44.6% भारतीय छात्र घर से ही जारी रखेंगे स्कूली शिक्षा
सर्वे में यह बात सामने आई है कि स्कूल फ्रॉम होम मॉडल सटीक हल नहीं है। करीब 35.8 फीसदी छात्रों को साइंस की ऑनलाइन क्लास के दौरान कॉन्सेप्ट समझने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 31 फीसदी छात्रों को लैंग्वेज की क्लास में और मैथ की क्लास में सबसे अधिक 51.9 फीसदी छात्रों को इस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ा। इसलिए बेहतर हल के रूप में डिजिटल लर्निंग और पारंपरिक तरीके के बीच में संतुलन बनाना होगा। नयी दिल्ली : यदि ब्रेनली के सर्वे पर नजर डालें, तो भारत में एक नया कल्चर देखने को मिल सकता है। छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए विश्व के सबसे बड़े ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म ने 2,150 भारतीय यूजर का सर्वे किया। ये प्रश्न मौजूदा स्कूल फ्रॉम होम की परिस्थिति पर आधारित थे और इसमें कुछ रोचक नतीजे सामने आए हैं। शुरुआत करने वाले करीब 68.7 ब्रेनली यूजर ने माना कि इस महामारी से पहले, वे कभी ऑनलाइन क्लास का हिस्सा नहीं बने थे। आज, लर्निंग के इस तरीके ने करीब 72.8 फीसदी छात्रों के रोजमर्रा की दिनचर्या को भी प्रभावित किया है। 44.6 फीसदी छात्रों का कहना है कि वे महामारी के बाद भी स्कूल फ्रॉम होम के विचार