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JIFF 2020 में छाएगा चीन की फिल्मों का जादू

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जयपुर । गुलाबी शहर की गुलाबी सर्दियों में जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (JIFF) । दुनिया भर में अपनी ख़ास पहचान  जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल  [ जिफ ]   का 12वां संस्करण होने जा रहा है। सिने प्रेमियों के लिए यह जानना किसी खुशखबरी से कम नहीं है कि  जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ट्रस्ट  और  आर्यन रोज़ फाउण्डेशन की ओर से आयोजित जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल [ जिफ] का आगाज़ आगामी वर्ष 17 से 21 जनवरी को आयनॉक्स सिनेमा हॉल,जी.टी. सेन्ट्रल में होने जा रहा है। जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल   इस बात के लिए जाना जाता है कि यहां दुनिया भर के देशों से आई फिल्में दिखाई जाती हैं। सिनेप्रेमियों के लिए यह जानना ख़ास होगा कि जिफ 2020 में चीन से आई कई फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।चीनी फिल्मों में इन दा मड| नैगिंग| दा जोकर| फीलिंग्स टू टैल| मोज़ैक पोट्रेट| हैवी क्रेविंग|   दा नॉट|प्रॉहिबिट रिटर्न|अनस्टॉपेबल| रिडिकुलस स्कॉलर|ब्लडी डेज़ी और सन राइज़ेस फ्रॉम दा ईस्ट पोल का प्रदर्शन ख़ास रहेगा। इन दा मड यह शॉर्ट फिक्शन फिल्म 21वीं सदी में चीन के सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार के बारे में है। वर्ष 2

सामाजिक,धार्मिक व सांस्कृतिक विसंगतियों का आइना है "अपना हाथ जगन्नाथ"

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उपन्यास अलग तरह के धर्म, मजहब,संस्कृति, समाज, देश की प्रचलित धारणाएं लेकर सामने आया है । उपन्यास में जितेन्द्र और सायमा वह कड़ी है जो एक पात्र को दूसरे पात्र से जोड़ता है व एक घटना को दूसरी घटना से जोड़ती है ,जो प्रारंभ से अंत तक चलती हैं । उपन्यासकार ने इस कथा के माध्यम से सामाजिक,धार्मिक व सांस्कृतिक विसंगतियों के  समाधानों की ओर संकेत दिए हैं।कथा नायक के जीवन के विविध पक्षों को विविध पात्रों के माध्यम से उभारा है। यथा-अपना हाथ जगन्नाथ का कथा सूत्र जुडता है तो  अविरल चलता है । इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं कि उपन्यास में हिम्मत और विश्वास को चेहरा दिया है ।पात्रों का  वर्णन रचनाकार ने बखूबी तन्मयता से किया है । कथाकार का मन स्वयं विषयवस्तु से एकाकार होकर चले तभी पाठक भी उससे एकाकार हो सकता है । यही कृति का सच है । उपन्यास प्रारंभ से ही कौतूहल बनाए रखता है।जिससे पठनीयता का सिलसिला जानकारियों के साथ चलता चला जाता है ।   हिन्दी साहित्य के समकालीन परिदृश्य में नरेंद्र लाहड़ एक सुपरिचत नाम है। जो बिना किसी शोर-शराबे के निरन्तर अपनी साहित्य सर्जना करते रहे हैं। समसामयिक जनजीवन के प्रतिदिन बदलत

महाराणा प्रताप के 17वें वंशज महाराज शिवदान सिंह राणावत से मुलाकात

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नए साल 2020 पर नया संकल्प,नई उम्मीद के संग संदेश

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