पत्रकारिता के नाम पर मीडिया सत्यकथा और मनोहर कहानियां जैसे कटेंट दे रहा है
० आशा पटेल ० जयपुर। भारत सेवा संस्थान की ओर से प्रेस की स्वतंत्रता पर कार्यक्रम में विधि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं विधिवेत्ता फैजान मुस्तफा ने प्रेस की आजादी की लेकर कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी चाहिए तो जनता प्रेस को लागत का पूरा भुगतान करे। वे प्रेस की स्वतंत्रता के सूचकांक में भारत की स्थिति पर बोले कि स्कैंडिनेवियाई देश की तरह रैंकिंग ऊपर होनी चाहिए थी, लेकिन हम इस्लामिक देशों की तरह नीचे गिरते जा रहे हैं। मुस्तफा यहां प्रेस की स्वतंत्रता पर भारत सेवा संस्थान एवं जवाहर कला केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उद्घोषिका ज्योति जोशी द्वारा प्रेस की स्वतंत्रता पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संदेश भी पढ़ कर सुनाया गया । मुस्तफा ने हेट स्पीच को लेकर कहा कि सेंसरशिप इलाज नहीं है, बोलने दिया जाएगा तभी तो सच सामने आएगा। उन्होंने राजद्रोह की 'आलोचना करते हुए कहा कि देवबंद के अंग्रेजों के खिलाफ फतवा जारी करने के कारण यह धारा जोड़ी गई थी . उन्होंने एक देश एक विधान को लेकर कहा कि अमरीका में तो हर राज्य का अपना संविधान है, क्या अ