राजनीतिक दल अपने चुनाव घोषणापत्रों में सांसदों और विधायकों के लिए आचार संहिता को शामिल करें
नायडू ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र लोगों के प्रति उत्तरदायित्व पूरा करने का जरिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में 'विधान, विचारशीलता और उत्तरदायित्व' शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'हमसे आशा कि जाती है कि हम देश और जनता की बेहतरी के लिए आवश्यक कानून बनाएंगे, लोकहित के मुद्दों पर चर्चा करेंगे और सरकार के उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करेंगे।' नयी दिल्ली - उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू ने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि अपने घोषणापत्रों में सांसदों और विधायकों सहित सभी जन प्रतिनिधियों के लिए आचार संहिता को शामिल करें। आचार संहिता में यह बात शामिल की जाए कि कोई भी सदस्य सदन में आसन के सामने हंगामा नहीं करेगा, नारेबाजी नहीं करेगा, कार्यवाही में व्यावधान नहीं डालेगा और कागज फाड़ने तथा उसे सदन में फेंकने जैसा उद्दण्ड व्यवहार नहीं करेगा। नायडू ने कहा कि संसद का जो सत्र अभी समाप्त हुआ है, वह बहुत सफल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में इस बार जितने सवाल उठाए गए और उनके जवाब दिए गए, वह बहुत ऐतिहासिक है। उन्होंने सत्र के दौरान शून्य काल और विशेष उल्ल