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मिर्गी के इलाज के साथ जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता : राज्यपाल

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० आशा पटेल ०  जयपुर। मिर्गी रोग पर शहर में आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ईकॉन 2023 शुरू हो गई। राज्यपाल कलराज मिश्र और गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. सुधीर भंडारी ने कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। विभिन्न तकनीकी सत्रों में देशभर के सीनियर एक्सपर्ट्स ने मिर्गी के इलाज और उसके मैनेजमेंट के बारे में जानकारी दी। इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि इस तरह की संगोष्ठियों में जानकारी के आदान प्रदान से चिकित्सा के क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलती हैं। इस बीमारी की भ्रांतियां बहुत हैं इसीलिए इसके इलाज के साथ जागरूकता को बढ़ाना भी बेहद आवश्यक है।  कई मरीजों की तो पहचान तक नहीं हो पाती। एक तरफ हम चांद तक पहुंच गए हैं जबकि मिर्गी जैसी बीमारी की भ्रांतियों के कारण अब भी इसका इलाज सभी लोगों तक नहीं पहुंच पाता। इस दौरान राज्यपाल ने संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन भी किया। गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि 70 प्रतिशत मिर्गी के मरीज नियमित रूप से दवा लेकर इस बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं। अब ऐसा उपचार आ गया है जिसकी लागत भी कम है जिसके कारण ज्यादा से ज्यादा मरीजों को इसका इलाज मिल रहा है। ईकॉन -

56वां आईएचजीएफ फर्नीचर मेला’23, 12-16 अक्टूबर इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में

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० आशा पटेल ०  नयी दिल्ली  । दुनिया के सबसे बड़े हस्तशिल्प मेलों में से एक आईएचजीएफ-दिल्ली मेला ऑटम एवं फर्नीचर मेला’23 का 56 वां संस्करण 12-16 अक्टूबर, 2023 तक आयोजित किया जाएगा। सभी इस मेगा सोर्सिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से कारोबार का विस्तार करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह मेला ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में विदेशी खरीदारों, खरीदारी और सोर्सिंग पेशेवरों के साथ-साथ बड़े घरेलू वॉल्यूम खुदरा खरीदारों के लिए खुला है। मेले के 56वें संस्करण को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए आयोजित मेला समिति की बैठक के दौरान  नरेश बोथरा को आईएचजीएफ दिल्ली मेला ऑटम एवं फर्नीचर मेला स्वागत समिति'2023 के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है, आर.के. वर्मा, कार्यकारी निदेशक-ईपीसीएच ने सूचित किया। ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने बताया, श्री नरेश बोथरा, मैनेजमेंट ग्रेजुएट, 1994 से जोधपुर, राजस्थान के प्रमुख हस्तशिल्प निर्यातक हैं और मेसर्स बोथरा इंटरनेशनल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।  वह दुनिया भर में 30 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है। वह विभिन्न समितियों के सदस्य रहे हैं और निर्

दिल्ली जल बोर्ड की लापरवाही से लोग दूषित पानी पीने को मजबूर { Qutub Mail }

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जयपुर में आज तक का सबसे बडा भूकंप { Qutub Mail }

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Jaipur भूकंप के झटके से लोगों में घबराहट फैली

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० आशा पटेल ०  जयपुर । राजधानी जयपुर सहित पूरे प्रदेश में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। ये एक बार आकर ही नहीं रूका लगातार तीन बार भूकंप झटके महसूस किए गए। पहला भूकंप सुबह करीब 4 बजकर 9 मिनट पर आया। इसकी तीव्रता काफी तेज थी और तेज कंपन से लोगों की नींद खुल गई और लोग अपने घरों के बाहर आकर खड़े हो गए। जयपुर सहित जयपुर ग्रामीण के जोबनेर, सांभर, फुलेरा, रेनवाल, बगरू, इत्यादि जगहो में भूकंप के जबरदस्त झटके.घरों से बाहर निकले सहमे लोग.धरती के अंदर से आ रही है धड धड की तीव्र आवाज.दो से तीन बार महसूस किए गए भूकंप के झटके 4.5 रिएक्टर पैमाने पर जयपुर में आज तक का सबसे बडा भूकंप । नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक पहला भूकंप सुबह 4 बजकर 9 मिनट पर आया है।  भूकंप की तीव्रता 4.5 रही और इसका केंद्र बिंदू जयपुर ही रहा। भूकंप के झटके से लोगों में घबराहट फैली, लेकिन किसी भी नुकसान की खबर नहीं मिली है।राजधानी में लंबे समय बाद इतना तेज भूकंप का झटका महसूस किया गया। दूसरी और तीसरी बार आया भूकंप सामान्य रहा।

Delhi Jal Board की लापरवाही से लोग दूषित पानी पीने को मजबूर,

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों एवम कर्मचारियों की लापरवाही से जहां महीनो से लाखों लीटर पानी की बरबादी हो रही है वहीं लाखों लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है। द्वारका सेक्टर तीन,आदर्श अपार्टमेंट एवम पालम ड्रेन के बीच से गुजरने वाली पीने के पानी की पाइप लीकेज है जिससे रोज हजारों लीटर पानी की बरबादी हो रही है। इसके साथ ही लीकेज में सीवर का पानी मिक्स होकर लोगों के घरों में जा रहा है जिसके पीने से लोग बीमार हो रहे है। पालम इलाके के पच्चीस कालोनियों के फेडरेशन के प्रधान,राष्ट्रीय युवा चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम आरडब्ल्यूए मधु विहार के प्रधान चौधरी रणबीर सिंह सोलंकी ने बताया कि इस लीकेज के बारे में उन्होंने जल बोर्ड के बड़े अधिकारियों से लेकर जे ई, ए ई तक को इसकी शिकायत की है परंतु इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। तथा रोज लाखों लीटर पानी की बरबादी जारी है। सोलंकी ने बताया कि जल बोर्ड के वर्तमान  उपाध्यक्ष विधायक सोमनाथ भारती ने कहा है की जल बोर्ड की कोई भी समस्या का समाधान बारह घंटे की अंदर हो जाने चाहिए परंतु दो महीनो से इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा

हिमालय बचाओ ! मौजूदा विकास नीति पर सवाल

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० सुरेश भाई ०  जहां तक हिमालय बचाओ का सवाल है, यह केवल नारा नही है। यह हिमालय क्षेत्र में भावी विकास नीतियों को दिशाहीन होने से बचाने का एक रास्ता बता रहा है। क्योंकि पहाड़ की महिलाओं ने चिपको आंदोलन के दौरान कहा है कि ’’मिट्टी, पानी और बयार! जिन्दा रहने के आधार!’’ और आगे चलकर रक्षासूत्र आन्दोलन का नारा है कि ’’ऊंचाई पर पेड़ रहेंगे! नदी ग्लेशियर टिके रहेंगे!’’, आदि के निर्देशन हिमालय के लोगों ने देशवासियों को दिये हैं। अभी अलकनंदा के सिरहाने पर बसे हुए हेलंग गांव की महिलाओं को उन्हीं के चारागाह मे घास नहीं काटने दिया गया है। जिसके विरुद्ध उत्तराखंड में लोग जगह-जगह सड़कों पर उतरे हुए हैं। विश्व विख्यात पर्यावरणविद् सुन्दरलाल बहुगुणा कहते थे कि ’’धार ऐंच पाणी, ढाल पर डाला, बिजली बणावा खाला-खाला!’’ इसका अर्थ यह है कि चोटी पर पानी पहुंचना चाहिये, ढालदार पहाडियों पर चौड़ी पत्ती के वृक्ष लगे और इन पहाड़ियों के बीच से आ रहे नदी, नालों के पानी से घराट और नहरें बनाकर बिजली एवं सिंचाई की व्यवस्था की जाये। इसको ध्यान में रखते हुए हिमालय नीति के लिये केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है।हिमालय की पानी,