प्रधानमंत्री मोदी कार्यकाल में देश का सबसे बड़ा घोटाला हुआ है : कांग्रेस

० संवाददाता द्वारा ० 
पैसा कम नहीं किया बल्कि प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दामों में बराबरी की बात कही थी, किन्तु पेट्रोल पर 1.34 रूपये से 5.35 रूपये तक तथा डीजल पर दो रूपये कम करने के निर्णय से अवगत कराया जो कि वादे के मुताबिक केवल ऊंट के मुँह में जीरे बराबर है। पेट्रोल-डीजल के दाम पड़ौसी राज्यों के बराबर करने की जो गारंटी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी थी वह गारंटी फेल हो गई है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से हरियाणा के बराबर पेट्रोल-डीजल के दाम करने का वादा किया था।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने जनता को जो गारंटी दी थी उस पर राजस्थान सरकार द्वारा लिये गये निर्णय ने गारंटी की सच्चाई उजागर कर दी है और साथ ही देश के सबसे बड़े घोटाले जिसे उच्चतम न्यायालय के निर्णय के पश्चात् आमजन के समक्ष तथ्य आये हैं उसने देश के लोकतंत्र को जीवित रखने हेतु संजीवनी प्रदान की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान में चुनावी सभाओं में राजस्थान की तत्कालीन सरकार द्वारा मंहगाई कम करने हेतु किये गये कार्यों पर कटाक्ष करते हुये कहा था कि मोदी की गारंटी की है

कि राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के पश्चात् राजस्थान के पड़ौसी राज्यों हरियाणा व गुजरात के बराबर पेट्रोल-डीजल के दाम करेंगे। प्रधानमंत्री ने कटाक्ष किया था कि पेट्रोल-डीजल के दाम से मिल रहे पैसे का कांग्रेस की सरकार दुरूपयोग कर रही है, कल जब भाजपा की राजस्थान सरकार ने कैबीनेट बैठक में निर्णय लिया कि पेट्रोल-डीजल पर दो प्रतिशत वेट कम किया जायेगा,

उक्त विचार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आज राजस्थान सरकार की पेट्रोल-डीजल पर वेट कम करने की घोषणा के बाद भी पड़ौसी राज्य हरियाणा के बराबर पेट्रोल-डीजल के दाम करने की प्रधानमंत्री की गारंटी जुमला साबित हुई और राजस्थान की जनता के साथ धोखा हुआ । उन्होंने कहा कि आज भी हरियाणा, गुजरात व उत्तर प्रदेश के मुकाबले राजस्थान में पेट्रोल 10 रूपये लीटर मंहगा है। 

उन्होंने कहा कि राजस्थान में पेट्रोल के दाम 104.88 रूपये, गुजरात में 94.40 रूपये, हरियाणा में 95.50 रूपये, उत्तर प्रदेश में 97.37 रूपये हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में डीजल के दाम 90.36 रूपये, भाजपा शासित पड़ौसी राज्य हरियाणा में डीजल के दाम 88.39 रूपये है और यह स्थिति उस वक्त है जब देश की पेट्रोल कम्पनियां 8 से 10 रूपये प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल पर मुनाफा कमा रही हैं एवं तेल कम्पनियों को सालाना मुनाफा एक लाख करोड़ रूपये से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल में की गई कमी नाकाफी है तथा भाजपा झूठे वादे एवं जुमले के आधार पर सत्ता में तो आ गई किन्तु जनता को मंहगाई से राहत नहीं दे रही है।

 उन्होंने कहा कि केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री श्री हरदीप पुरी ने ट्विट करके कहा है कि जो लोग अभी भी पेट्रोल 15 रूपये मंहगा बेच रहे हैं उन सरकारों को अपना सर शर्म से झुका लेना चाहिये । उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को अब मोदी जी का आदेश मानते हुये प्रदेश में मंहगे पेट्रोल-डीजल के कारण जनता एवं मीडिया के समक्ष अपना सर झुका लेना चाहिये ।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड योजना पर महत्वपूर्ण निर्णय पारित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा, उनके कार्यकाल में देश का सबसे बड़ा घोटाला हुआ है तथा इस घोटाले ने राफेल सहित अन्य सभी घोटालों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि चोरी और सीना जोरी की कहावत इस घोटाले में चरितार्थ हुई है।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार गिव एवं टेक किया गया है, काम लो - दाम दो, रेड डालो - चंदा लो, केस रफा-दफा करो की तर्ज पर चंदा लेने का खेल चला है । उन्होंने कहा कि अभी भी उच्चतम न्यायालय द्वारा यह कहा गया है कि जो बॉण्ड दिये गये उनके नम्बर सार्वजनिक क्यों नहीं किये गये हैं । उन्होंने कहा कि जब बॉण्ड के नम्बर आयेंगे, तब जानकारी साझा होगी कि किस कम्पनी ने किस नम्बर के बॉण्ड के माध्यम से कितना चंदा किस पार्टी को दिया, उस वक्त देश के सामने भाजपा की सच्चाई पूर्णतया उजागर हो जायेगी।

उन्होंने कहा कि इतने बड़े घोटाले के पश्चात् देश भाजपा को माफ नहीं करेगा। उन्होंन कहा कि यह भ्रष्टाचार को संस्थागत करने का कार्य किया गया है । उन्होंने कहा कि जिस प्रकार माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस स्कीम को असंवैधानिक बताया है, उसका तात्पर्य यह है कि इस स्कीम के तहत् लिया गया पैसा भी पूरी तरह से असंवैधानिक है, गैर कानूनी है। उन्होंने कहा कि इस गैर कानूनी पैसे भाजपा ने जाने कितने चुनाव जीत लिये असंख्य भाजपा के कार्यालय बना लिये तथा अनगिनत ईवेंट मैनेजमेंट के कार्य कर लिये।

उन्होंने कहा कि भाजपा के इस भ्रष्टाचार से पूरी दुनिया के सामने शर्मसार होना पड़ रहा है कि एक सरकार स्कीम बनाकर ऐसे लूट रही है कि केन्द्रीय मंत्री देश की संसद में भाषण देते हैं कि हमने अमुख कम्पनी को ठेका देकर देश का पैसा बचा लिया और जानकारी मिली है कि उक्त कम्पनी ने 1200 करोड़ रूपया चंदे के रूप में दे दिया है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन हो रहे खुलासों से भाजपा की जमीन खिसक रही है तथा लोग यह कहेंगे कि मोदी की गारंटी है कि किसी को नहीं छोडूंगा,

विपक्ष को येन-केन प्रकारेण झूठे मामलों में जेल में डालूंगा, कोई राजनीतिक एलाईंस बन रहा है तो उसे धमकाया जायेगा, काम लेने के लिये चंदा जमा कराओ । उन्होंने कहा कि देश का हर बुद्धिजीवी जो इस स्कीम को समझ रहा है उसे पता चल रहा है कि चुनावी बॉण्ड स्कीम एक बहुत बड़ा घोटाला है, इसलिये चोरी एवं सीना जोरी कहावत मोदी सरकार के कृत्यों पर पूरी तरह से लागू हो रही है।

उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी यदि गिव एण्ड टेक के आधार पर काम करती है, जाँच को खत्म करने के बदले अथवा अपराध को छिपाने के बदले पैसे ले, चंदा ले, तो दुनिया में उससे बड़ी बेईमानी नहीं हो सकती है । उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत् संगठित गिरोह के रूप में काम करते हुये देश की सम्पदा को लूटा है, मंहगें दामों में ठेके दिये, रेड डाली एवं मुकदमें दर्ज किये और उन मुकदमों को दबाने के लिये पैसा लिया है, इस प्रकार का कुकृत्य और अपराध देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मुंह से अनेक दफा शेल कम्पनियों को खत्म करने और इन कम्पनियों द्वारा भ्रष्टाचार करने की बात सुनी है, किन्तु शेल कम्पनियों के माध्यम से बॉण्ड द्वारा भी चंदा लिया गया है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के दुरूपयोग से डराकर, धमकाकर चंदा लेने का भ्रष्ट कार्य सम्भवत: पूरी दुनिया में और कहीं नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय को साधुवाद है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के पश्चात् इस महाघोटाले के तथ्य सार्वजनिक हुये हैं। प्रेसवार्ता के दौरान प्रधानमंत्र मोदी द्वारा राजस्थान में जनसभा को सम्बोधित करते हुये पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने की जो गारंटी प्रदान की थी उसका वीडियो चलाकर दिखाया गया।

विधायक रोहित बोहरा ने सम्बोधित करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री राजस्थान श्री भजनलाल शर्मा द्वारा जो वेट कम करने की घोषणा के आधार पर पेट्रोल-डीजल सस्ता करने की जो बात कही गई है वह ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट को कम करना काम किया है । उदाहरणतः भरतपुर में पेट्रोल-डीजल इसलिये सस्ता है कि वहाँ मथुरा रिफाईनरी से पाईप लाईन के माध्यम से पेट्रोल सप्लाई होता है । उन्होंने कहा कि भरतपुर और हनुमानगढ़ में पेट्रोल के दामों में दो रूपये प्रति लीटर का अंतर है तथा डीजल में 1.87 रूपये का अंतर है ।

उन्होंने कहा कि इसका तात्पर्य यह है कि दाम बराबरी का कार्य भी नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने दावा किया कि 1.30 रूपये से 5.40 रूपये तक दाम कम हो जायेंगे वह भी राजस्थान की भाजपा सरकार नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि भरतपुर से 3 रूपये मंहगा डीजल धौलपुर में मिल रहा है तथा पेट्रोल धौलुपर में आगरा से 10 रूपये मंहगा मिलेगा । उन्होंने कहा कि यह बीच का पैसा कहाँ जा रहा है, इस बारे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप लगाते हुये बता रहे थे, क्या आज यह आरोप भाजपा सरकार पर भी लागू होंगे ।

उन्होंने कहा कि पलवल हरियाणा और राजस्थान में पेट्रोल के दामों में 10 रूपये का अंतर है, क्योंकि पलवल हरियाणा में 95.35 रूपये पेट्रोल के दाम है जबकि धौलपुर में 105.35 रूपये है। उन्होंने कहा कि धौलपुर और हरियाणा के अंदर डीजल के दामों में दो रूपये का अंतर है। उन्होंने कहा कि जबसे मोदी सरकार शासन में आई है राज्यों सरकारों को कम से कम पैसा मिले, यह भाजपा की सोच रही है। उन्होंने कहा कि 2014 से अक्टूबर, 2022 तक पेट्रोल पर एक्साईज ड्यूटी 200 प्रतिशत बढ़ी है तथा डीजल पर 600 प्रतिशत बढ़ी है ।

इससे केवल केन्द्र का खजाना बढ़ा क्योंकि राज्यों को पेट्रोल पर 32 रूपये में से केवल 58 पैसे हिस्सा मिलेगा, एडीशनल एक्साईज, सेज, स्पेशल एक्साईज का समस्त पैसा केन्द्र सरकार रखती है। उन्होंने कहा कि डीजल में राज्यों को 75 पैसा प्रति लीटर ही मिलता है, 42.33 रूपये केन्द्र सरकार रखती है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 4,80,000 करोड़ रूपये का लाभ केन्द्र सरकार को मिला है, इसमें से केवल 25 हजार करोड़ रूपये राज्य को मिला। उन्होंने कहा कि कैग की फाईन्डिंग है कि पेट्रोल-डीजल के सेस पर वसूला गया पैसा केन्द्र सरकार ने अपनी योजनाओं पर खर्च किया है ।

उन्होंने कहा कि इलेक्शन बॉण्ड के घोटाले में जो सूचनायें दिख रही है उनमें अडानी - अम्बानी की कम्पनियों का नाम नजर नहीं आता, क्योंकि इन कम्पनियों के डिस्ट्रिब्यूटर अथवा सहयोगियों ने बॉण्ड खरीदकर सरकार को दिये हैं ताकि अडानी-अम्बानी द्वारा दिये गये चंदे की सूचना गुप्त रह सके ।

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