भारत की टिकाऊ और गुणकारी भोजन विद्या सबको अपनानी ही चाहिए"-प्रधानमंत्री मोदी

० आनंद चौधरी ० 
भारत में खाद्य क्षेत्र के विकास में तीन महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं। छोटे किसान, लघु उद्योग और महिलाएं। भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की उन्नति को गति दे रहा है। भारत के भोजन में विविधता है और यह विविधता शेष विश्व के लिए किसी लाभांश जैसी है।”
नई दिल्ली : 'वर्ल्ड फूड इंडिया' नई दिल्ली में शुरू हुआ। ‘इंटरनेशनल इयर ऑफ मिलेट्स’ के रूप में मनाए जाने के मद्देनजर, इस तीन दिवसीय प्रोग्राम के दौरान एक खाद्य स्रोत के रूप में मोटे अनाज के उपजाऊपन और पौष्टिकता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जहां वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एक साथ जमा रहेगा।
 खाद्य उत्पादन और प्रसंस्करण में भारत की ताकत को प्रदर्शित करना तथा खाद्य क्षेत्र में निवेश और सहयोग को आकर्षित करना इस कार्यक्रम का उद्देश्य है। भारत ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की वृद्धि और विकास पर जोर दिया है, यह खाद्य उत्पादन, खाद्य पैकेजिंग, लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिससे खाद्य-संबंधित गंभीर चुनौतियों का समाधान करने वाले एक वैश्विक मंच के रूप में इसकी स्थिति पर फिर से मुहर लग गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “स्वाद और प्रौद्योगिकी का मेल भारत के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे एक नया भविष्य और नई अर्थव्यवस्था उभरेगी। खाद्य सुरक्षा हमारे देश के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में से एक है, इसलिए, वर्ल्ड फूड इंडिया प्रोग्राम अधिक मान और प्राधान्य रखता है। प्रसंस्कृत खाद्य का कृषि निर्यात 13 प्रतिशत से बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया है। खाद्य क्षेत्र से जुड़ी सभी कंपनियों और स्टार्टअप्स के लिए यह एक सुनहरा मौका है। 

इस वर्ष के वर्ल्ड फूड इंडिया प्रोग्राम में खाद्य उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले वक्ताओं की एक प्रभावशाली श्रृंखला दिखी। इस शानदार जमावड़े में विभिन्न क्षेत्रों के नेता, नवप्रवर्तक और विशेषज्ञ शामिल हैं, जो अपनी भागीदारी के माध्यम से न केवल वैश्विक खाद्य क्षेत्र के सम्पूर्ण फलक को दर्शाते हैं, बल्कि प्रमुख मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा देने, अंतर्दृष्टि साझा करने और सहयोग को बढ़ावा देने के प्रति इस प्रोग्राम की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करते हैं।

वर्ल्ड फूड इंडिया प्रोग्राम को विभिन्न राज्यों के गणमान्य व्यक्तियों और मंत्रियों की एक विशिष्ट श्रृंखला की मेजबानी करने का खास सम्मान भी मिला, जिनकी सामूहिक उपस्थिति ने खाद्य चुनौतियों से निपटने के लिए प्रोग्राम की सहयोगात्मक भावना और प्रतिबद्धता को उजागर किया। मेघालय राज्य का प्रतिनिधित्व डॉ. माज़ेल अम्पारीन लिंगदोह, कैबिनेट मंत्री, मेघालय सरकार और श्रीमती इसावंदा लालू, आईएएस, सचिव, कृषि और किसान कल्याण विभाग, मेघालय सरकार ने किया। "वर्ल्ड फूड इंडिया हमारे प्रगतिशील किसानों, सहकारी समितियों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है। डॉ. एम. अम्पारीन लिंग्दोह, कैबिनेट मंत्री, मेघालय सरकार।

आयोजन में मेघालय पैवेलियन का उद्घाटन करते हुए डॉ. माज़ेल अम्पारीन लिंगदोह ने कहा, “यह हमारे प्रगतिशील किसानों और सहकारी समितियों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है। मेघालय की सरकार ने इतने वर्षों तक जो काम किया है, उस पर आज जैसे दिन ही मुहर लगती है। कृषि-उद्यमियों के साथ हुई अपनी संक्षिप्त बातचीत में, मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि उन्होंने बहुत ऊंचा टर्नओवर हासिल किया है जो बेहद उत्साहजनक है। यह आयोजन उत्पादों के 14000 से अधिक खरीदारों की एक अंतरराष्ट्रीय बैठक है, मेघालय आज बालिग हो गया है, और हमें कृषि विभाग, अधिकारियों तथा इसमें शामिल सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहिए,

  उन्होंने कहा, इन प्रयासों को बरकरार रखने, इन्हें आगे बढ़ाने और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए, मेघालय कृषि विपणन बोर्ड ने एपीडा और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से लुलु ग्रुप के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। मेघालय ने अपने किसानों को उनके उत्पादों का मूल्यवर्द्धन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों के साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि मेघालय की अनूठी पेशकशों को वैश्विक बाजार में वह पहचान मिले, जिसकी वे हकदार हैं।

एमओयू पर हस्ताक्षर होने से कृषि-उद्यमियों को खरीदारों, प्रौद्योगिकी के नवप्रवर्तकों और संस्थानों से जुड़ने का अवसर मिलेगा। सहभागिता का यह प्रयास न केवल मेघालय की कृषि-अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि कृषि-क्षेत्र के भीतर ज्ञान के आदान-प्रदान, बाजार पहुंच और नवाचार को भी बढ़ावा देगा, जिससे अंततः क्षेत्र में टिकाऊ विकास और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा।

मेघालय की स्थानीय सहकारी समितियों ने गर्व के साथ हमारे क्षेत्र के कोने-कोने से प्राप्त उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन किया, जिसमें मेघालय के स्वाद, जैसे हल्दी, कटहल, अदरक, अनानास और अन्य चीजें शामिल थीं। मेघालय की समृद्ध कृषि विविधता और सहकारी समितियों की उद्यमशीलता की भावना का यह प्रदर्शन वाकई बड़ा गर्व उत्पन्न करता है। यह न केवल उस स्वदेशी स्वाद को उजागर करता है जो क्षेत्र की संस्कृति में अंतर्निहित है, बल्कि स्थानीय समुदायों के लचीलेपन और नवीनता को भी प्रदर्शित करता है।

वर्ल्ड फूड इंडिया सहभागिता की शक्ति और एक ऐसे भारत के लिए साझा प्रतिबद्धता का प्रमाण बनकर खड़ा है, जहां खाद्य सुरक्षा और टिकाऊ कृषि केवल आकांक्षाएं नहीं, बल्कि प्राप्त करने योग्य वास्तविकताएं हैं। विभिन्न रायों, वैश्विक भागीदारी और मेघालय के स्वादों वाले समृद्ध चित्रपटल के दम पर, इस प्रोग्राम ने एक उज्जवल, अधिक पोषित भविष्य की ओर हमारी सामूहिक यात्रा पर प्रकाश डाला है।

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