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Delhi जेपी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के आयोजन की तैयारी { Qutub Mail }

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Kolkata गोपाल किरन समाजसेवी संस्था द्वारा कॉन्क्लेव एवम अवार्ड समारोह

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० संवाददाता द्वारा ०  कोलकाता (प .बंगाल ) गोपाल किरण समाजसेवी संस्था द्वारा दी इंटरनेशनल क्रिएटिविटी कॉन्क्लेव एंड ब्रिल्लिंसी अवॉर्ड भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता में डॉ. बी. पी. अशोक, ( पुलिस अधीक्षक लखनऊ ,उ.प्र .), के आतिथ्य में आयोजित हुआ। अशोक जी ने इसके विषय के अनुरूप, रचनात्मकता अर्थात क्रिएटिविटी को सच्चे अर्थ में परिभाषित किया और किसी भी विकसित और सुसंस्कृत समाज के निर्माण में इसकी मुख्य भूमिका बताई। असमानता देश के विकास में बाधक है जिसकी समाप्ति के बिना सामाजिक न्याय ,सशक्तिकरण की कल्पना नही की जा सकती। देश को सशक्त बनाना है तो सभी देशवासियो ने समानता की शुरुआत अपने से करनी चाहिए । प्रो. मो. सिराजुल इस्लाम  ने अपने मर्मशील वक्तव्य में शिक्षा का उद्देश्य सच्चा मनुष्य होना बताया और इस बात पर विशेष बल दिया कि एक सच्चे शिक्षक का कर्म बेहतर इंसान पैदा करना है जो किसी भी प्रकार के वाद से रहित हों। प्रो. डॉ दिवाकर एस गौड़ ने अपनी एक मौलिक कविता के माध्यम से शिक्षण की रचनात्मकता पर जोर दिया और क्रिएटिविटी को शिक्षण का एक अभिन्न अंग माना। साथ ही संविधान पर उन्होंने एक चर्चा आयोजित

डिजिकोर स्टूडियोज़ लिमिटेड ने एनएसई इमर्ज में डीआरएचपी दायर किया

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली  : डिजिकोर स्टूडियोज़ लिमिटेड ने एक इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) के साथ प्राथमिक बाज़ार में प्रवेश करने की घोषणा की है। यह आईपीओ 17,82,400 ईक्विटी शेयर्स का होगा जिसमें फ्रेश इशु के 12,60,800 ईक्विटी शेयर्स और ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के 5,21,600 इक्विटी शेयर्स होंगे। एसएमई आईपीओ सेगमेंट के लिए डिजिकोर ने एनएसई इमर्ज में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस (डीआरएचपी) दायर किया है। इस ऑफर के लिए सारथी कैपिटल ऐड्वाइज़र्स प्रायवेट लिमिटेड को बुक रनिंग लीड मैनेजर के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि बिगशेयर सर्विसेज़ प्रायवेट लिमिटेड इस ऑफर के लिए रजिस्ट्रार की भूमिका निभाएगी। डिजिकोर ने इंडस्ट्री के दिग्गज़ों से प्राप्त उल्लेखनीय निवेश के साथ प्री-आईपीओ फंडिंग के दौर को भी पूरा कर लिया है। जाने-माने निवेशक निखिल वोरा, मृणाल सिंह, प्रमोद कसाट आदि ने डिजिकोर की क्षमताओं में भरोसा जताया है। अभिषेक मोरे द्वारा वर्ष 2000 में स्थापित डिजिकोर स्टूड़ियोज़ भारत के उन चुनिंदा वीएफएक्स स्टूड़ियोज़ में से एक है। यह 200 से अधिक हॉलीवूड फिल्मों और टीवी सीरीज़ के लिए काम किया है जिनमे

निशांत जैन असिस्‍टेड चैनल के लिए चीफ बिजनेस ऑफिसर की जिम्मेदारी संभालेंगे

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० योगेश भट्ट ०  मुंबई : एंजल वन लिमिटेड ने अपने बिजनेस का पुनर्गठन करने की पहल की है। इसके तहत असिस्‍टेड चैनल से कंपनी का कारोबार एंजल सिक्योरिटीज लिमिटेड के तहत एकीकृत किया जाएगा, जबकि प्रत्यक्ष चैनल के कारोबार को एंजल क्रेस्ट लिमिटेड के तहत रखा जाएगा। एंजल वन ने निशांत जैन को चीफ बिजनेस ऑफीसर के रूप में शामिल करके अपनी नेतृत्व टीम को मजबूत किया है।  जैन असिस्‍टेड चैनल की जिम्‍मेदारी संभालेंगे।  निशांत जैन प्रमुख हितधारकों के साथ सहयोगात्मक साझेदारी बनाने के प्रयासों का नेतृत्व करेंगे, साथ ही सहायता प्राप्त चैनल के रणनीतिक विस्तार के माध्यम से व्यावसायिक प्रदर्शन को बढ़ाएंगे। दो दशक के उल्लेखनीय कॅरियर के साथ आईआईएम-बी के पूर्व छात्र निशांत के पास भारतपे और ज़ोमैटो जैसे भारतीय स्टार्टअप के विकास को बढ़ाने का एक प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बहुराष्ट्रीय एफएमसीजी दिग्गज, कोका-कोला में वरिष्ठ नेतृत्व पदों पर कार्य किया है। निशांत की नियुक्ति से कंपनी को इस क्षेत्र में अधिक फोकस स्थापित करने और विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। समय के साथ, एंजल वन ग्रुप एक विविध

साहित्य अब हिन्दी को बचाने की स्थिति में नहीं है

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली.  हिन्दी लोकवृत के भीतर एक उत्सवधर्मिता का माहौल दिखाई देता है। हिन्दी लोकवृत का एक सिरा जश्न के माहौल में दिखता है और यह जश्न इसलिए बनता है क्योंकि हिन्दी एक बहुमत की भाषा है तो हम कह सकते हैं यह एक बहुमत का जश्न है। हिन्दी की स्थिति एक्सेल शीट और बैलेंस शीट के हिसाब से बेहतर दिखाई देती है।  हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा इंडिया हैबिटेट सेंटर में ‘हिन्दी को फ़र्क़ पड़ता है!’ विषय पर परिचर्चा ‘सभा’ का आयोजन किया गया।  इस परिचर्चा में सम्पादक व भाषा विशेषज्ञ राहुल देव, इतिहासकार व सिनेमा विशेषज्ञ रविकान्त, स्त्री विमर्शकार सुजाता, आरजे सायमा तथा सम्पादक-प्रकाशक शैलेश भारतवासी से मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार ने बातचीत की।  विनीत कुमार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से खासकर सितम्बर के महीने हिन्दी बरतने वाले लेखक और प्रकाशक जो शुरू हो जाते थे, वो कुछ समय से थम-सा गया है।  हम कह सकते हैं राजस्व के सिरे से हिन्दी की स्थिति बेहतर हुई है इसलिए हम जश्न मनाने की स्थिति में हैं। हिन्दी की कई खिड़कियाँ भी खुल रही हैं और इन खिडकियों का सिरा ओटीटी प्लेटफार्

इंडिया हैबिटैट सेंटर थिएटर फेस्टिवल में भारतीय रंगमंच के चुनिंदा सर्वश्रेष्ठ नाटकों का होगा मंचन

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली -  इंडिया हैबिटेट सेंटर थिएटर फेस्टिवल देश भर से चुने हुए 13 उत्कृष्ट नाटकों के साथ एक बार फिर दर्शकों को लुभाने के लिए तैयार है। फेस्टिवल 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक दिल्ली में चलने वाला है। थिएटर फेस्टिवल 16 और 17 सितंबर को अभिनेता, नाटककार और फिल्म निर्माता मानव कौल द्वारा लिखित और निर्देशित "तुम्हारे बारे में" नाटक का मंचन होगा। इंडिया हैबिटेट सेंटर में रंगमंच की समृद्ध विरासत ने दो दशकों से अधिक समय से दर्शकों को बांधे रखा है और भारत की विविध नाट्य विरासत के पथप्रदर्शक के रूप में काम करना जारी रखा है। यह फेस्टिवल हमेशा ही पूरे भारतवर्ष से थिएटर के बेहतरीन क्यूरेटेड चयन लेकर आता है, जिसमें विविध रंग शामिल रहते हैं। क्लासिक्स, अनुवाद, रूपांतरण और मूल रूप से तैयार की गई स्क्रिप्ट--यह व्यापक मिश्रण भारतीय रंगमंच की बहुमुखी प्रकृति को दर्शाता है जो साझा इतिहास पर आधारित है और दिलचस्प सामाजिक-राजनीतिक वास्तविकताओं से जुड़ा है। सुश्री विद्युन सिंह, क्रिएटिव हेड प्रोग्राम्स, हैबिटेट वर्ल्ड, इंडिया हैबिटेट सेंटर ने कहा, " थियेटर फेस्टिवल को ना

डिजिटल क्रांति से हिंदी को मिली नई पहचान

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० डॉ संजय द्विवेदी ० नयी दिल्ली - मातृभाषा वैयक्तिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि का बोध कराती है। समाज को स्वदेशी भाव-बोध से सम्मिलित कराते हृए वैश्विक धरातल पर राष्ट्रीय स्वाभिमान की विशिष्ट पहचान दिलाती है। किसी भी देश का विकास तभी संभव है, जब उसके पास एक सशक्त भाषा हो। हिंदी एक सशक्त भाषा है। इसकी ताकत पूरा विश्व मानता है। वर्तमान में 40 से अधिक देशों के विश्वविद्यालयों में हिंदी के पाठ्यक्रम के तहत भाषा के अलावा, भारतीय संस्कृति, इतिहास, समाज आदि के बारे में पढ़ाया जाता है। उत्तरी अमेरिका में 125 से ज्यादा हिंदी पढ़ाने वाले केंद्र हैं, जबकि रूस में 7 हिंदी शोध संस्थान हैं।  अमेरिका के येन विश्वविद्यालय में वर्ष 1815 से हिंदी पढ़ाई जाती है। इसका मतलब है कि विश्व मंच पर हिंदी सदियों पहले से ही विराजमान है। हिंदी भारत की अत्यंत प्राचीन भाषा ‘संस्कृत’ की उत्तराधिकारिणी है। विश्व के लगभग सौ से भी ज्यादा देशों में हिंदी का या तो जीवन के विविध क्षेत्रों में प्रयोग होता है अथवा उन देशों में हिंदी के अध्ययन एवं अध्यापन की सम्यक व्यवस्था है। चीनी भाषा के बाद हिंदी विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाती है,