मोहन गार्डन क़ब्रिस्तान मामले में पीसीआर काॅल व लिखित अर्ज़ी देने के बाद भी अब तक नहीं हुई एफआईआर दर्ज

०  मौ. हारून ० 
नयी दिल्ली - मोहन गार्डन कब्रिस्तान मामले में पुलिस द्वारा अभी तक एफआईआर दर्ज करके तफतीश शरू नहीं की गई है। गौरतलब है कि 31 जनवरी 2024 को मुस्लिम कल्चरल सोसायटी के अध्यक्ष मौ. हारून अपनी संस्था के कुछ पदाधिकारियों द्वारा मोहन गार्डन क़बिस्तान में असमाजिक तत्वों द्वारा क़ब्रों को तोड़ने के संबंध में थाना मोहन गार्डन शिकायत करने जा रहे थे। उन्होंने बताया की उसी समय, मोहन गार्डन (विपिन गार्डन) क़ब्रिस्तान के अन्दर पुरानी पक्की क़ब्रों को बुरी तरह तोड़-फोड़ कर नष्ट हुआ देखने के बाद तुरंत 112 न. पर पुलिस को काॅल किया।

 जो रिफ्रेंस आईडी 8513944 पर दर्ज है। मौक़ा पर पीसीआर वेन आई और उन्होंने हमारे बारे में पूछताछ की। जिसके बाद हम थाना पहुंचे और अपनी लिखित शिकायत मौजूद आई.ओ. को दी। जिसकी थाने से कोई रिसीविंग नहीं दी गई, पता करने पर DD No. 37A पर दर्ज बताकर, दौबारा बुलाने की हिदायत देकर थाने से हमे वापस भेज दिया गया।

जिसके बाद एक लिखित शिकायत ईमेंल के द्वारा थाना एसएचओ व अन्य आला अधिकारियों सहित अन्य संबंधित विभागों को भी दी गई। जिसके बाद 01 फरवरी 2024 को हम दोबारा थाना मोहन गार्डन गए तथा अतिरिक्त थानाध्यक्ष से मिले। जिसके बाद हमारी शिकायत कम्पयूटर में दर्ज कर मोहर लगाकर हमें एफआईआर दर्ज करने का आश्वासन देकर वापिस भेज दिया गया। 

परंतु अगले दिन 2 जनवरी 2024 को मेरे रजिस्टर्ड फोन न. पर पुलिस विभाग का मेसेज प्राप्त होता है। जिसमें हमारी शिकायत पर आश्वासन के बावजूद एफआईआर दर्ज न करके इन्क्वारी शुरू की गई। जिसका रिफ्रेंस न. 81760122400150 है। यह हैरत की बात थी कि इतनी संगीन वारदात की तमाम तर कोशिशों के बाद भी अब तक एफआईआर दर्ज करके तफतीश शुरू नहीं की गई है। जिससे इस आपराधिक वारदात की हरकत के बाद पूरे अल्पसंख्यक समुदाय व क्षेत्र की इंसाफ पसंद अवाम में बेचैनी बनी हुई है।

हमने इस संबंध में मोहन गार्डन क़ब्रिस्तान में हुई वारदात की जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज करके तफतीश शुरू करायें जाने तथा वारदात के स्थान के आस पास व पुलिस थाने की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करने की एक अर्ज़ी फिर थाने में दी है। साथ ही दिल्ली के उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, पुलिस आयुक्त, उपायुक्त, दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड, दिल्ली व राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, के साथ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी दौबारा अवगत कराया है। ताकि एफआईआर दर्ज कर जल्द से जल्द दोषियों पर कार्यवाही हो सके।

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