मधु दंडवते ईमानदारी,सादगी और संघर्ष के प्रतीक थे : शरद पंवार

० आशा पटेल ० 
मुंबई । मधु दंडवते जन्म शताब्दी समारोह समिति द्वारा मधु दंडवते जन्मशती समापन समारोह मुंबई के यशवंतराव चौहान सभागार में मेधा पाटकर की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान मधु दंडवते के जीवन पर एक फिल्म दिखलाई गई। प्रसिद्ध ओडिसी कलाकार झेलम परांचपे ने नृत्य के माध्यम से आदरांजलि दी । कार्यक्रम को वरिष्ठ समाजवादी, स्वतंत्रता सेनानी डॉ जी जी परीख, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक अब्दुल्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान, सांसद दानिश अली, कर्नाटक के मुख्यमंत्री के सलाहकार,
 पूर्व डिप्टी स्पीकर एवं विधायक बी आर पाटिल, एच एम के पी के अध्यक्ष माईकल फर्नांडिस और सी पी आई, सी पी एम एवं शेकप के नेताओं ने संबोधित किया। कार्यक्रम में महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष नाना पटोले, समाजवादी नेत्री मंजू मोहन, एम एल सी विद्या चौहान, पूर्व सांसद पंडित रामकिशन एवं मुंबई के विभिन्न ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सभी वक्ताओं ने मधु दंडवते द्वारा रेल मंत्री, वित्त मंत्री तथा योजना आयोग के उपाध्यक्ष के तौर पर किए गए उल्लेखनीय कार्यों का हवाला देते हुए उन्हें भारतीय राजनीति में ईमानदारी, सादगी, पारदर्शिता, सुचिता और संघर्ष का प्रतीक बताया। सभी वक्ताओं ने कोंकण रेलवे के निर्माण में मधु दंडवते और जॉर्ज फर्नांडीज की अहम भूमिका का उल्लेख किया। गोवा मुक्ति आंदोलन तथा संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में उनकी भूमिका का विशेष उल्लेख किया गया।
डॉ जी जी परीख ने आशा व्यक्त की कि इंडिया गठबंधन आने वाले समय में मजबूत विकल्प दे सकेगा लेकिन जरूरी यह है कि हम आर्थिक नीतियों का विकल्प अर्थात वैकल्पिक विकास की अवधारणा देश के सामने प्रस्तुत करें। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि देश की जनता लोकतंत्र के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है तथा हम लोकतंत्र पर कोई समझौता नहीं करेंगे। लोकतंत्र बचाने के लिए हमें जो कुछ करना पड़े, हम तैयार रहेंगे।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि देश में बदलाव तब आएगा जब देश के नागरिकों के मन में यह सोच पैदा हो जाएगी कि देश में बदलाव करना है ! तब बदलाव आएगा। किसी एक पार्टी या व्यक्ति के खिलाफ बोलने से बदलाव नहीं आ सकता। हमें जनता के बीच जाकर उनका मन बदलना होगा।

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि मधु दंडवते जी ने गोवा मुक्ति आंदोलन के समय जो अत्याचार सहा उसको कोई भूल नहीं सकता। सभी समाजवादी अहिंसा के पक्षधर थे। आज जो हिंसा का माहौल देश में फैला है उसके सामने अहिंसक सत्याग्रह की आवश्यकता है। जिसकी ताकत संयुक्त किसान मोर्चा के माध्यम से किसानों ने साबित की है। पहले राजनीति और जननीति का समन्वय था, जो आज नहीं है।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने दल-बदल कानून का उल्लेख करते हुए कहा कि दल-बदल कानून को लेकर मधु दंडवते जी ने जो कुछ कहा था वह आज सच साबित हो रहा है। उदय दंडवते ने कहा कि यह मेरा अटूट विश्वास रहा है कि गहन ज्ञान और जन भावनाओं का संयुक्त संतुलन ही हमारे विचारों और कर्मों को प्रभावित करता है। सांसद दानिश अली ने कहा कि मधु जी ने जिंदा रहते हुए भी रास्ता दिखाया तथा मरने के बाद भी शरीर को अस्पताल को शोध के लिए दान किया। अब हम पर यह जिम्मेदारी है कि हम सब नई पीढ़ी को समाजवाद का दर्शन कराएं।

सभी वक्ताओं ने मधु दंडवते द्वारा रेल मंत्री, वित्त मंत्री तथा योजना आयोग के उपाध्यक्ष के तौर पर किए गए उल्लेखनीय कार्यों का हवाला देते हुए उन्हें भारतीय राजनीति में ईमानदारी, सादगी, पारदर्शिता, सुचिता और संघर्ष का प्रतीक बताया, कोंकण रेलवे के निर्माण में मधु दंडवते और जॉर्ज फर्नांडीज की अहम भूमिका का उल्लेख किया। गोवा मुक्ति आंदोलन तथा संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में उनकी भूमिका का विशेष उल्लेख किया गया।

कार्यक्रम के दौरान पूर्व सांसद हुसैन दलवई ने खचाखच भरे सभागार में आए दंडवते जी के साथियों, समर्थकों, प्रशंसकों का स्वागत किया। मधु दंडवते जन्मशताब्दी समारोह समिति के संयोजक अरूण श्रीवास्तव ने गत एक वर्ष में देश भर में हुए कार्यक्रमों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया। समापन समारोह के दौरान प्रोफेसर आनंद कुमार के द्वारा वर्तमान चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और मधु दंडवते के समाजवादी विचार के मुताबिक सांप्रदायिक, कॉर्पोरेट मुखी गठबंधन को परास्त करने के लिए जनता के मुद्दों के साथ जुड़कर विकल्प देने की अपील इंडिया गठबंधन से की।

प्रस्ताव का समर्थन करते हुए पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने कहा कि मधु दंडवते समन्वयवादी थे। वे अपना सुझाव मजबुती से रखते थे लेकिन किसी भी स्थिति में संगठन तोड़ने के पक्ष में नहीं रहते थे। कार्यक्रम के दौरान कोंकण रेलवे के निजीकरण के खिलाफ और कोंकण रेलवे के विस्तार एवं अन्य मुद्दों को लेकर प्रस्ताव शरद कदम द्वारा प्रस्तुत किया गया। दोनों प्रस्तावों का समर्थन उपस्थित जन समुदाय ने हाथ खड़ा कर किया।

समापन कार्यक्रम के दौरान मधु स्मृति नामक 200 पृष्ठ की स्मारिका का प्रकाशन किया गया। जिसमें देश के शीर्षस्थ नेताओं के लेख और संदेश के अलावा जन्म शताब्दी वर्ष में हुए कार्यक्रमों को सचित्र प्रकाशित किया गया है। समारोह के दौरान कन्नड़ में मधु लिमए, मधु दंडवते एवं कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी वर्ष में प्रकाशित पांच किताबों का भी लोकार्पण किया गया। शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के संदेश का वाचन सुनील चिटणीश ने किया।

कार्यक्रम का संचालन मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री रमाशंकर सिंह ने किया तथा मधु जी के जीवन से जुड़ी कई अहम घटनाओं, प्रसंगों का उल्लेख किया। धन्यवाद ज्ञापन युसूफ मेहेर अली सेंटर की सचिव गुड्डी द्वारा किया गया।

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