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"आदि महोत्सव : आदिवासी कारीगरों की असाधारण प्रतिभा और शिल्प कौशल का अद्भुत संगम

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० आनंद चौधरी ०  नई दिल्ली। भारत की जनजातीय विरासत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से जनजातीय कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में ट्राइफेड द्वारा आयोजित "आदि महोत्सव, जिसका शुभारंभ राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने दिल्ली स्थित मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में किया था। यह महोत्सव 10 से 18 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव में आदिवासी कारीगरों की असाधारण प्रतिभा और शिल्प कौशल देखने को मिल रही है। महोत्सव में 300 से अधिक स्टाल है, जिसमें जनजातीय कला, हस्तशिल्प, प्राकृतिक उपज और स्वादिष्ट जनजातीय व्यंजनों का विविध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। यह महोत्सव आदिवासी उत्पादों को प्रदर्शित करने और आदिवासी कारीगरों को मुख्यधारा की आबादी के साथ जुड़ने में मदद करने का एक राष्ट्रीय अवसर है, जिसमें व्यक्तिगत तौर पर अपनें उत्पादों के साथ आदिवासी कारीगर, आदिवासियों के लिए कार्यरत एजेंसियां एवं संगठनों ने भाग लिया हैं। आदी महोत्सव, आम जनमानस को आदिवासियों की समृद्ध विरासत और संस्कृति की एक झलक देता है। इससे वंचित जनजातियों को अपनी कला और शिल्प को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए एक बड़ा

ऑल इंडिया एजूकेशनल मूवमेंट द्वारा क़ानूनी सेमिनार

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० संवाददाता द्वारा ०  नई दिल्ली/ ऑल इंडिया एजूकेशनल मूवमेंट (ए.आई.ई.एम.) द्वारा अपनी क़ानूनी शिक्षा श्रृंखला के हिस्से के रूप में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन तस्मिया हॉल दिल्ली में किया गया। जिसका विषय ‘इस्लामी शरीयत और आधुनिक क़ानून-संविधान और क़ानूनी ढांचा‘ रखा गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमालया वेलनेस कंपनी के निदेशक डॉ फारूख ने की। उद्धघाटन भाषण संस्था के अध्यक्ष व मानु यूनिवर्सिटी के पूर्व वाईस चांसलर ख्वाजा एम शाहिद ने दिया।  वही मुख्य वक्ताओं के तौर पर जामिया मीलिया इस्लामिया लाॅ फेकल्टी की प्रमुख(डीन) प्रोफेसर कहकशां दानियाल, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ क़ासिम रसूल इल्यास, बोर्ड के वकील सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एम आर शमशाद के साथ दारुल क़ज़ा से डॉ तबरेज आलम क़ासमी, जमाते इस्लामी हिन्द की शरिया कॉउंसिल के सचिव डॉ रज़िउल इस्लाम ने शिरकत की। उद्धघाटन संबोधन में संस्था के अध्यक्ष शप्रोफेसर ख्वाजा एम शाहिद ने विषय की अहमियत पर रोशनी डालते हुए इसे वक़्त की ज़रूरत क़रार दिया और शरीयत एक्ट 1937 को कोडिफ़ॉएड होने की सूरत के में इसकी क़ानूनी व्याख्या का दायरा संकुचित होने

मोशन एजुकेशन ने जेईई मेन्स में 22 से अधिक छात्रों ने 99.9 पर्सेंटाइल से ऊपर स्कोर को छुआ

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० आशा पटेल ०  कोटा . मोशन एजुकेशन ने जेईई मेन्स में 22 से अधिक छात्रों ने सेशन 1 परीक्षा में 99.9 पर्सेंटाइल से ऊपर स्कोर किया। शीर्ष प्रदर्शन कर्ताओं की सूची में ईशान गुप्ता ने 100 पर्सेंटाइल हासिल करके मोशन एजुकेशन का नाम रोशन किया, उसके बाद 99.9923 और 99.981756 पर्सेंटाइल के साथ अमर सिन्हा और विशारद श्रीवास्तव का स्थान रहा।  . इस अवसर पर, मोशन एजुकेशन के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय ने कहा, परीक्षा में छात्रों का प्रदर्शन उनकी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और परीक्षा की तैयारी में लगाए गए समर्पण का प्रमाण है। परीक्षा उत्तीर्ण करना देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए उनके द्वार खोलता है। परिणाम की घोषणा छात्रों को शेष परीक्षा के लिए अपनी रणनीति बनाने में मदद करेगी। चूंकि सेशन 2 अप्रैल में होने वाला है, उम्मीदवार भविष्य में होने वाली अन्य परीक्षाओं में सफल होने के लिए सेशन 1 के प्रदर्शन का विश्लेषण कर सकते हैं।

प्रकृति से सामंजस्य रख जीना आदिवासियों से सीखें - राष्ट्रपति

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० आशा पटेल ०  महिलाओं में शिक्षा एवं कौशल विकास को बढ़ावा दिए जाने पर बल दिया जिससे महिलाएं देश और दुनिया की प्रगति में बराबर की भागीदार बन सकें। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभाएंगी। महिलाओं की सफलता के बल पर ही भारत के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण होगा। जयपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि समाज के अन्य वर्गों के लोग आदिवासी समाज से बहुत कुछ सीख सकते हैं। जनजातीय समुदायों ने स्वशासन के अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किये हैं। प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर प्रसन्नतापूर्वक कैसे जीवन जिया जाता है यह आदिवासी समाज से सीखा जा सकता है। आदिवासी समाज से हम प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना न्यूनतम संसाधनों में बेहतर जीवन जीना भी सीख सकते हैं। महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में भी आदिवासी समाज ने देश को दिशा दिखाई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया एवं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम में आयोजित ’’लखपति दीदी सम्मेलन’’ को संबोधित कर रही थी। राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं को नेतृत्व प्रदान करते हुए विकास की अवधारणा को सफलत

बसंत पंचमी की पूजा मे उमड़े बिहार समाज के दस हजार से अधिक श्रद्धालु

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० आशा पटेल ०  जयपुर - बिहार समाज संगठन की ओर से दुर्गा विस्तार कॉलोनी एनबीसी में सरस्वती पूजा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इसमें शहरभर से हजारों की संख्या में बिहार के निवासी शामिल हुए। भोजपुरी एवं मैथिली लोकगीत गायको ने पूरे समारोह को मां शारदे की भक्ति के रंग मे सराबोर कर दिया। मां शारदे की छह फीट से अधिक की प्रतिमा की विधिवत पूजा के बाद शुरू हुए कार्यक्रम पूरे दिन चले। इस दौरान भक्ति गीत, नाटक मंचन समेत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम में संगठन अध्यक्ष पवन शर्मा, महासचिव चंदन कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शशिशंकर झा, कोषाध्यक्ष सुरेश पंडित, संजीव मिश्रा, सुशील कुमार सिन्हा, अरविंद ओझा, शेषनाथ तिवाड़ी समेत कार्यकारिणी सदस्यों ने आयोजन को सफल बनाया। कार्यक्रम के दौरान महापौर मुनेश गुर्जर, भाजपा नेता सुमन शर्मा, यूबी निदेशक अजयपाल सिंह, एडवोकेट अर्चना झा, सतीश चंद अग्रवाल समेत अन्य गणमान्य लोगों को उनके समाज मे योगदान को लेकर सम्मानित किया गया।

किआ इंडिया ने पंजाब पुलिस को 71 वाहन स्पेशली कस्टमाइज़्ड कैरेंस डिलीवर किए

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2024 में कैरेंस को उद्देश्य-निर्मित वाहनों के रूप में प्रदर्शित करने के बाद, किआ इंडिया ने पंजाब पुलिस को 71 स्पेशली कस्टमाइज़्ड कैरेंस डिलीवर करने की घोषणा की। आपात स्थितियों के दौरान नागरिकों को तुरंत मदद पहुंचाने के लिए इन पीबीवी का उपयोग इमरजेंसी रिस्पॉन्स व्हीकल (ईआरवी) के रूप में किया जाएगा। पीबीवी सेगमेंट में एन्ट्री के साथ, किआ का लक्ष्य भारत में विशेष संस्थानों की विविध मोबिलिटी आवश्यकताओं की कमियों को पूरा करना है। किआ कैरेंस अपनी नवीनतम तकनीक, कनेक्टेड फीचर्स, बड़े व्हीलबेस, और तीसरी पंक्ति के बेहतर आराम के कारण पंजाब पुलिस का पसंदीदा मोबिलिटी वाहन बन गया है। इस कस्टमाइज़्ड कैरेंस में 6-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन वाला स्मार्टस्ट्रीम 1.5 पेट्रोल इंजन है। इस पीबीवी में कस्टम हाई-इंटेंसिटी स्ट्रोब लाइट्स, पीए सिस्टम्स, और ‘डायल 112 - इमरजेंसी रिस्पॉन्स व्हीकल’ डिकैल्स शामिल हैं। इसमें अलग से लगाए गए उपकरणों को चलाने के लिए 60Ah की उच्च क्षमता वाली बैटरी है।  कैरेंस का व्हीलबेस अपने सेगमेंट में या उससे ऊपर के सेगमेंट में सबसे

Sensodyne ने भारत में अपना पहला माउथवॉश लॉन्च किया

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली : हलियोन के मशहूर ओरल केयर ब्रांड, Sensodyne ने कम्पलीट प्रोटेक्शन माउथवॉश लॉन्च किया है। सेंसिटिव दाँतों के लिए विकसित की गई टूथपेस्ट और ब्रश की मौजूदा श्रृंखला के बाद Sensodyne ने इस नए माउथवॉश के साथ अपनी साइंस को एक नए फॉर्मेट में पेश किया है। भारत में माउथवॉश ओरल केयर श्रेणी की सबसे तेजी से बढ़ती हुई उपश्रेणियों में से एक है। स्वास्थ्य के बारे में लोगों की जागरूकता बढ़ रही है, और Sensodyne उन्हें प्रतिदिन माउथवॉश का उपयोग करने के फ़ायदों के बारे में शिक्षित करना चाहता है।  Sensodyne कम्पलीट प्रोटेक्शन+ माउथवॉश रोजाना ब्रशिंग के बाद आपके दाँतों को संपूर्ण सुरक्षा देने के लिए बनाया गया है। इसका अल्कोहल-फ्री फॉर्मूलेशन दाँतों की झनझनाहट और दाँत की ऊपरी कठोर परत को घिसाव से सुरक्षा प्रदान करके दाँतों को मजबूत बनाए रखता है। इसमें मौजूद फ्लोराइड कैविटी से सुरक्षा देता है, और ताजगी भरा स्वाद बिना किसी जलन के तरोताजा अहसास प्रदान करता है। Sensodyne द्वारा पहले माउथवॉश के लॉन्च से उत्साहित, मिस भावना सिक्का, केटेगरी लीड - ओरल हेल्थकेयर , हलियोन आईएससी ने कहा, “