मुख्य सचिव ने गांवों के मसलों पर चौ. सुरेंद्र सोलंकी सेे चर्चा

योगेश भट्ट •

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने पालम 360 खाप के प्रधान चौ. सुरेंद्र सोलंकी के साथ गांवों के मसलों पर चर्चा की। इस दौरान चौ. सुरेंद्र सोलंकी ने सर्कल रेट समेत नौ मसलों का जल्द से जल्द समाधान करने का आग्रह किया। इस संबंध में 

उन्होंने मुख्य सचिव को एक ज्ञापन सौंपा। उनके साथ बवाना 52वीं खाप के प्रधान चौ. धारा सिंह, नांगलोई आठ गामा के प्रधान चौ. सुरेश शौकीन के अलावा रोहताश शौकीन, राजेंद्र डागर आदि मौजूद थे।

इस मौके पर चौ. सुरेंद्र सोलंकी ने मुख्य सचिव को बताया कि उनकी खाप काफी समय से गांवों के विभिन्न ममलों को लेकर केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार का दरवाजा खटखटाने में लगी हुई, लेकिन अभी तक उनके मसलों पर गौर नहीं हुआ है। 

इस कारण ग्रामीणों में भारी रोेष है और उन्होंने आंदोलन आरंभ करने के लिए कमर कस ली है। लिहाजा हमने आंदोलन शुरू करने से पहले एक बार आपको पूरे मसले से अवगत कराने का निर्णय लिया। हमारा आपसे आग्रह है आप ग्रामीणों को न्याय दिलाने की पहल करें।

उन्होंने बताया कि सभी गांव का हाउस टैक्स पूरी तरह से माफ होना चाहिए, म्यूटेशन प्रक्रिया को पुनः बहाल की जाए, डीएलआर एक्ट की धारा-81 और धारा-33 के तहत कार्यवाही को समाप्त की जाए, धारा-81 में दर्ज पुराने मामलों को तुरन्त वापस लेने की पहल की जाए, धारा-74 (4) के अंतर्गत गांवों के भूमिहीनों, पूर्वसैनिकों व उनकी विधवाओं आदि को ग्रामसभा की भूमि में आवंटित रिहायशी व कृषि भूमि के पट्टों को मालिकाना हक दिया जाए, 

भूमि अधिग्रहण के दौरान ग्रामीणों को वैकल्पिक प्लॉट देने के निर्णय को अमलीजामा पहनाया जाए, ग्रामसभा की जमीन का डीडीए को हस्तान्तरण करने पर रोक लगाकर उनका इस्तेमाल गांरों में सुविधाएं उपलब्ध कराने व विकास कार्यों में इस्तेमाल किया जाए, लैंड पूलिंग तथा जीडीए पॉलिसी के बारे में किसानों के पक्ष में अभी तक विभिन्न संबंधित पक्षों ने दिए सुझावों व मांगों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाए, 

सभी गांवों में लाल डोरे का जल्द से जल्द विस्तार किया जाए, स्वामित्व योजना को दिल्ली में भी लागू करके ग्रामीणों को उनकी पुश्तैनी सम्पति का मालिकाना हक दिया जाए और भूमि अधिग्रहण से संबंधित सर्किल रेट पूरी दिल्ली में एक समान किया जाए व कम से कम पांच करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से सर्किल रेट घोषित किया जाए।

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