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सूर्या अस्पताल जयपुर ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया

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० आशा पटेल ०   जयपुर : अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सूर्या अस्पताल व फोर्टी महिला विंग ने मिलकर कार्यक्रम का किया सफल आयोजन सूर्या अस्पताल में फोर्टी समूह की सदस्यों को डॉक्टर्स ने स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां सांझा दी जिसमे सूर्या अस्पताल के सभी वरिष्ठ महिला व प्रसूति रोग के डॉक्टर्स डॉ सुनीता सिशोदिया, डॉ मृदुल गहलोत, डॉ विभा चतुर्वेदी और डॉ ऋतु जोशी उपलब्ध थे । कार्यक्रम के दौरान फोर्टी वुमन विंग ने इस मौकों पर डॉक्टर्स को सम्मानित किया और बताया कि डॉक्टर्स हमारे समाज का बहुत महत्वपूर्ण अंग हैं तो उनके साथ महिला दिवस मनाना एक सौभाग्य की बात है। इसी दौरान सूर्या अस्पताल के द्वारा भी फोर्टी वुमन की सभी सदस्यों का स्वागत किया और महिला दिवस की बधाई दी। इस दौरान कार्यक्रम में महिलाओं की जांच से संबंधित पैकेज का भी विमोचन किया गया ।कार्यक्रम के अंत में अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर कर्नल मनन मुकुल ने कार्यक्रम मे उपस्थित सभी महिलाओं का आभार व्यक्त किया और बताया कि जैसा की सूर्या अस्पताल मां व बच्चों को पूर्णतया समर्पित अस्पताल है और जो अब कुल 8 अस्पताल के साथ तेजी से बढ़त

दुनिया भर में हर साल 6.85 लाख से अधिक महिलाओं की मौत स्तन कैंसर के कारण होती है

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली, दुनिया भर में कैंसर बीमारी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, खासकर कुछ तरह के कैंसर महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करते हैं। भारत में, महिलाओं में कई तरह के कैंसर पाए जाते हैं। इसीलिए ये बहुत ज़रूरी है कि महिलाओं में कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाई जाए, बचाव के तरीके अपनाए जाएं और इलाज के सही तरीके इस्तेमाल किए जाएं। भारत में, स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है। हर 100 में से 27 महिलाओं को यह बीमारी होने का खतरा होता है। इसके बाद सर्वाइकल कैंसर का नंबर आता है, जो 13 महिलाओं में से एक को हो सकता है। पूरी दुनिया की बात की जाए तो, हर साल लाखों महिलाएं इन बीमारियों से अपना जीवन गंवा देती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल 6.85 लाख से ज्यादा महिलाओं की स्तन कैंसर से और 3.42 लाख महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर से मौत हो जाती हैं।  भले ही कैंसर अभी भी एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि करीब 30 से 50 फीसदी कैंसर के मामले रोके बचा जा सकते हैं। इसके लिए हमें कुछ ऐसी आदतें त्यागनी होंगी, जो कैंसर का खतरा बढ़ाती हैं और साथ ही नियमित तौर

कूल फैंस ने दिल्ली के मार्केट में बिजली की बचत करने वाले नए पंखे, डेजर्ट कूलर उतारे

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली : देश के सबसे बड़े आरओ प्यूरिफायर्स ब्रैंड के हाउस की ओर से दिल्ली में कूल के नए स्मार्ट और स्टाइलिश पंखे लॉन्च किए गए। ये पंखे बीएलडीसी टेक्नोलॉजी का उपयोग कर बनाए जाते हैं। ये पंखे न केवल खूबसूरत और स्टाइलिश हैं, बल्कि बिजली की खपत पर 65 फीसदी की बचत का ऑफर देते हैं। कूल फैंस ने अपने प्रॉडक्ट्स की श्रृंखला का विस्तार करते हुए बिजली की बचत करने वाले पंखों के कई मॉडल लॉन्च किए हैं। दिल्ली में नई रेंज के पंखों की नए रिटेलर्स के पास उपलब्धता बढ़ाई गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग तक ये पंखे पहुंच सकें। इस रणनीतिक विस्तार के साथ कूल का उद्देश्य बिजली की बचत करने वाले नए सीलिंग फैन्स लॉन्च कर बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करना है। अपने नए आविष्कार के तहत कूल ने बीएलडीसी टेक्नोलॉजी पर बेस्ड नेक्स - जेन का डेजर्ट कूलर फैन लॉन्च किया है, जिसे कूल एक्सज़ैल कहा जाता है। जमीन के सहारे खड़ा रहने वाला ये डेजर्ट कूलर कम फैन अल्ट्रासोनिक पानी की तरंगों की धुंध को हवा में बिखेर देता है, जिससे कमरे का तापमान 5 डिग्री सेल्यिसस तक कम हो जाता है। वाइब्रेशन और कंपन के फीचर के स

8 मार्च महिलाओं के जागरुकता का दिन

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०  लाल बिहारी लाल ०  हमारी भारतीय संस्कृति ने सदैव ही नारी जाति का स्थान पूज्यनीय एवं वन्दनीय रहा है, नारी का रूप चाहे मां के रूप में हो, बहन के रुप में हो, बेटी के रुप में हो या फिर पत्नी के रूप में हो सभी रुपों में नारी का सम्मान किया जाता है। यह बात आदिकाल से ही हमारे पौराणिक गाथाओ में विद्यमान रही है। और यह आज भी जगह –जगह देवी के रुप में पूजी जाती हैं। नौ रात्रों में कन्या खिलाने की प्रथा आज भी विद्यमान है। हमें यह भी ज्ञात है कि नारी प्रेम, स्नेह, करूणा एवं मातृत्व की प्रतिमूर्ति है। इसलिए नारी का ख्याल रखना जरुरी है।  नारी की दीनहीन दशा देखकर कई समाज सुधारको ने प्रयत्न किया और आज सरकारी स्तर पर इन्हे समान दर्जा प्राप्त है। राजाराम मोहन राय के अथक प्रयास से सती प्रथा का अंत हुआ।फिर नारी की दशा सुधारने के लिए आचार्य विनोवा भावे ,स्वामी विवेकानंद ने भी काम किया। ईश्वर चंद विद्या सागर के प्रयास से विधवाओं की स्थिति सुधारने के लिए विधवा पुनर्विवाह अधिनियम 1856 आया।  नारी की स्थिति सुधारने के लिए- अनैतिक ब्यपार रोकथाम अधिनियम-1956, दहेज रोक अधिनियम-1961,पारिश्रमिक एक्ट 1976,मेडिकल टर्म

कैडर रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट में विलंब से केंद्रीय सचिवालय के कर्मचारियों में रोष

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० संवाददाता द्वारा ०  नई दिल्ली। केंद्रीय सचिवालय के कर्मचारियों की सेवा शर्तों में सुधार हेतु केन्द्र सरकार ने देश की आजादी के बाद 27 अक्तूबर 2022 को पहली बार सभी श्रेणियों के साथ-साथ सबसे निचले स्तर के कर्मचारियों एम.टी.एस. और सी.एस.सी.एस.के कल्याण के लिए भी अलग से कैडर रिव्यू कमेटी का गठन कियाI  केन्द्रीय सचिवालय अऱाजपत्रित कर्मचारी संघ ने सरकार के इस कार्य के साथ-साथ हजारों कर्मचारियों की पदोन्नती पर सरकार का बहुत बहुत आभार व्यक्त किया हैI  केन्द्रीय सचिवालय के कर्मचारियों के कल्याण के लिए और केन्द्र सरकार के कार्यों में और अधिक कार्यकुशलता लाने के लिए विभिन्न मंत्रालयों/विभागों ने कार्मिक विभाग को सुझाव दिया कि एम.टी.एस, सी.एस.सी.एस.,सी. एस.एस.के कर्मचारियों की वर्तमान संख्या काफ़ी कम है,यथा जे.एस.एके 3600 पद, एस.एस.ए. के 60:40 के अनुपात में 2400 पद, ए.एस.ओ.के 1200 पद, एस. ओ.के450 पद, अवर सचिव के 150 पद , उप सचिव और निदेशक के लगभग 300 पद यह संख्या ज्यादा भी हो सकती हैI केन्द्रीय सचिवालय अऱाजपत्रित कर्मचारी संघ ने सरकार के समक्ष माँग रखी है कि 2002 से सचिवालय में जे.एस.एस की

Light HouseTourism Start in India देश में लाइट हाउस टूरिज्म शुरू { Qutub...

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साहित्य अकादेमी का विश्व का सबसे बड़ा 175 भाषाओं का साहित्योत्सव 11 से 16 मार्च तक

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० योगेश भट्ट ०    नई दिल्ली : साहित्य अकादेमी इस वर्ष 70 वर्ष पूरे कर रही है प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला ‘साहित्योत्सव’ इस बार विश्व के सबसे बड़े साहित्योत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। 11 से 16 मार्च तक रवींद्र भवन परिसर दिल्ल्ली में मनाए जा रहे इस उत्सव के बारे में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में साहित्य अकादेमी के सचिव के.श्री निवासराव ने बताया कि 190 से अधिक सत्रों में 1100 से अधिक प्रसिद्ध लेखक और विद्वान भाग ले रहे हैं।  इसमें देश की 175 से अधिक भाषाओं का भी प्रतिनिधित्व होगा। इस साहित्योत्सव में तीन राज्यों के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान (केरल), विश्वभूषण हरिचंदन (छत्तीसगढ़), सी.वी. आनंद बोस (पश्चिम बंगाल) विशेष रूप से भाग ले रहे हैं। 190 से अधिक सत्रों में आयोजित इस साहित्योत्सव की शुरुआत अकादेमी की वर्षभर की प्रमुख गतिविधियों की प्रदर्शनी से होगा। साहित्योत्सव का मुख्य आकर्षण साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2023 अर्पण समारोह होगा, जो 12 मार्च को कमानी सभागार में होगा। इस पुरस्कार-अर्पण समारोह की मुख्य अतिथि प्रख्यात ओड़िआ लेखिका प्रतिभा राय होंगी। प्रतिष्ठित प्रख्यात उर्दू लेखक एवं गीतकार गुलज़