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उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए 53 कौशल प्रशिक्षकों को पुरस्‍कृत किया गया

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नयी दिल्ली - कौशलाचार्य पुरस्‍कार प्रत्‍येक वर्ष आयोजित किया जाएगा। इससे कौशल प्रशिक्षकों के योगदान को पहचान मिलेगी। अनुमान है कि 2022 तक भारत में 2.5 लाख प्रशिक्षकों की आवश्‍यकता होगी। मंत्रालय ने ऐसे कार्यक्रमों की शुरुआत की है जिससे राष्‍ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्‍थान की अवसंरचना और क्षमता का प्रभावी उपयोग होगा। प्रशिक्षकों को और भी बेहतर बनाने के लिए एनआईएमआई, एनएसटीआई, केंद्रीय कर्मचारी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्‍थान (सीएसटीआरआई) जैसे संगठन साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। एनएसटीआई, आईटीआई, जेएसएस तथा अन्‍य प्रतिष्ठित संस्‍थानों के प्रशिक्षकों तथा विश्‍व कौशल प्रतियोगिता के विजेताओं समेत 53 प्रशिक्षकों को उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए सम्‍मानित किया गया। इस अवसर पर मंत्रालय ने अगस्‍त 22-27 तक कजान, रूस में आयोजित वर्ल्‍ड स्किल प्रतियोगिता 2019 के दौरान पदक जीतने वाले 19 प्रतिभागियों को भी सम्‍मानित किया गया। इस प्रतियोगिता में भारत ने एक स्‍वर्ण, एक रजत और दो कांस्‍य पदकों सहित 15 उत्‍कृष्‍ट पदक जीते थे। 63 देशों में भारत को 13वां स्‍थान मिला। सामान्‍य प्रशिक्षण निदेशालय (डीजीटी) के प्रशिक

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत राज्‍यों और जिलों को सम्‍मानित किया जाएगा

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नयी दिल्ली - बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी, 2015 में हुई थी। अब यह 640 जिलों में लागू हैं और इन सभी जिलों को मीडिया अभियान में शामिल किया गया है। इन जिलों में से 405 बहुक्षेत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल है जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए डीएम/डीसी को सीधे केन्द्र प्रायोजित योजना के तहत 100 प्रतिशत सहायता दी जाती है। केन्‍द्रीय महिला और बाल विकास तथा वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी उन जिलों और राज्यों को सम्मानित करेंगी जिन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) को सफलतापूर्वक लागू किया है। सम्मान और पुरस्कार समारोह आज नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर राज्य मंत्री देबाश्री चौधरी सम्मानित अतिथि होंगी। कार्यक्रम का उद्देश्य उन राज्यों और जिलों को सम्मानित करना है जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों की स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के अनुसार जन्म के समय लिंग अनुपात सुधारने में कामयाब हुए हैं और जिन्होंने जागरूकता पैदा करने और आगे बढ़ने में उत्‍कृष्‍ट कार्य किया है। इस अवसर पर केन्‍द्रीय महिला और बाल विकास मंत्री 5 राज्‍यों के प्रधान सच

राष्‍ट्रपति ने 46 शिक्षकों को उनके असाधारण योगदान के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार प्रदान किए

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नयी दिल्ली - राष्‍ट्रपति ने शिक्षकों से ज्ञान और विवेक से सम्‍पन्‍न नई पीढ़ी तैयार करने का आग्रह किया ताकि नई पीढ़ी सभी समकालीन चुनौतियों का सफल समाधान कर सके। राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक समारोह में देश के 46 शिक्षकों को उनके असाधरण योगदान के लिए पुरस्‍कार प्रदान किए। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक'और मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री धोत्रे संजय शामराव भी उपस्थित थे। इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि चरित्र निर्माण की आधारशिला स्‍कूलों में रखी जाती है। शिक्षा का मुख्‍य उद्देश्‍य विद्यार्थियों को अच्‍छा इंसान बनाना है। उन्‍होंने कहा कि शिक्षक यह कार्य विद्यार्थियों में ईमानदारी और अनुशासन का महत्व बताकर करते हैं। इन मूल्‍यों वाला बेहतर इंसान प्रत्‍येक क्षेत्र में अच्‍छा साबित होगा। शिक्षक विद्यार्थियों को अच्‍छा इंसान बनाकर राष्‍ट्र निर्माण प्रक्रिया में योगदान करते हैं।       राष्‍ट्रपति ने कहा कि आज विश्‍व सूचना के युग से ज्ञान के युग में बढ़ रहा है, लेकिन केवल ज्ञान से ही मानव सभ्‍यता की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होगी। ज्ञान के साथ-साथ विवेक आवश्‍यक

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने निगम शिक्षक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया

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नयी दिल्ली - सत्य साईं सभागार,लोदी रोड में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने निगम शिक्षक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया इसमें चारों क्षेत्र पश्चिमी, नजफगढ़, मध्य व दक्षिणी के उत्कृष्ट मुख्य अध्यापकों / अध्यापकों व विशेष अध्यापकों को  महापौर सुनीता कांगडा, मेम्बर ऑफ़ पार्लियामेन्ट मीनाक्षी लेखी, शिक्षा विभाग के विभिन्न अधिकारी व शिक्षा सीमिति की अध्यक्ष नन्दिनी शर्मा व शिक्षा विभाग के डायरेक्टर शिरीष शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया । इस अवसर पर लेखिका और अध्यापिका सुषमा भंडारी द्वारा लिखित एक बाल पुस्तिका " नई कहानी" का विमोचन भी किया गया तथा अध्यापकों द्वारा ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किये गये।  पश्चिमी क्षेत्र के डी डी ई रिषिपाल राणा के दिशा निर्देशों का लाभ लेते हुये पश्चिमी क्षेत्र के खेल अध्यापक यशपाल चौहान, नर्सरी अध्यापिका उषा खन्ना, व पांच प्राइमरी अध्यापिकओं को सम्मानित किया गया।

सुविवि-आल इंडिया मीडिया कॉन्फ्रेंस-2019 का पोस्टर जारी

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उदयपुर । मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग एवम मीडिया एडवोकेसी संगठन लोक संवाद संस्थान जयपुर की संयुक्त मेजबानी में 27  से 29 सितम्बर  को स्वर्ण जयंती अतिथि गृह सभागार में  होने वाली तीन दिवसीय आल इंडिया मीडिया कांफ्रेंस का पोस्टर कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह राठौड़ ने जारी किया। इस अवसर पर सामाजिक विज्ञान एवम मानविकी महाविद्यालय की डीन प्रो साधना कोठारी, सामाज विज्ञान संकाय के चेयरमेन प्रो संजय लोढ़ा, रजिस्ट्रार हिम्मत सिंह भाटी तथा कांफ्रेंस के आयोजन सचिव एवम पत्रकारिता विभाग के प्रभारी डॉ. कुंजन आचार्य  उपस्थित थे। डिजिटल कम्युनिकेशन एंड एम्पावरमेंट: इमर्जिंग ओप्पोरचुनिटीज़ एंड की चैलेंजेज विषयक इस इंटरनेशनल कांफ्रेस में सात देशों सहित भारत के लगभग 300 मीडिया शिक्षक, शिक्षाविद, मीडिया पेशेवर, कॉर्पोरेट कम्युनिकेटर और सोशल मीडिया कार्यकर्ता भाग लेंगे।

बैडमिंटन स्‍टार पी.वी. सिंधु का अभिनंदन

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नयी दिल्ली -  प्रधान ने पी.वी.सिंधु को सामाजिक बदलाव लाने में सक्षम एक युवा आइकन (युवाओं का आदर्श) बताया। इसके साथ ही प्रधान ने सुश्री सिंधु को विभिन्‍न राष्‍ट्रीय मिशनों जैसे कि स्‍वच्‍छ भारत अभियान, जल शक्ति अभियानऔर एकल उपयोग वाले प्‍लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के अभियान से लोगों को जोड़ने का आह्वान करने का सुझाव दिया।   पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्‍पात मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान से नई दिल्‍ली में स्‍टार शटलर पी.वी. सिंधु और उनके पिता पी.वी. रमण ने भेंट की। प्रधान ने पी.वी. सिंधु को राष्‍ट्रीय गौरव की संज्ञा देते हुए उन्‍हें बीडब्‍ल्‍यूएफ विश्‍व चैम्पियनशिप में स्‍वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी और उनका अभिनंदन किया। प्रधान ने आने वाले समय में होने वाली विभिन्‍न अंतर्राष्‍ट्रीय चैम्पियनशिप में भी  पी.वी. सिंधु की शानदार सफलता की कामना की जिनमें ओलम्पिक्स 2020 भी शामिल है। इस अवसर पर प्रधान ने सुश्री पी.वी. सिंधु और उनके पिता को भारत सरकार द्वारा नबाकलेबार समारोह के अवसर पर जारी एक स्‍मारक सिक्‍का और ओडिशा की एक पारंपरिक शॉल भेंट स्‍वरूप दी। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्‍पात मंत्

प्लास्टिक की खपत कम करने के लिए कपड़ा/जूट बैग को प्रोत्साहित किया जाएगा

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नयी दिल्ली - उर्वरक विभाग द्वारा एकल उपयोग प्लास्टिक की खपत कम करने का यह छोटा कदम है, लेकिन यह लोगों को अच्छे विकल्प के प्रति जागरूक करेगा और इससे भारत की ग्रामीण महिलाओं की आय और आजीविका में सुधार होगा। आशा है कि कर्मचारी कपड़े के बैग का न केवल दैनिक उपयोग में काम लाएंगे, बल्कि वे प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए उत्साहित होंगे और बड़े पैमाने पर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन करेंगे। साथ-साथ स्वयं सहायता समूहों का स्थानीय उत्पादों से उन्हें अतिरिक्त आय होगी। उर्वरक विभाग एकल उपयोग प्लास्टिक की खपत घटाने के लिए सभी प्रयास करने के लिए संकल्पबद्ध है। एकल उपयोग वाले प्लास्टिक जैविक रूप से नष्ट नहीं होते और हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। एकल उपयोग प्लास्टिक पर कारगर पाबंदी तभी लग सकती है जब बाजार में विकल्प उपलब्ध हो। स्थानीय स्तर पर बने कपड़ा/जूट के बैग अच्छे विकल्प हो सकते हैं। कपड़े के ऐसे बैगों की सिलाई और विपणन के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है। इस अवसर को देखते हुए उर्वरक विभाग ने स्वच्छता पखवाड़ा और स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान अपने कर्मचारियों को