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ईंट भट्टे से 22 बच्चों सहित 55 बंधुआ मजदूरों को कराया गया मुक्त

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० योगेश भट्ट ०  सहारनपुर -  बचपन बचाओ आंदोलन की शिकायत पर बंधुआ मजदूरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई में सहारनपुर जिला प्रशासन ने सरसावा थाने के कुम्हारहेड़ा में एक ईंट भट्टे से 22 बाल मजदूरों और 33 वयस्कों सहित कुल 55 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया। छुड़ाए गए ज्यादातर मजदूर सहारनपुर और शामली जिलों के अनुसूचित जातियों और अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। ये सभी यहां पिछले पांच महीने से काम कर रहे थे। ईंट भट्टे पर काम कर रहे एक मजदूर ने एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन जिसे बचपन बचाओ आंदोलन के नाम से जाना जाता है, से भट्ठे पर बंधुआ मजदूरी कराने की शिकायत दी थी।  छुड़ाए गए सभी बच्चों को मौके पर ही सीडब्लूसी के सामने पेश किया गया और काउंसलिंग के बाद सभी बच्चों को परिवार सहित घर भेज दिया गया। छुड़ाए गए बंधुआ मजदूरों ने बताया कि सीबीएफ ब्रिक फील्ड के मालिक हाजी सलीम कादिर और भट्ठे पर मुंशी का काम कर रहे अमजद ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनके नाबालिग बच्चों को स्कूल व चिकित्सा सुविधा सहित बिजली, शौचालय जैसी तमाम सुविधाएं भी दी जाएंगी।  लेकिन ये सुविधाएं तो दूर, कुछ ही समय बाद उन्हें हर पखवाड़े मिलने वाली मजदूरी भी

पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय

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० आनंद चौधरी ०  नई दिल्ली। बिहार की जाप (जन अधिकार पार्टी) सुप्रीमो पप्पू यादव की पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया है। दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में इसका ऐलान किया गया। पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं? उनकी पत्नी रंजीत रंजन राज्यसभा सदस्य हैं। उन्हें कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजा है।  बिहार के कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश ने पप्पू यादव की पार्टी का कांग्रेस में विलय कराया। बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान मौजूद थे। पप्पू यादव के साथ उनके बेटे सार्थक यादव भी कांग्रेस में शामिल हो गए।  इस अवसर पर मोहन प्रकाश ने कहा, साझेदारी न्याय से प्रभावित होकर पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने का निर्णय लिया है। पप्पू यादव के आने से बिहार में कांग्रेस के साथ घटक दल को भी मजबूती मिलेगी।   पांच बार सांसद और एक बार विधायक रह चुके राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव 2019 लोकसभा चुनाव में जाप के टिकट पर मधेपुरा से चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में उन्हें करीब एक लाख वोट मिले और तीसरे नंबर पर रहे थे। जदयू के दिनेश चंद्र यादव को करीब 6.24 ल

परिवहन विभाग द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस डिजिटल करना गम्भीर खतरा

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० आशा पटेल ०  जयपुर |  अन्तर्राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ और भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य डॉ कमल सोई ने राजस्थान राज्य में एक चिंताजनक मुद्दे पर रोशनी डाली है। परिवहन विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2024 से केवल डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करना मौजूदा कानूनों एवं दिशानिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है, जो सड़क सुरक्षा एवं कानूनी अनुपालन के लिए गंभीर खतरा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भौतिक रूप में (लैमिनेटेड कार्ड या स्मार्ट कार्ड) ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद राजस्थान परिवहन विभाग कानूनी अध्यादेशों एवं दिशानिर्देशों की अवहेलना करते हुए सिर्फ डिजिटल दस्तावेज जारी करने पर ज़ोर दे रहा है। राजस्थान परिवहन विभाग ने 8 फरवरी 2024 को अधिसूचना जारी कर दी है कि 1 अप्रैल 2024 से ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र केवल डिजिटल रूप में ही जारी किए जाएंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की स्पष्ट अडवाइज़री का हवाला देते हुए डॉ सोई का कहना है कि केन

राजयपाल को पुस्तक ’मनी लांड्रिंग: प्रिवेंशन, लॉ एंड प्रैक्टिस’ की प्रति भेंट

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० योगेश भट्ट ०  जयपुर 19 मार्च । राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को राजभवन में अधिवक्ता अभिजीत शर्मा ने अपनी लिखी पुस्तक मनी लांड्रिंग, प्रिवेशन, ला एंड प्रैक्टिस की प्रति भेंट की। अधिवक्ता अभिजीत शर्मा ने बताया कि पुस्तक में धनशोधन निवारण अधिनियम व इसपे पी.एम.एल.ए ट्रिब्यूनल, देश के विभिन्न उच्च न्यायायलों व  उच्चतम न्यायालय के सभी निर्णयों व दृष्टांतो का गहन शोध कर इस पुस्तक को लिखा है। उन्होंने बताया कि पुस्तक में विभिन्न नियामक संस्थाएं सेबी, आर.बी.आई, आई.आर.डी.ए.आई के मनी लांड्रिंग को रोकने के लिए जारी समस्त दिशा निर्देशों को भी शामिल किया गया है।  विभिन्न डिजिटल पेमेंट सिस्टम्स व इनके दुरुपयोग व इनके संबंध में कानून पर निष्कर्ष दिए गए हैं। आज जब प्रवर्तन निदेशालय अपनी कार्यवाहियों की वजह से पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है ऐसे समय में पुस्तक वकीलों, शोधकर्ताओं व विधि के क्षेत्र से जुड़े समस्त लोगों के लिए पुस्तक उपयोगी होगी व इनके कानूनी प्रारूप को समझने में मददगार साबित होगी। इस दौरान अभिजीत शर्मा की माताजी डा. पद्मजा शर्मा, अधिवक्ता पवन चौधरी भी उपस्थित रहे।

दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशालय फ़रीदाबाद की सलाहकार समिति की बैठक

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० योगेश भट्ट ०  फरीदाबाद,दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशालय फरीदाबाद की 67वीं क्षेत्रीय सलाहकार समिति की बैठक क्षेत्रीय निदेशालय परिसर में संपन्न हुई। बैठक अशोक कुमार बीएमएस के राज्य अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में नियोक्ता संगठन,विभिन्न ट्रेड यूनियन नेतृत्व, विभिन्न सरकारी विभागों व शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।  बैठक का संचालन अमिताभ प्रकाश 'क्षेत्रीय सलाहकार समिति के क्षेत्रीय निदेशक एवं पदेन सचिव ने किया। अमिताभ प्रकाश ने बैठक के औचित्य को पर चर्चा करते हुए कहा कि यह समिति श्रमिकों के सबसे वंचित वर्गों के लाभ के लिए श्रमिक शिक्षा की संपूर्ण गतिविधियों और संचालन की देखरेख, मूल्यांकन और मूल्यवान सुझाव देने के लिए रखी गई है।उनके द्वारा बोर्ड की वार्षिक उपलब्धियों का विवरण दिया गया। इस बैठक में आदित्य भट्टाचार्य,शिक्षा अधिकारी ने श्रमिक शिक्षा की आगामी कार्यक्रम की कार्ययोजना पर चर्चा करते हुए बताया कि नियमित श्रमिक शिक्षा गतिविधियों के साथ-साथ 'पूर्व शिक्षा की पहचान'(आर पी एल) और विभिन्न सरकार

अपने अस्तित्व की सुरक्षा से जूझती गौरैया

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०  श्याम कुमार कोलारे ०    "गौरैया की चहचहाहट से, भोर हुआ करती थी, गौरैया से करलव से, दिन-रजनी से मिला करती थीl" एक समय था जब हमारा जीवन गांवो में बसा करता था l जहाँ हमारे चारों ओर ग्रामीण परिवेश में बसे जीव-जन्तु निवास करते थे, उन्मुक्त गगन में जब हम इन जीव-जंतुओं के इर्दगिर्द रहते तो जमीन से जुड़े हुए होने का यथार्त आनंद की अनुभूति करते थे l हम सभी को याद होगा कि उन जीवों में से एक नन्ही सी चिड़िया गौरैया भी हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हुआ करती थी, इसकी चहचहाहट से ही दिन की शुरुआत होती थी, और इनके करलब से ही दिन का प्रकाश शांत होता था l  सभी के घर-आँगन की शोभा गौरैया हमारे आसपास अपना जीवन बड़े उमंग से व्यतीत करती थी l हमारे घर के नन्हे बच्चे गौरैया के पीछे-पीछे भागते-दौड़ते और साथ खेला करते थे l उस समय की कल्पना से ही मन में जैसे उमंग भर जाती हैl इस सुखद यादें अपने मन में रखे इस नन्हा सा जीव गौरैया को देख अब लगता है जैसे यह हमसे रूठ गयी है l बहुत-बहुत दिनों तक इसके दर्शन नहीं होते हैl उसकी चहचहाहट, करलब की ध्वनी को सुनने के लिए मन फिर से मचल उठता है l  उसकी फुदक के साथ हमारे

देश में तालाबों के हालात बद्तर, जिम्मेदार कौन

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० राम भरोस मीणा ०  हर वर्ष गर्मियां शुरू होते ही पानी की किल्लत जोरों से प्रारम्भ हो जाती है। कहीं पीने के पानी की समस्या है तो कहीं कृषि की सिंचाई के पानी की समस्या मुंह बाये खडी़ है। वैसे यह समस्या तो हर वर्ष दिसम्बर- जनवरी के आने के साथ ही प्रारंभ हो जाती है जो मई -जून आते-आते अपना असर दिखाने लगती है। पिछले एक - डेढ़ दशक से यह हर वर्ष विशेष रूप में दिखाई देने लगी है। जहां तक जल स्तर का सवाल है, देश में जल स्तर भी प्रति वर्ष लगातार तेजी से गिरता जा रहा है। अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर इस सबका जिम्मेदार कौन है? प्रकृति, सरकार या स्वयं मानव ?  इस समस्या पर चिंतन बहुत जरूरी है। क्योंकि यह किसी एक व्यक्ति विशेष की समस्या नहीं है बल्कि यह तो सभी की समस्या है। इससे कोई अछूता नहीं है। तात्पर्य यह कि दावे कोई कुछ भी करे, हकीकत में इसकी मार से कोई बच ही नहीं सकता। वह चाहे मध्य प्रदेश हो, छत्तीसगढ़ हो, महाराष्ट्र हो, राजस्थान हो, हरियाणा हो या राजस्थान या फिर उत्तर प्रदेश ही क्यों न हो, देश का कोई राज्य, महानगर इस समस्या से अछूता नहीं है। राजस्थान को ही लें, यहां का पश्चिमी भाग रेतीले धोरों