्य की पैनी धार का उपयोग करते हुए पुराने दोहों को नए रंग में ढालकर जब श्रोताओं के सम्मुख रखा, तो श्रोता समूह आनंदित होने के साथ-साथ सोचने पर विवश हो गया| उनकी चर्चित व्यंग्य कविता 'लड़ाई, दो कुत्तों की' सुनकर श्रोता समुदाय भाव विभोर हो गया|

कवि सम्मेलन का सरस संचालन कर रहे आचार्य अनमोल ने अपनी विविध कविताओं के द्वारा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया| उनकी कविता 'पप्पू पास हो गया' ने वर्तमान दौर के विद्यार्थियों की उद्दंडता और उच्छृंखलता के विनाशकारी परिणामों की ओर सार्थक संकेत किया| कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही श्रीमती इंदिरा मोहन ने अपनी गुरु गंभीर वाणी से अपने गहन काव्य पाठ से श्रोताओं को आध्यात्मिक धरातल पर आत्मविश्लेषण करने की प्रेरणा दी|

 टेक्निया इंस्टिट्यूट के चेयरमैन डॉ. राम कैलाश गुप्ता ने सभी आमंत्रित कवियों एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया एवं भविष्य में दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन के साथ मिलकर वर्षभर ऐसे साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजन करने का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी ने करतल ध्वनि से अनुमोदन किया|

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