जुड़ेगा भारत,जीतेगा आई.एन .डी.आई.ए.INDIA

० विनोद तकियावाला ० 
 नयी दिल्ली - भारतीय राजनीति में सितम्बर महिना विशेष माह साबित होगा। सितम्बर का यह माह किस राजनीतिक गुट को केन्द्र मे सता के सिंघासन पर आसीन होने के लिए शुभ होगा या किस राजनीतिक गठबन्धन के गुटो पर सितम ढायेगा।यह अभी अतीत के गर्भ में है।इसके लिए हमे व आपको अभी इंतजार करना पड़ेगा।सितम्बर महीने के प्रथम दिन ही भारतीय राजनीति ने विश्व के राजनीतिज्ञों व राजनीति पंडितयों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।माह के पहली व दुसरी तारीख को एक ओर विपक्षी दलों का इण्डिया की बैठक व्यवसायिक राजधानी मुम्बई में सम्पन्न हो गई है।

वही सता पक्ष की एन डी ए के घटक दलो की बैठक यही हुई।वही इसी सप्ताह के अंत में देश की राजधानी दिल्ली में जी-20 का सम्मेलन 9-10 सितम्बर आयोजित की जा रही है।उनकी तैयारियाँ इन दिनों जोरों पर है। वैश्विक राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बैठक वैश्विक अर्थ व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है।इसी बीच केन्द्र सरकार के प्रह्ललाद जोशी संसदीय कार्य मंत्री नें संसद के 18 से 22 सितम्बर तक विशेष सत्र बलाने की घोषणा कर दी।

इस विशेष सत्र के दौरान पाँच बैठक होगी।सुत्रों के मुताबिक इस विशेष सत्र के दौरान 10 से अधिक महत्वपूर्ण विधयेक पेस किये जायेगें।इनमें से वन नेशन , वन एलेक्सन पर चर्चा होने की प्रबल संभावना है। इसके लिए एक समिति बनाई गई है।इनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी का नाम शामिल किया गया है।इनके अलावा समिति में15वें​ वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह,लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ.सुभाष कश्यप,वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी भी हैं।

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य और विधि विभाग के सचिव नितेन चंद्र समिति के सचिव होंगे।सरकार ने शनिवार को ही समिति के कामकाज की अधिसूचना भी जारी कर दी है।वहीं,कांग्रेस ने इस समिति को संसदीय लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश बताया। बीते शनिवार की रात अधीर रंजन चौधरी ने कमेटी में शामिल होने से इनकार कर दिया हैं।अधीर रंजन ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा। समिति का गठन ऐसे किया गया है कि नतीजे पहले से तय हो सकें।आम चुनाव से पहले ऐसी समिति सरकार के गुप्त मंसूबों की ओर इशारा करती है,जिसमें संवैधानिक रूप से एक संदिग्ध व्यवस्था को लागू करने की कोशिश की जा रही है।उन्होंने कहा कि राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को शामिल नहीं करना संसदीय लोकतंत्र का अपमान है।

केन्द्र सरकार के द्वारा लिये गये इस निर्णय को भाजपा व एन डी ए के घटक दलों के द्वारा लिए गए को जनता के लिए कल्याणकारी बता रही है।वही विपक्षी दलों के गठबन्ध इण्डिया के घटक दलों के नेताओं ने इस तरह के फैसले पर प्रशन चिन्ह लगाते हुए कहा कि केन्द्र की भाजपा व एन डी ए की सरकार विपक्षी राजनीतिक दलों एकता व इण्डिया के जनता में लोकप्रिय व समर्थन से भयभीत हो गई है। तभी तो केन्द्र में भाजपा व एन डी ए व पंत प्रधान व प्रधान सेवक जी इतना घबरा गये है।उन्हे सन 2024 में अपनी हार दिख रही है।जो काम सरकार अपनी लगभग10 वर्षो के कार्य काल में नही कर पाई।वह अब संसद का विशेष सत्र बुलाना पड़ गया है।

आप को बता दे कि विगत सप्ताह देश की व्यवसायिक राजधानी मुम्बई में 26विपक्षी दलों के 62 नेता के गठबंधनआई.एन.डी.आई ए‘(इंडिया)में आयोजित की गई। इस बैठक में आगामी वर्ष 24 के लोकसभा चुनाव से जुड़े कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।इसके बाद इंडिया ‘गठबंधन’ के शीर्ष नेताओं ने प्रेस प्रतिनिधि से मुखातिब हुए।जिसमें शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट)नेता आदित्य ठाकरे ने प्रस्तावों को पढ़कर सुनाया।इंडिया गठबन्धन के सभी घटक दल अपना संचार और मीडिया रणनीति और चुनाव अभियान "जुड़ेगाभारत और जीतेगा इंडिया " की थीम पर लड़ेंगे।

इस बैठक में चार समितियां बनाने का फ़ैसला किया गया है।इंडिया गठबंधन’ की कोऑर्डिनेशन समिति में केसी वेणुगोपाल,शरदपवार,स्टालिन,संजय राउत,टी राजा,तेजस्वी यादव,अभिषेक बनर्जी,राघव चड्ढा,जावेद अली ख़ान को जगह दी गई है।इसके अलावा ललन सिंह,हेमंत सोरेन,महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्लाह को भी कमेटी में जगह दी गई है।आई.एन.डी.आई.ए(इण्डिया) के तीन पारा के प्रस्ताव में कहा गया है ''हम, इंडिया के विभिन्न दल, लोकसभा का अगला चुनाव जहां तक संभव हो,एक साथ मिलकर लड़ने का संकल्प लेते हैं।विभिन्न राज्यों में सीट के बंटवारे की व्यवस्था तुरंत शुरू होगी और विचार-विमर्श की सहयोग वाली भावना के साथ यथाशीघ्र पूरी की जाएगी।

इस प्रस्ताव के अनुसार, ''हम,इंडिया के विभिन्न दल,लोगों की चिंता और महत्व के मामलों पर देश के विभिन्न हिस्सों में जल्द से जल्द सार्वजनिक रैलियाँ आयोजित करने का संकल्प लेते हैं।'प्रस्ताव के अंत में कहा गया है, ''हम,इंडिया के विभिन्न दल, विभिन्न भाषाओं में "जुड़ेगा भारत,जीतेगा इंडिया" थीम के साथ अपनी संबंधित संचार और मीडिया रणनीतियों और मुहिमों का समन्वय करने का संकल्प लेते हैं।'प्रस्ताव में सबसे नीचे इंडिया के दलों का नारा ''जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया'' लिखा है.

इस बैठक के दौरान राहुल गांधी ने कहा,''मुझे भरोसा है कि इंडिया गठबंधन बीजेपी को आसानी से हराएगा।उन्होंने कहा -"इस मंच पर बैठी सारी पार्टियां यदि एकजुट रहती हैं,तो हमें हराना नामुमकिन है।मैं देख रहा हूं कि इंडिया गठबंधन के सभी दलों ने उदारता दिखाई है।हम सबमें थोड़ा बहुत मतभेद है,लेकिन इसे दूर किया जाएगा।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ''हमने जो तय किया है,उस प्रस्ताव पर काम करेंगे।गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाएंगे।ईडी,सीबीआई जैसी संस्थाओं का गलत इस्तेमाल हो रहा है।ऐसा कभी नहीं हुआ।मैं 55 साल से राजनीति में हुँ।ऐसा कभी नहीं देखा।'' उन्होने कहा कि ''बिना हमें बताए संसद का विशेष सत्र बुला रहे हैं।मणिपुर जल रहा था चीन ने जब ज़मीन हड़प ली,कोरोना चल रहा था,नोटबंदी के वक्त,प्रवासी मज़दूर जब परेशान थे,तब संसद का सत्र नहीं बुलाया।आहिस्ता,आहिस्ता तानाशाही की ओर जा रहे हैं।'

‘नीतीश कुमार ने कहा कि ''आप सबको मालूम है कि आज तीसरी बैठक हो गई।आप लोगों को बता दिया है कि किन किन चीज़ों पर सहमति बन गई है।अब हम लोग विभिन्न जगहों पर जाकर लोगों को संबोधित करेंगे।अब जो केंद्र में हैं,वो हारेंगे।यह तय हो गया है ।मीडिया पर ही कब्ज़ा कर लिया है।ये कम करते हैं और ज़्यादा छपते हैं।लालू यादव ने पीएम मोदी को घेरने से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए अपनी बात रखी।उन्होंने कहा“मुझे काफ़ी प्रसन्नता हुई कि विभिन्न दलों के नेता एकजुट हो गए हैं।पहले हम एक नहीं होते थे,जिसका फ़ायदा नरेंद्र मोदी को हुआ।उन्होंने भाजपा का मतलब समझाया।भा माने भारत,ज का मतलब जलाओऔर पा माने पार्टी.

लगातार लड़ाई लड़ते लड़ते आज हम इस मुक़ाम पर पहुंचे हैं।पहले पटना,फिर बंगलुरु और आज मुंबई.Iअब हम सब में सहमति बन गई है।हम राहुल गांधी को विश्वास दिलाते हैं कि हम सब एक हैं और एक मिलकर लड़ेंगे ।अब सीट शेयरिंग की बात शुरू होगी।हम लोग अपना नुकसान करके भी इंडिया को जिताएंगे और मोदी को हराएंगे ।”लालू यादव ने एनसीपी चीफ़ शरद पवार को आश्वस्त करते हुए लिखा – हम शरद पवार से भी कहते हैं कि डटे रहिएगा और अपनी पार्टी को मजबूत रखिएगा ।

दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा ''ये जो इंडिया एलायंस है,वो केवल 26 या 28 दलों का एलायंस नहीं है।बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों का एलायंस है।''हमें दुख होता है कि ये जो मोदी सरकार है,वो देश की सबसे करप्ट सरकार है. हम तीन चार दिनों से पढ़ रहे हैं कि विदेशों में ख़बर छप रहे हैं कि भारत की सरकार केवल एक आदमी के लिए काम कर रही है।इसे सुनकर दुख होता है।आज लोगों की आमदनी नहीं है।युवा पढ़कर बेरोज़गार हैं।इससे ज़्यादा अहंकारी सरकार कभी नहीं रही.

बहुत बहुत बड़ी ताक़तें इस इंडिया एलायंस को तोड़ने की कोशिशों में लगेगी।नेताओं के बारे में बताया जाएगा कि इनके बीच झगड़े हो रहे हैं,लेकिन ऐसा नहीं है।यह बताकर ख़ुशी हो रही है कि सभी दलों ने विभिन्न तरह की ज़िम्मेदारियां ली हैं।” भारतीय राजनीति के पंडितो का मानना है कि विपक्षी दलों की इण्डिया की अग्नि परीक्षा उस समय होगी जब लोक सभा चुनाव में गठबन्ध के राजनीति दलों ने जो कुछ रणनीति बनाई है सभी सीटों पर विपक्षी दलों के गठबन्धन अथार्त आई एन डी आई ए (इण्डिया) का एक उम्मींद वार होगा।

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