अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस : भारत विविधताओं के बीच एकता की भावना
# डॉ शेख अब्दुल वहाब,एसोसिएट प्रोफेसर,इस्लामिया महाविद्यालय,तमिलनाडु भारत बहु भाषी देश है। यहां अनेक भाषाएं बोली जाती हैं। यहां सांस्कृतिक विविधता भी पाई जाती है। यहां के रहन सहन, रीति नीति, वेशभूषा, मौसम अलग अलग हैं। कारण जो भी हो इन विविधताओं के बीच एकता की भावना छिपी हुई है। विभिन्न भारतीय भाषाओं के साहित्य में बहनेवाली भावधारा एक है। आज अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस है। हर वर्ष 21 फरवरी को युनेस्को के घोषणा के अनुसार यह दिवस भाषाई एवं सांस्कतिक विभिन्नता के साथ बहुभाषावाद के प्रति जागरूकता को व्याप्त करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अद्यतन परिपत्र के अनुसार 21 फरवरी को देश प्रदेश के सभी विश्व विद्यालयों और महाविद्यालयों में मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता हैं । इस अवसर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। विशेषज्ञ और विद्वान मातृभाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए वक्तव्य देते हैं । आज का दिन बांग्लादेशियो द्वारा अपनी बांग्ला भाषा को मान्यता दिलाने के लिए किए गए सफल ऐतिहासिक आंदोलन का स्मरण कराता है। सचमुच मातृभाषा मनुष्य की मां समान होती