विश्व पुस्तक मेले में शिव दयाल द्वारा संपादित जेपी आंदोलन और भारतीय लोकतंत्र पुस्तक लोकार्पित

० आशा पटेल ० 
नई दिल्ली । वरिष्ठ साहित्यकार शिवदयाल द्वारा संपादित किताब 'जेपी आन्दोलन और भारतीय लोकतंत्र ' का विश्व पुस्तक मेला में लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर समाज वादी नेता रघु ठाकुर, प्रोफेसर आनंद कुमार और लेखक शिवदयाल द्वारा पुस्तक का लोकर्पण किया गया। लोकार्पण समारोह में सभी विद्वानो संबोधित किया।

इस अवसर पर प्रोफेसर आनन्द कुमार ने शिवदयाल को बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक शिवदयाल द्वारा रचित जयप्रकाश नारायण के विचार और आंदोलन के संदर्भ में तीसरा योगदान है।‌ यह पुस्तक सेतु प्रकाशन की ज्ञान ‌श्रृंखला में जयप्रकाश‌ नारायण के चिंतन-मंथन में से 43 प्रसंगों के संदर्भ में महत्वपूर्ण भूमिका के साथ 528 पृष्ठों का एक वृहद संकलन है। साथ ही शिवदयाल जी का बिहार आंदोलन से जुड़ा एक और उपन्यास 'एक और दुनिया होती '(अनन्य प्रकाशन) द्वारा प्रकाशित हो चुका हैं।

प्रोफेसर आनन्द ने कहा कि जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन की इस अर्ध शताब्दी वर्ष की शुरुआत में ही एक साथ तीन पुस्तकें महत्वपूर्ण योगदान है। शिवदयाल जी ने जेपी द्वारा स्थापित छात्र युवा संघर्ष वाहिनी के माध्यम से बिहार के सार्वजनिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान किया है और आपकी जीवन संगिनी आ‌भा भी वाहिनी से जुड़ीं रही हैं।

उल्लेखनीय है कि'भारत का लोकतंत्र', 'बिहार की राजनीति और विकास की चुनौती ' में और 'स्वतंत्र हुए स्वाधीन होना है' जैसे बहुचर्चित संकलनों के रचयिता शिवदयाल 'विकास सहयात्री ' के संपादक और ब्रजकिशोर सम्मान तथा साहित्य भूषण सम्मान से भी विभूषित हो चुके हैं।

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