सेंट स्टीफंस कॉलेज के बाद अब खुलेगा स्कूल भी

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली - राजधानी के चांदनी चौक एरिया में सेंट स्टीफंस कॉलेज की 1 फरवरी, 1881 को यात्रा शुरू हुई थी। उस समय इसमें पांच छात्र और तीन अध्यापक थे। इसके पहले प्रिंसिपल सैम्युल स्कॉट थे। अपने लगभग 145 सालों के सफर में सेंट स्टीफंस कॉलेज से देश को राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद समेत कई स्वाधीनता सेनानी, नेता, अभिनेता, सरकारी अफसर, खिलाड़ी वगैरह मिले। सेंट स्टीफंस कॉलेज का अब विस्तार हो रहा है। अब सेंट स्टीफंस कॉलेज को स्थापित करने वाली संस्था दिल्ली ब्रदरहुड़ सोसाय़टी (डीबीएस) सेंट स्टीफंस कैम्ब्रिज स्कूल स्थापित करने जा रही है।
 यह स्कूल दिल्ली-सोनीपत सीमा पर तहसील राई में स्थापित हो रहा है। जब दिल्ली में कायदे की जगह मिलेगी तो वहां पर स्कूल स्थापित किया जाएगा। यह कहना है डीबीएस से जुड़े हुए ब्रदर सोलोमन जॉर्ज का। दिल्ली में ब्रदरहुड ऑफ दि एसेंनडेंड क्राइस्ट की स्थापना सन 1877 में हुई थी। इस संस्था का संबंध कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से है। इन्होंने ही राजधानी में सेंट स्टीफंस कॉलेज, सेंट स्टीफंस अस्पताल और दिल्ली जंक्शन के पास सेंट स्टीफंस चर्च की स्थापना की। सेंट स्टीफंस अस्पताल ने भी देशवासियों की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसे दिल्ली का पहला कायदे का अस्पताल माना जा सकता है।

इस बीच, राज निवास मार्ग पर ही सन 1925 में बना ब्रदर्स हाउस। इसमें रहते हैं अविवाहित पादरी। चूंकि ये सब पादरी ब्रदरहुड ऑफ दि एसेंनडेंड क्राइस्ट से संबंध रखते है, इसलिये इन्हें ब्रदर भी कहा जाता है। ये ही सेंट स्टीफंस कैम्बिज स्कूल को आगामी शिक्षा सत्र से खोलने जा रहे हैं। यह स्कूल को-एजुकेशन होगा।
दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी (डीबीएस) के अहम हस्ताक्षरों में गांधी जी के परम सहयोगी दीनबंधु सी.एफ. एंड्रयूज रहे हैं। उन्होंने सेंट कॉलेज में पढ़ाया भी था। 

उन्होंने 1904 से 1914 तक सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़ाया। वे दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी से 1916 में मिले थे। उसके बाद दोनों घनिष्ठ मित्र बने। उन्हीं के प्रयासों से ही गांधी जी पहली बार 12 अप्रैल-15 अप्रैल, 1915 को दिल्ली आए और सेंट स्टीफंस कॉलेज में रूके थे। गांधीजी को अपना आदर्श मानने वाले दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी के पादरियों की चाहत है कि वे अगले साल गांधी जयंती का कार्यक्रम अपने सेंट स्टीफंस कैम्ब्रिज स्कूल में मनाएं।

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