डॉ. रिपुंजय सिंह कर्मचारी चयन बोर्ड में सदस्य नियुक्त

० आशा पटेल ० 
जयपुर। राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड में डॉ. रिपुंजय सिंह को बोर्ड में सदस्य बनाया है। डॉ. रिपुंजय सिंह हरीश चंद्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान में शहरी विकास और आपदा प्रबंधन केंद्र में वरिष्ठ प्रोफेसर हैं। डॉ. रिपुंजय सिंह को नगर नियोजन सहित भूगोल, शहरी और क्षेत्रीय योजना, रिमोट सेंसिंग और पारिस्थितिकी और पर्यावरण से जुड़े मामलों का लंबा अनुभव है। उनके अनुभव को देखते हुए सरकार ने उन्हें राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड में नियुक्ति दी है।

इन्होंने कई विषयों में स्नातकोत्तर डिग्री की है। इनकी पीएच.डी. अनुसंधान ‘इंदिरा गांधी नहर सिंचन क्षेत्र की भू-आकृति विज्ञान और बस्ती स्वरूप’ पर है। वर्ष 2012 में हरीश चंद्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान में शामिल होने से पहले इनके पास टाउन प्लानिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी (राज्य रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, जोधपुर), कॉलेज शिक्षा विभागों के साथ काम करने का 22 साल का अनुभव रहा है। इसके बाद डॉ. सिंह एम.डी.एस विश्वविद्यालय अजमेर में आगंतुक संकाय सदस्य भी रहे।

डॉ. सिंह ने नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, मकाऊ, हांगकांग, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका, रूस आदि देशों की यात्रा की है। वह केन्द्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय की ओर से जर्मनी में ‘जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन’ पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों में शामिल रहे। इन्होंने प्रमुख पत्रिकाओं में 50 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित व पुस्तकों का संपादन किया है। अंतररराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मेलनों में पत्र प्रस्तुत किए हैं और स्थिरता, पारिस्थितिकी और पर्यावरण पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अनुसंधान परियोजनाओं का भी पर्यवेक्षण किया है। आपदा प्रबंधन, शहरी अध्ययन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण पर उनके नाम 20 से अधिक पुस्तकें हैं। 

राज्य पुरस्कार से सम्मानित हरीश चंद्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान में पाठ्यक्रम निदेशक के रूप में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तर के अधिकारियों के लिए लगभग 245 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। वह कई शैक्षणिक निकायों के सदस्य भी हैंं। वर्तमान में, वह टाउन प्लानिंग, रिमोट सेंसिंग, पर्यावरण और भूगोल आदि के 15 संघों (अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय) के सक्रिय सदस्य हैं। वर्ष 2015 में राज्य पुरस्कार से सम्मानित हैं।

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