संवैधानिक मूल्यों में विश्वास रखने वालों को खुल कर बोलना होगा : डॉ. सुनीलम
० आशा पटेल ० कोटा।संविधान हमारा राष्ट्रीय ग्रन्थ है. अगर हम समानता, धर्मनिरपेक्षता, स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार जैसे संवैधानिक मूल्यों में विश्वास रखते हैं तो हमें खुल कर बोलना होगा. यह बात किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा समाजवादी चिन्तक डॉ. सुनीलम ने कोटा में आयोजित शांति सद्भावना सम्मलेन में मुख्य वक्ता के रूप में कही. उन्होंने कहा कि आज देश के हर हिस्से में सांप्रदायिक वैमनस्य फ़ैलाने और वातावरण बिगाड़ने का काम किया जा रहा है. हमें इससे सचेत रहना होगा. कोटा सांप्रदायिक सौहाद्र की मिसाल रहा है. कोटा के लोग नहीं चाहेंगे कि कोचिंग हब बन चुके इस शहर में नूंह (हरियाणा) जैसा हिंसात्मक माहौल बने. उन्होंने कहा कि हमारे मंत्रीगण तो अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए विदेश भेज रहे हैं और आपके बच्चों को बाबू बजरंगी और मोनू मानेसर जैसे दंगाई बनाना चाहते है. यदि आज हम मौन रहे तो स्थितियां हमारे हाथ से निकल जाएगी. देश में बढ़ रही अंधविश्वास की प्रवृत्ति पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. नरेंद्र दभोलकर, एमएम कलबुर्गी और गौरी लंकेश जैसे अंधविश्वास और पोंगा पंथी प्रवृत्ति के विरुद्ध अभियान