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बनो चैंपियन कार्यक्रम के तहत खेल प्रशिक्षक बनने के लिए 60 स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण

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० योगेश भट्ट ०  जयपुर : एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने अपनी सीएसआर परियोजना 'बनो चैंपियन' के तहत राजस्थान के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के खेल प्रशिक्षकों के लिए जयपुर में 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। राजस्थान भर में 30 स्थानों पर स्थापित इस परियोजना ने 30 नए स्थानों पर आधार को लक्ष्य किया है, जिसमें 6000 से अधिक छात्रों ने गोपाल सैनी, अर्जुन पुरस्कार विजेता और अध्यक्ष, राजस्थान एथलेटिक्स एसोसिएशन, अदिति मुताटकर - राष्ट्रमंडल में रजत पदक विजेता जैसे 60 पेशेवर प्रशिक्षित कोचों के तहत नामांकित किया है। खेल और अन्य।खेल प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम 5 दिनों तक जारी रहा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में फुटबॉल, थ्रोबॉल और एथलेटिक्स जैसे खेल शामिल थे। महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए, कार्यक्रम में लड़कियों को प्रशिक्षण देने और बाल संरक्षण मॉड्यूल पर अंतर्दृष्टि साझा करने के सत्र भी शामिल थे। बनो चैंपियन परियोजना और खेल प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए, चीफ ऑफ स्टाफ योगेश जैन ने कहा, “खेल उन प्रमुख क्षेत्रों में से एक है जहां एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक

हर दिन 10 लाख साल के बराबर का समय सोशल मीडिया पर होता है खर्च'

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०  योगेश भट्ट ०  इंदौर । ''आज हम ऐसे दौर में रह रहे हैं, जहां सूचनाओं का अंबार है और रोजमर्रा की बातचीत में 'पोस्ट ट्रूथ' जैसे शब्द शामिल हो गए हैं। तकनीक के विकास के साथ ही सूचनाओं का अंबार भी लगातार बढ़ता जा रहा है। फेक न्यूज अपने आप में एक बड़ा व्यापार बन गई है और डिजिटल मीडिया ने भी इसे प्रभावित किया है। ऐसे में 'मीडिया लिटरेसी' की आवश्यकता और बढ़ जाती है।'' यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला द्वारा आयोजित 'स्वराज अमृत महोत्सव व्याख्यान' के दौरान व्यक्त किए। इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली सिंह नरगुंडे, ब्रह्माकुमारीज, इंदौर से बीके अनीता, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.अर्पण जैन और वरिष्ठ पत्रकार श्री मुकेश तिवारी भी मौजूद रहे। मीडिया साक्षरता की आवश्यकता क्यों?' विषय पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि जब कोई बात सत्य से परे हो, जब झूठ और सच में कोई अंतर न हो, जब